मध्य प्रदेश में मदरसा, चर्च, स्कूल पर शिकंजा, धर्मातरण में मदद की तो छिनेगी सरकारी जमीन और अनुदान

मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार लव जिहाद रोकने के लिए बनाए जा रहे धर्म स्वातंत्रय विधेयक को विधानसभा में पेश करने से पहले सख्ती के कई प्रावधान शामिल कर रही है। इसमें जो नया प्रावधान जोड़ा जा रहा है। उसमें मदरसा, स्कूल या चर्च जैसी धार्मिक संस्थाओं पर भी शिकंजा कसा जा रहा है। ऐसी संस्थाओं द्वारा यदि लव जिहाद व धर्मांतरण में किसी तरह की मदद की गई तो सरकार उन्हें दी गई सारी सुविधाएं वापस ले लेगी। उनका अनुदान बंद कर दिया जाएगा। यदि उन्हें सरकारी जमीन मिली है तो वह भी वापस ले ली जाएगी। लव जिहाद पर यह विधेयक इसी महीने के अंतिम सााह में विधानसभा से पारित कराया जाएगा।
लव जिहाद जैसे मामलों में कभी-कभी धार्मिक संस्थाओं की भूमिका भी सामने आती है। ये संस्थाएं इस तरह के मामलों को धर्म प्रचार से जोड़कर देखती हैं। जब मामला तूल पकड़ता है तो इन संस्थाओं के प्रमुख राजी मर्जी से शादी की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं। यदि इनकी भूमिका भी तय की जाती है तो वे कानूनी दायरे में आने के डर से इस प्रकार के कार्यों से दूर रहेंगे। गौरतलब है कि लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने को लेकर मध्य प्रदेश सरकार काफी सतर्कता बरत रही है। साथ ही, अन्य राज्यों से सख्त कानून बनाने की दिशा में काम किया जा रुहा है। शुरुआत में इसमें दोषियों पर पांच साल की सजा की बात कही गई, लेकिन बाद में सजा बढ़ाकर दस साल करने की मांग ने जोर पकड़ा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कहा कि दोषियों के लिए दस साल की सजा का प्रावधान किया जाएगा। बाद में नाबालिग लड़की से विवाह में सजा का अतिरिक्त प्रावधान जोड़ने पर भी काम किया गया।

लव जिहाद को लेकर बनाए जाने वाले कानून में सख्त से सख्त प्रविधान किए जाएं, इस पर भाजपा संगठन और सरकार के सभी मंत्री और विधायक एकमत हैं। सरकार के मंत्री और संगठन के पदाधिकारी इस बारे में सार्वजनिक रूप से बयान देते रहे हैं। विधानसभा में इस विधेयक को रखने से पहले सभी पहलुओं पर गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसके पीछे कारण यह है कि कानून बनने के बाद अदालती चुनौती से इसे सुरक्षित रखा जा सके।
मध्य प्रदेश विधानसभा के सामयिक अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) रामेश्वर शर्मा ने कहा कि लव जिहाद दो संप्रदायों के बीच कौमी संघर्ष को बढ़ावा देता है। देश के नौ राज्य इसे रोकने के लिए कानून बना रहे हैं। लव जिहाद को बढ़ावा देने वाली एजेंसियां भी शांति भंग करने और पाक प्रायोजित कट्टरता को स्थापित करने में मदद प्रदान कर रही हैं, इसलिए ऐसी एजेंसियों पर शिकंजा कसा जा रहा है। नए कानून में यह नहीं चलेगा कि सरकारी जमीन और अनुदान लेकर लव जिहाद की बैठक करो, धर्मातरण को बढ़ावा दो । इस सुनियोजित षड्यंत्र को रोका जाएगा। मुख्यमंत्री भी कानून को कठोर बनाने पर सहमत हैं।

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं

-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.

-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.

-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.

अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g

आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ