लखनऊ विश्वविद्यालय ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं। इसके लिए गणित और खगोल विज्ञान विभाग की प्लेनोटोरियम को देश की पहली स्वदेशी खगोल विज्ञान शोधशाला के रूप में स्थापित किया जाएगा।
शुक्रवार को LU और गोरखपुर की व्राटिनो टेक्नोलॉजी में भारतीय खगाल तकनीक को बढ़ावा देने के लिए MOU हुआ। इस दौरान कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय और व्राटिनो के निदेशक सचिन्द्र नाथ मौजूद रहे।
कुलपति प्रो.आलोक राय ने बताया कि अंतरिक्ष अनुसंधान और अंतरिक्ष जागरूकता कार्यक्रम के लिए नई तकनीक और उपकरण विकसित करने में व्राटिनो मदद करेगा। अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. पूनम टंडन का कहना है कि MOU इसी शैक्षिक सत्र से होगा। मुख्य ध्यान अंतरिक्ष विज्ञान और खगोलश सामग्री के विकास पर होगा। उन्होंने कहा कि LU और व्राटिनो टेक्नोलॉजी मिलकर भारत को उसकी पहली स्वदेशी खगोल विज्ञान शोधशाला स्थापित करेंगे। जिससे भारत को आकाशगंगा में एक नई ऊंचाइयों तक ले जाया जा सके।
लखनऊ विश्वविद्यालय में अब शोध कार्य के लिए विजिटिंग फैकल्टी ने आना शुरू हो गया हैं। इसके तहत शुक्रवार को सुदूर पश्चिमी विश्वविद्यालय के सहायक आचार्य तीर्थ राज पनेरू LU कैंपस पहुंचे। यहां भौतिक विज्ञान के शिक्षक का स्वागत किया गया। पूनम टंडन ने कहा कि नेपाल के शिक्षक को उनके विषय पर रिसर्च करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय से फेलोशिप प्राप्त हुई है। वह अगले 6 महीने तक भौतिक विज्ञान विभाग में अपना रिसर्च कार्य करेंगे।