(द दस्तक 24 न्यूज़) 24 मई 2025 उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर शुरू हो चुकी हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस महासमर की रूपरेखा तैयार कर ली है, जिसमें गांवों का नए सिरे से परिसीमन एक अहम कदम होगा। सूत्रों की मानें तो ये चुनाव जनवरी-फरवरी 2026 में होने की संभावना है, जो 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले एक सेमीफाइनल की तरह होगा।
नए परिसीमन का क्या है मकसद
पंचायत चुनाव से पहले गांवों का परिसीमन नए सिरे से किया जाएगा। इसका उद्देश्य ग्राम पंचायतों की सीमाओं को और स्पष्ट करना, जनसंख्या के आधार पर पंचायतों का पुनर्गठन करना और प्रशासनिक दृष्टिकोण से मतदान प्रक्रिया को और सुगम बनाना है। इसके लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला प्रशासन को निर्देश जारी किए हैं कि वे जल्द से जल्द परिसीमन की प्रक्रिया शुरू करें। इस प्रक्रिया में ग्राम पंचायतों की संख्या में बदलाव भी हो सकता है, जिससे कुछ नए गांवों का गठन हो सकता है।
चुनाव की संभावित समय-सीमा
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, पंचायत चुनाव अप्रैल-मई 2026 तक संपन्न हो सकते हैं। हालांकि, कुछ सूत्रों का कहना है कि जनवरी-फरवरी 2026 में भी मतदान की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। उत्तर प्रदेश में कुल 57,691 ग्राम पंचायतें, 826 ब्लॉक और 75 जिला पंचायतें हैं, जिनमें लाखों प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमाएंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने मतपेटियों की आपूर्ति और अन्य व्यवस्थाओं के लिए ई-टेंडर भी जारी कर दिए हैं, जो इस बात का संकेत है कि तैयारियां अब अंतिम चरण में हैं।
मतदाता सूची का पुनरीक्षण
चुनाव से पहले मतदाता सूची को भी अपडेट किया जाएगा। इसके लिए अप्रैल 2025 से मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम शुरू होने की संभावना है। इस दौरान नए मतदाताओं को जोड़ा जाएगा और पुरानी सूची में सुधार किया जाएगा। इस प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए आयोग ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
राजनीतिक दलों की रणनीति
पंचायत चुनाव को विधानसभा चुनाव से पहले एक बड़े राजनीतिक मंच के रूप में देखा जा रहा है। सभी प्रमुख दल, जैसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस, अपनी रणनीति को धार देने में जुट गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए ये दल अभी से कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर रहे हैं। खास तौर पर, भाजपा ने पिछले पंचायत चुनाव में शानदार प्रदर्शन किया था और इस बार भी वह अपनी जीत को दोहराने की कोशिश में है।
चुनाव का महत्व
पंचायत चुनाव न केवल ग्रामीण नेतृत्व को चुनने का अवसर प्रदान करते हैं, बल्कि ये ग्रामीण विकास की दिशा भी तय करते हैं। ग्राम प्रधान, जिला पंचायत सदस्य और ब्लॉक प्रमुख जैसे पदों पर चुने गए प्रतिनिधि स्थानीय स्तर पर विकास कार्यों को गति देते हैं। साथ ही, यह चुनाव ग्रामीण मतदाताओं की राजनीतिक जागरूकता को भी दर्शाता है।
आम जनता में उत्साह
पंचायत चुनाव की तैयारियों की खबर से ग्रामीण क्षेत्रों में उत्साह का माहौल है। लोग अपने गांव के विकास और नेतृत्व को लेकर चर्चा कर रहे हैं। खासकर युवा वर्ग इस बार चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने की तैयारी में है। कई युवा सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात रख रहे हैं और गांव के मुद्दों को उठा रहे हैं।
राज्य निर्वाचन आयोग का कहना है कि वह निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था से लेकर मतदान केंद्रों की व्यवस्था तक सभी तैयारियां समय पर पूरी की जाएंगी। अब देखना यह है कि यह पंचायत चुनाव कितना रोमांचक और परिवर्तनकारी साबित होगा।