मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार एक के बाद एक बड़े फैसले कर रही है। सरकार ने फैसला किया है कि जो गरीब हैं और जिनके पास राशन कार्ड भी नहीं है उनको पहली सितंबर से प्रति परिवार के हिसाब से एक रुपये प्रति किलो नमक, गेहूं और चावल जबकि 1.5 रुपये प्रति लीटर किरोसिन तेल दिया जाएगा। खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने इसकी घोषणा की। गरीबों को अनाज का यह वितरण राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (National Food Security Act) के अंतर्गत किया जाएगा।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को भी एक बड़ा फैसला किया था। उन्होंने घोषणा की थी कि सरकार ने फैसला किया है कि मध्य प्रदेश की शासकीय नौकरियां अब केवल प्रदेश के बच्चों को दी जाएंगी और इसके लिए जरूरी कानूनी प्रावधान किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि हम नहीं चाहते हैं कि मध्य प्रदेश के युवाओं का भविष्य बेरोजगारी भत्ते की बैसाखी पर टिका रहे। जो यहां का मूल निवासी है वही शासकीय नौकरियों में आकर प्रदेश का भविष्य संवारे यही मेरा सपना है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कल इस फैसले पर कहा था कि राज्य में निकट भविष्य में 27 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होना है, इसलिए युवा वर्ग को लुभाने के लिए यह एलान किया गया है। कांग्रेस का कहना है कि यदि मुख्यमंत्री की मंशा प्रदेश के नौजवानों को ही नौकरी में लाने की होती तो सरकारी नौकरियों के साथ-साथ निजी क्षेत्रों में भी यहां स्थापित होने वाले उद्योग- फैक्ट्रियों में मध्य प्रदेश के युवाओं को ही नौकरियां मिलें ऐसा प्रावधान कराना चाहिए।