लखनऊ:उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा लिये गए महत्वपूर्ण निर्णय।

लखनऊ:(द दस्तक 24 न्यूज़) 06 मई, 2025 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद द्वारा निम्नलिखित महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

उ0प्र0 स्टेट कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इण्डिया

टूरिस्ट बस पार्क (स्थापना एवं विनियमन) नीति, 2025 का प्रख्यापन

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश स्टेट कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इण्डिया टूरिस्ट बस पार्क (स्थापना एवं विनियमन) नीति, 2025 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।

‘उत्तर प्रदेश स्टेज कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इण्डिया टूरिस्ट बस पार्क (स्थापना एवं विनियमन) नीति, 2025’ के अन्तर्गत बस अड्डों/पार्क की स्थापना हेतु आवेदन आमंत्रण एवं स्थापना सम्बन्धी कार्य हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्टेज कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इण्डिया टूरिस्ट पार्क नियामक प्राधिकारी का गठन किया जायेगा।

नियामक प्राधिकारी के अंतर्गत सदस्य के रूप में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक/पुलिस आयुक्त प्रणाली के जनपदों में पुलिस आयुक्त के द्वारा नामित अधिकारी, नगर आयुक्त, नगर निगम/सचिव, विकास प्राधिकरण/अधिशासी अधिकारी, नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत सचिव, सम्बन्धित तहसील के उप जिलाधिकारी, सम्बंधित सर्किल के पुलिस क्षेत्राधिकारी, सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन), सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक परिवहन निगम, अधिशासी अभियन्ता पी0डब्ल्यू0डी0 एवं अध्यक्ष द्वारा नामित कोई विषय विशेषज्ञ सम्मिलित होंगे।

स्टेज कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इण्डिया टूरिस्ट बस पार्क की स्थापना हेतु न्यूनतम 02 एकड़ भूमि होने तथा आवेदक का नेटवर्थ गत वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 50 लाख रुपये एवं टर्नओवर न्यूनतम 2 करोड़ रुपये प्राविधानित किया गया है। स्टेज कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इण्डिया टूरिस्ट बस पार्क की स्थापना हेतु आवेदक एक विधिक इकाई होगा तथा वह एकल (प्दकपअपकनंस) अथवा कंसोर्सियम (ब्वदेवतजपनउ) के रूप में आवेदन कर सकता है।

किसी आवेदक को प्रदेश में 10 से अधिक तथा एक जनपद में 02 से अधिक व एक ही मार्ग पर 01 से अधिक स्टेज कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इण्डिया टूरिस्ट बस पार्क स्थापित करने की अनुमति नहीं होगी। निजी निवेश से स्थापित होने वाले स्टेज कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इण्डिया टूरिस्ट बस पार्क को संचालित करने की अनुमति प्रथम बार 10 वर्ष के लिए दी जायेगी, तत्पश्चात संचालन संतोषजनक पाए जाने पर पुनः 10 वर्ष के लिए नवीनीकरण किया जा सकेगा।

नीति के अन्तर्गत स्टेज कैरिज बस अड्डा, कॉन्ट्रैक्ट कैरिज व ऑल इण्डिया टूरिस्ट बस पार्क के स्वामित्व का हस्तांतरण किसी विधिक इकाई को किया जा सकता है, किन्तु प्रतिबन्ध यह है कि स्वामित्व हस्तांतरण का आवेदन बस अड्डे के रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र के निर्गमन की तिथि से 01 वर्ष के पूर्व नहीं किया जा सकेगा।

नीति के अन्तर्गत नियामक प्राधिकारी द्वारा बस अड्डे के संचालक को सुनवाई का अवसर देने के पश्चात कतिपय स्थितियों में उनको निर्गत प्राधिकार पत्र के निलम्बन करने/निरस्तीकरण का प्राविधान किया गया है। नियामक प्राधिकारी के किसी आदेश से व्यथित होने पर बस अड्डे के संचालक द्वारा अपीलीय प्राधिकारी के रूप में सम्बन्धित मण्डल के मण्डलायुक्त के समक्ष अपील किये जाने का प्राविधान किया गया है।

वर्तमान में प्रदेश में स्टेज कैरिज बसों हेतु बस स्टेशन मुख्यतः उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम द्वारा निर्मित है एवं उनके स्वामित्व तथा नियंत्रणाधीन बसों के प्रयोग हेतु उपलब्ध है। निजी स्टेज कैरिज बस एवं कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बस हेतु अड्डों अथवा बस पार्क की संख्या लगभग नगण्य है। ऐसे में निजी बसें अधिकांशतः सड़कों पर अथवा खुले सार्वजनिक स्थानों में खड़ी की जाती है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बस अड्डों पर बसों की संख्या के अनुरूप पर्याप्त पार्किंग स्थान उपलब्ध न होने के कारण परिवहन निगम की बसों को भी प्रायः सड़कों पर खड़ा देखा जा सकता है।

ज्ञातव्य है कि देश में सड़कों के विस्तार के साथ-साथ पर्यटकों के आवागमन में भी वृद्धि हुई है। प्रदेश में भी कई एक्सप्रेस-वे संचालित होने के उपरान्त पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों पर यात्रियों की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। केन्द्र सरकार की ऑल इण्डिया टूरिस्ट बसों के लिये निर्धारित वार्षिक शुल्क जमा करा कर सम्पूर्ण भारत में संचालन की व्यवस्था प्रभावी हो जाने के उपरान्त, यात्रा के दौरान मार्ग में पड़ने वाले विभिन्न राज्यों के प्रति देय कर को प्रत्येक राज्य हेतु पृथक रूप से जमा कराये जाने की आवश्यकता समाप्त हो गयी है। इससे टूरिस्ट बस ऑपरेटर द्वारा अपने व्यवसाय को संचालित करना सरल एवं सुविधाजनक हो गया है।

इन नवीन प्रोत्साहनों के फलस्वरूप कुल पंजीकृत ऑल इण्डिया टूरिस्ट बसों की संख्या में भी वृद्धि हुयी है। इसी के साथ इनकी पार्किंग हेतु ऑल इण्डिया टूरिस्ट बस पार्क एवं निजी बस अड्डों की स्थापना की आवश्यकता प्रतीत हो रही है। अन्तर्राष्ट्रीय/अन्तर्राज्यीय पर्यटकों को होटल तक पहुँचाने के उपरान्त बसें प्रायः होटल परिसर के बाहर ही खड़ी हो जाती है, क्योंकि सभी होटलों में पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होती है।

प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी क्षेत्र में बस स्टेशन का निर्माण/रीमॉडलिंग शासकीय बजट से अथवा पी0पी0पी0 मॉडल के आधार पर किया जा रहा है, तथापि प्रदेश की जनसंख्या एवं इसका भौगोलिक विस्तार, वाहनों की बढ़ती संख्या, ब्लॉक, तहसील एवं जिला स्तर पर बस स्टेशन/बस पार्किंग स्थल की बढ़ती आवश्यकता के दृष्टिगत यह आवश्यक है कि निजी निवेश के माध्यम से भी बस अड्डे स्थापित किये जायें। इस प्रयोजन को साकार किये जाने हेतु एक शासकीय नीति एवं व्यवस्था की आवश्यकता के दृष्टिगत इस नीति के प्रख्यापन का निर्णय लिया गया है।

उ0प्र0 वैश्विक क्षमता केन्द्र नीति-2024 अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश वैश्विक क्षमता केन्द्र नीति-2024 को अनुमोदित किया है।

ज्ञातव्य है कि वैश्विक क्षमता केन्द्र (जी0सी0सी0), आई0टी0 सेवाओं, वित्त एवं लेखा, मानव संसाधन एवं ग्राहक सहायता सहित विभिन्न सेवा क्षेत्रों में संचालित हैं। जी0सी0सी0 द्वारा एनालिटिक्स, डेटा प्रबन्धन व अनुसंधान एवं विकास जैसे जटिल कार्यों का संचालन करते हुए मूल्य श्रृंखला को सशक्त बनाया गया है, जिनके लिए गहन व्यावसायिक अन्तर्दृष्टि तथा विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।

वर्तमान में, भारत में जी0सी0सी0 ने प्रमुख क्षेत्रों में एक सुदृढ़ उपस्थिति स्थापित की है। इसमें सॉफ्टवेयर व प्रौद्योगिकी 38 प्रतिशत, बी0एफ0एस0आई0 (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएं एवं बीमा) 6 प्रतिशत, दूरसंचार एवं नेटवर्किंग 5 प्रतिशत तथा औद्योगिक, ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, परिवहन एवं निर्माण, मीडिया व मनोरंजन एवं सेमी कण्डक्टर (प्रत्येक 4 प्रतिशत) सम्मिलित हैं। अन्य क्षेत्रों में रसायन एवं सामग्री (4 प्रतिशत), फार्मास्यूटिकल्स (2 प्रतिशत), ऊर्जा एवं जनोपयोगी सेवाएं (2 प्रतिशत), चिकित्सा उपकरण (1 प्रतिशत) सम्मिलित हैं। इसके अतिरिक्त एयरोस्पेस, तेल व गैस तथा स्वास्थ्य सेवाओं में उनकी उपस्थिति में वृद्धि हो रही है।

उत्तर प्रदेश सरकार व्यवसाय में वृद्धि का समर्थन करने हेतु अवस्थापना के विकास हेतु प्रतिबद्ध है। विगत पांच वर्षों में उत्तर प्रदेश में अवस्थापना के पूंजीगत व्यय में 5.31 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया है, जो भारत में सर्वाधिक है। भारत में वैश्विक क्षमता केन्द्रों (जी0सी0सी0) की वृद्धि देश के विशाल प्रौद्योगिकी प्रतिभा की प्रचुरता एवं डिजिटल नवाचार हेतु अनुकूल वातावरण को चिन्हांकित करती है। भारत के जी0सी0सी0 कार्यबल में लागत प्रतिस्पर्धी औसत वेतन पर लगभग 16 लाख प्रोफेशनल्स कार्यरत हैं।

उत्तर प्रदेश में जी0सी0सी0 की स्थापना से राज्य की आर्थिक वृद्धि एवं रोजगार सृजन पर उल्लेखनीय व सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। आई0टी0 सेवाओं, परामर्श व इंजीनियरिंग में इसका विशेष लाभ होगा। इसके अतिरिक्त, जी0सी0सी0 टियर-1, टियर-2 एवं टियर-3 शहरों को विकसित करने में सहयोग करेंगे, जिससे क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी एवं शहरी व ग्रामीण आय-असमानताओं को कम किया जा सकेगा। टियर-2 एवं टियर-3 शहरों में जीवन-यापन की कम लागत तथा नवीन अवस्थापना विकास के साथ वैश्विक कम्पनियों हेतु लागत-प्रभावी समाधान उपलब्ध हो रहे हैं, जिससे वे नवीन जी0सी0सी0 निवेशों हेतु आकर्षक गंतव्य हैं।

नीति में वित्तीय प्रोत्साहन-भूमि उपादान, स्टाम्प ड्यूटी में छूट/प्रतिपूर्ति, पूंजीगत सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी, संचालन व्यय सब्सिडी, वेतन पत्र सब्सिडी, भर्ती सब्सिडी, कर्मचारी भविष्य निधि, पात्र जी0सी0सी0 इकाई को प्रतिभा विकास एवं कौशल प्रोत्साहन, कौशल विकास सब्सिडी, बौद्धिक सम्पदा अधिकार सब्सिडी के सम्बन्ध में प्राविधान किये गये हैं। इसके अलावा केस-टू-केस आधार पर नीति में प्राविधानित व्यवस्था के इतर भी प्राविधान किये जा सकते हैं एवं गैर-वित्तीय सहायता के भी प्राविधान किये गये हैं।

प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग के आधार पर 2×800 मे0वा0 (1600 मे0वा0) तापीय पावर

परियोजना से कुल 1500 मे0वा0  (Ex-bus) ऊर्जा क्रय किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग के आधार पर 2×800 मे0वा0 (1600 मे0वा0) तापीय पावर परियोजना से कुल 1500 मे0वा0  (Ex-bus)   ऊर्जा क्रय किये जाने सम्बन्धी प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है।

ज्ञातव्य है कि वर्ष 2033-34 तक उत्तर प्रदेश को ऊर्जा की डिमांड को पूर्ण करने हेतु लगभग 10,795 मे0वा0 अतिरिक्त तापीय ऊर्जा की आवश्यकता है। इस हेतु 2ग800 मे0वा0 (1600 मे0वा0) क्षमता की तापीय परियोजना से कुल 1500 मे0वा0 (Ex-bus)   ऊर्जा क्रय किये जाने की बिडिंग प्रक्रिया में मे0 अडानी पावर लि0 द्वारा फिक्सड चार्ज 3.727 रुपये प्रति यूनिट (Rs./KWH) फ्यूल चार्ज 1.656 रुपये प्रति यूनिट एवं कुल टैरिफ 5.383 रुपये प्रति यूनिट (Rs./KWH)   की न्यून्तम बिड को स्वीकार किया गया।

2ग800 मे0वा0 (1600 मे0वा0) क्षमता की तापीय परियोजना से कुल 1500 मे0वा0  (Ex-bus)   ऊर्जा क्रय किये जाने हेतु मे0 अडानी पावर लिमिटेड को सफल बिडर घोषित किया गया एवं दीर्घकालीन ऊर्जा बिड की शर्तों के अनुसार बिड ड्यू डेट पर कुल टैरिफ 5.383 रुपये प्रति यूनिट  (Rs./KWH)   पर पावर सप्लाई एग्रीमेन्ट में प्रदत्त टैरिफ प्राविधानों के अन्तर्गत 25 वर्षों की अवधि के लिए पावर सप्लाई एग्रीमेन्ट (पी0एस0ए0) हस्ताक्षरित किया जायेगा।

उ0प्र0 नगर निगम (पार्किंग स्थान का सन्निर्माण, अनुरक्षण एवं

प्रचालन) नियमावली, 2025 के प्रख्यापन का प्रस्ताव अनुमोदित

मंत्रिपरिषद ने उत्तर प्रदेश नगर निगम (पार्किंग स्थान का सन्निर्माण, अनुरक्षण एवं प्रचालन) नियमावली, 2025 के प्रख्यापन के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है। साथ ही, मंत्रिपरिषद द्वारा भविष्य में नियमावली में निर्धारित प्राविधानों में परिवर्तन/संशोधन हेतु नगर विकास मंत्री को अधिकृत किया है।

ज्ञातव्य है कि निजी वाहनों में भारी वृद्धि से सड़कों के साथ-साथ पार्किंग स्थलों पर भी दबाव बढ़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप वाहन सड़क के किनारे, फुटपाथ और इसी तरह के खाली स्थानों पर अनियोजित/अनियमित ढंग से पार्क किए जा रहे हैं। शहरों में वाहन पार्किंग से सम्बन्धित समस्याओं को दूर करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश के नगर निगमों में एक समान पार्किंग नियम लागू किये जाने के लिए यह नियमावली बनायी गयी है।

नगरों में पार्किंग की मांग को इस तरह नियोजित करना, जिससे पार्किंग जनित राजस्व में वृद्धि हो एवं राजस्व में होने वाली हानि को रोका जा सकेगा। स्मार्ट तकनीक के उपयोग से पार्किंग स्थानों का प्रभावी ढंग से प्रबन्धन एवं ओपन पार्किंग के स्थान पर मल्टी लेवल पार्किंग निर्माण को प्राथमिकता, जिससे सार्वजनिक परिवहन साधनों में क्रमिक बदलाव के माध्यम से पार्किंग की मांग को कम किया जा सके, आदि की नियमावली में व्यवस्था है।

इस नियमावली के लागू होने से जनसामान्य को सुगम पार्किंग सुविधा, ट्रैफिक जाम की समस्या का प्रभावी समाधान, एक समान पार्किंग शुल्क के निर्धारण से शोषण की सम्भावना समाप्त तथा शहरों का नियोजित विकास सम्भव हो सकेगा। नगर निगमों के लिए पार्किंग शुल्क आय का नियमित स्रोत होने से नगर निगमों की वित्तीय स्थिति और सुदृढ़ होगी, जिससे वे मूलभूत नागरिक सुविधाओं और सेवाओं की डिलीवरी बेहतर ढंग से कर सकेंगे।

सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु वार्षिक स्थानान्तरण नीति 2025-26 स्वीकृत

मंत्रिपरिषद ने सरकारी अधिकारियों/कर्मचारियों हेतु वार्षिक स्थानान्तरण नीति 2025-26 को स्वीकृति प्रदान कर दी है। यह नीति केवल वर्ष 2025-26 के लिए होगी। नीति के तहत स्थानान्तरण दिनांक 25 जून, 2025 तक किये जाएंगे। स्थानान्तरण किये जाने हेतु अवधि के निर्धारण के लिए कट-ऑफ-डेट 31 मार्च, 2025 को माना जाएगा।

नीति में समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के अधिकारी, जो अपने सेवाकाल में सम्बन्धित जनपद में कुल 03 वर्ष पूर्ण कर चुके हों, को उक्त जनपदों से स्थानान्तरण किये जाने की व्यवस्था है। नीति में यह प्राविधान भी है कि समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के जो अधिकारी अपने सेवाकाल में एक मण्डल में 07 वर्ष पूर्ण कर चुके हों, को उक्त मण्डल से स्थानान्तरित कर दिया जाए। विभागाध्यक्ष/मण्डलीय कार्यालयों में की गयी तैनाती की अवधि को स्थानान्तरण हेतु उक्त निर्धारित अवधि में नहीं गिना जाएगा। मण्डलीय कार्यालयों में तैनाती की अधिकतम अवधि 03 वर्ष होगी तथा इस हेतु सर्वाधिक समय से कार्यरत अधिकारियों के स्थानान्तरण प्राथमिकता के आधार पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है।

समूह ‘क’ एवं ‘ख’ के स्थानान्तरण संवर्गवार कार्यरत अधिकारियों की संख्या के अधिकतम 20 प्रतिशत एवं समूह ‘ग’ एवं ‘घ’ के कार्मिकों के स्थानान्तरण संवर्गवार कुल कार्यरत कार्मिकों की संख्या के अधिकतम 10 प्रतिशत की सीमा तक किये जा सकेंगे।

समूह ‘ग’ हेतु पटल परिवर्तन/क्षेत्र परिवर्तन के सम्बन्ध में निर्गत शासनादेश संख्या-8/2022/सा0-119/सैंतालिस-4-2022-(1/3/96) दिनांक 13 मई, 2022 के द्वारा कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किये जाने की व्यवस्था की गयी है। समूह ‘ख’ एवं ‘ग’ के कार्मिकों के स्थानान्तरण यथासम्भव मेरिट बेस्ड ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम के आधार पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है।

मन्दित बच्चों/चलन क्रिया से पूर्णतया प्रभावित दिव्यांग बच्चों के माता-पिता की तैनाती विकल्प प्राप्त करके ऐसे स्थान पर किये जाने की व्यवस्था की गयी है, जहां उनकी उचित देखभाल व चिकित्सा की समुचित व्यवस्था हो।

नीति में व्यवस्था है कि भारत सरकार द्वारा घोषित प्रदेश की आकांक्षी जिला योजना से सम्बन्धित 08 जनपदों-चित्रकूट, चन्दौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती व बहराइच एवं प्रदेश के घोषित 100 आकांक्षी विकासखण्डों में प्रत्येक विभाग द्वारा प्रत्येक दशा में समस्त पदों पर तैनाती करके संतृप्त कर दिया जाए एवं 02 वर्ष बाद वहां तैनात कार्मिकों से विकल्प प्राप्त कर उन्हें स्थानान्तरित किया जाए।

स्थानान्तरण सत्र के पश्चात समूह ‘क’ के साथ ही साथ समूह ‘ख’ के स्थानान्तरण विभागीय मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री जी का अनुमोदन प्राप्त कर किये जा सकेंगे।

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