उत्तर प्रदेश परिवहन निगम द्वारा जारी नए नियम के अनुसार प्रदेश में अब दिन में 35 और रात में 25 से कम सवारी होने पर रोडवेज बसों का संचालन नहीं किया जाएगा। परिवहन निगम की अपर प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग ने इसका आदेश जारी किया है। इस फैसले के पीछे घाटे से बचने का तर्क दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि सितंबर में यात्रियों की संख्या कम होती है। सितंबर के अंत में श्राद्ध और उसके बाद नवरात्र शुरू होंगे। इससे यात्री कम हो जाते हैं। ऐसे में लोड फैक्टर का ध्यान रखा जाए।
अपर प्रबंध निदेशक की ओर से जारी आदेश के मुताबिक रोडवेज को रोजाना 20 करोड़ रुपये राजस्व जुटाने का लक्ष्य दिया गया है, जबकि रोडवेज इससे काफी पीछे है। इसे देखते हुए 55% से कम लोड फैक्टर होने पर रात्रिकालीन सेवाएं संचालित न की जाएं। हालांकि, जिन रूटों पर एक ही बस चलती है, उनका संचालन किया जा सकेगा। आदेश में कहा गया है कि यात्रियों के कम होने पर उन्हें दूसरी बसों में ट्रांसफर किया जाए।
ग्रामीण सेवाओं का भी टाइम टेबल तय करते हुए आदेश में कहा गया है कि ग्रामीण रूटों पर संचालित बसें शाम सात बजे तक गंतव्य स्थल पर पहुंच जाएं और सुबह सात बजे से पहले वहां से न चलें। इसके लिए चालक-परिचालक संबंधित गांव में एक दिन का विश्राम करें। ऐसे में इन रूटों पर दो बसों का संचालन किया जाए।