लखनऊ में रविवार को समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर महाब्राह्मण महापंचायत हुई। इसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। यह सामान्य वर्ग और खासकर ब्राह्मण को सपा से जोड़ने की मुहिम का हिस्सा है।
यही वजह है कि कल यानी 23 दिसंबर को सपा कार्यालय पर प्रबुद्ध वर्ग की बैठक भी हुई। इसमें मौजूद सभी पदाधिकारी स्वामी प्रसाद मौर्य की विवादित बयान को लेकर नाराज दिखे। उन्होंने अखिलेश यादव की मौजूदगी में कहा कि इस बयान से समाजवादी पार्टी को बहुत नुकसान हुआ है और लगातार हो भी रहा है।
सपा को 2022 के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा नुकसान स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान की वजह से हुआ। उन्होंने हिंदू और ब्राह्मण वर्ग को लेकर बोला है। जिससे सभी दुखी हुए और समाजवादी पार्टी से दूर होते गए।
अखिलेश यादव ने सभी की बात सुनने के बाद यह माना कि स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान गलत है। तमाम लोगों ने इस बात की शिकायत भी की। किसी भी धर्म जाति वर्ग को लेकर टिप्पणी करना गलत है। हम सभी जाति और सभी धर्म का सम्मान करते हैं।
समाजवादी पार्टी के लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय के बाहर रविवार को महाब्राह्मण महापंचायत में शामिल होने पहुंचे राष्ट्रीय कार्यरत पार्टी के पदाधिकारी।
समाजवादी पार्टी के लखनऊ स्थित प्रदेश कार्यालय के बाहर रविवार को महाब्राह्मण महापंचायत में शामिल होने पहुंचे राष्ट्रीय कार्यरत पार्टी के पदाधिकारी।
आज हुई राष्ट्रीय महापंचायत का आयोजन कार्यरत पार्टी की तरफ से किया गया। इसमें फैसला लिया गया कि महाब्राह्मण जगह-जगह जाकर सपा का प्रचार करेंगे। राष्ट्रीय कार्यरत पार्टी के अध्यक्ष टुनटुन पांडेय आज के कार्यक्रम के संयोजक थे।
सपा नेता मनोज पांडेय ने बताया कि महाब्राह्मण पंचायत में आज फैसला लिया गया है कि महाब्राह्मण उत्तर प्रदेश के हर जिले में जाकर समाजवादी पार्टी के पक्ष में प्रचार करेंगे। समाजवादी पार्टी महाब्राह्मण के पक्ष में और उनके हित में काम कर रही है। ब्राह्मणों में आधी आबादी महाब्राह्मण की है। ऐसे में महाब्राह्मण वर्ग का यह मानता है की PDA की तरह ब्राह्मणों में पिछड़े और शोषित महाब्राह्मण वर्ग की पैरवी समाजवादी पार्टी करेगी।
इसके एक दिन पहले यानी 23 दिसंबर को ही सपा पार्टी कार्यालय पर प्रबुद्ध वर्ग की बैठक हुई। इसमें अखिलेश यादव भी शामिल हुए थे। बैठक में स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों का मुद्दा उठा। प्रबुद्ध वर्ग के लोगों ने इसका विरोध जताया। इस दौरान अखिलेश यादव ने स्वीकार किया कि किसी भी धर्म-जाति वर्ग पर टीका टिप्पणी करना गलत है। उन्होंने कहा कि पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य की ओर से दिया गया बयान सही नहीं है
समाजवादी पार्टी के विभिन्न प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय और प्रदेश के पदाधिकारी आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर बैठक कर रहे हैं। तमाम बैठकों में अखिलेश यादव स्वयं मौजूद रह रहे हैं। समाजवादी पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ये बैठक आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी को लेकर की जा रही है। प्रदेश और राष्ट्रीय टीम के पदाधिकारी के साथ प्रत्येक वर्ग और जाति के नेताओं को जोड़ने का सिलसिला जारी है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के फ्रंटल विंग और विभिन्न प्रकोष्ठों के टीम भी बैठक कर रही है।
यूपी में सपा सबसे बड़ा विपक्षी दल हैं। ऐसे में सपा यूपी में ‘इंडिया’ गठबंधन की कमान संभाल सकती है। वहीं लोकसभा चुनाव से पहले शिवपाल यादव को भी अहम जिम्मेदारियां मिल सकती है। सपा में वापसी के बाद शिवपाल लगातार पार्टी को मजबूत बनाने के काम कर रहे हैं।
पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया, इसके साथ ही उन्हें यूपी का प्रभारी भी बनाया गया। शिवपाल यादव अब सपा में अखिलेश यादव के बाद दूसरे नंबर पर आते हैं। इसके साथ ही उनके बेटे आदित्य यादव को भी पार्टी में अहम ज़िम्मेदारी दी गई है।