(द दस्तक 24 न्यूज़) 05 सितंबर 2024 कुशवाहा मौर्य शाक्य सैनी कल्याण एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरीश चंद्र कुशवाहा एवं वरिष्ठ पत्रकार ने संगठन के चौक कार्यालय लखनऊ में बिहार के लेनिन बाबूब एवं समाज के नेता स्वर्गीय नेता जगदेव प्रसाद कुशवाहा के शहीद दिवस पर उनकी प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा स्वर्गीय कुशवाहा शोषितों व वंचितों एवं मजलूमों व उपेक्षित लोगों के लिए शोशित समाज को जगाने जब समाज के नेता एवं बिहार के उपमुख्यमंत्री लेनिन बाबू जगदेव प्रसाद कुशवाहा जब सामाजिक आंदोलन को छेड़ा तो विरोध करने वालों ने उन्हें गोली मारकर हत्या कर दी उनके शहीद दिवस 5 सितंबर पर उत्तर प्रदेश के राजनीतिक दलों से जुड़े समाज के एवं राजनीतिक दलों के मठाधीश उनको श्रद्धांजलि देने की जूरूरत नहीं समझे परंतु राजधानी लखनऊ का एक दल ने अपने कार्यालय पर श्रद्धांजलि स्वर्गीय लेनिन बाबू जगदेव प्रसाद को अर्पित कर वंचित समाज को अपनी तरफ आकर्षित करने का काम किया है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री कुशवाहा ने कहा समाज के प्रबुद्ध वर्ग के सभी राजनीतिक दल से जुड़े लोगों को यह संकल्प लेना चाहिए कि पहले वह समाज के नेता हैं बाद में वह राजनीतिक नेता है उनकी हैसियत समाज के उत्तर प्रदेश के 14% मतदाताओं के साथ होने के कारण उन्हें सम्मान राजनीतिक दल दे रहे हैं
श्री कुशवाहा ने कहा उत्तर प्रदेश में भाजपा, कांग्रेस, सपा ,बसपा की सरकार लेनिन बाबू जगदेव प्रसाद के समाज में जब-जब इन राजनीतिक दलों पर एकजुट होकर मतदान किया है तब तब इन दलों के मुखिया ने अपनी सरकार बनाई है और जिस जिस ने बाबू जगदेव प्रसाद के समाज की अपेक्षा की है इसी समाज ने उन उन दलों के सत्ता के तंबू उखाड़ कर फेंक दिए हैं ।
श्री कुशवाहा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कुशवाहा समाज जाग चुका है और अब 14 पर्सेंट वोट उसी राजनीतिक दल को 2027 में मिलेगा जो समाज का सम्मान करने का काम करेगा उन्होंने अफसोस जताया कि भाजपा और सपा तथा बसपा समाज का वोट तो लैना जानती है परंतु समाज के महापुरुषों के जन्मदिन एवं शहीद दिवस पर आयोजन करने के लिए नातो इनके पास कोई कार्य योजना है ना ही यह इस शौशित समाज के लिए आयोजन करते हैं यहां तक की इस समाज से जुड़े लोगों को भी अपने दल में राज्यसभा सांसद एवं सांसद तथा सदस्य विधान परिषद विधायक बनकर बस जोकर और नौकर की हैसियत से रखते हैं जिसका जीता जागता प्रमाण वर्तमान में राजनीतिक दलों के यहां अपना सम्मान बेचकर आगे पीछे हां हजूरी करते घूम रहे हैं क्योंकि समाज ने भी ऐसे नेताओं को चिन्हित किया है जो सता की कुर्सी पर बैठकर समाज की उपेक्षा करते हैं समाज भी अब धीरे-धीरे उनसे दूर होता जा रहा है।
मालूम हो आज उत्तर प्रदेश का समाज न्याय और सम्मान पाने के लिए सत्ता पक्ष के तथा कथित नेताओं के यहां पहुंचकर अपनी फरियाद करता है परंतु यह सत्ता के नशे में इतने चूर नेता है कि इन्हें समाज के लोगों से कोई लेना-देना नहीं है अगर कोई प्रार्थना पत्र देता भी है तो वह प्रार्थना पत्र न्याय मिलना तो दूर की बात है वह कार्यालय में ही गायब कर दिया जाता है जिससे समाज आज न्याय और सम्मान पाने से वंचित होता जा रहा है अगर यही स्थिति रही तो भाजपा सत्ता से बाहर अभी हुई तो इसके जिम्मेदार यह समाज के मठाधीसी होंगे समाज इसका जिम्मेदार नहीं होगा।