लखनऊ:रक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री ने वर्ल्ड डिफेंस अपडेट-2025 पत्रिका का किया विमोचन।

लखनऊ:(द दस्तक 24 न्यूज़) 11 मई 2025  रक्षा मंत्री भारत सरकार राजनाथ सिंह जी तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा आज यहां उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड में ब्रह्मोस एयरोस्पेस इण्टीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी उद्घाटन किया गया। डिफेंस और एयरोस्पेस सेक्टर में आत्मनिर्भरता के लिए ‘मेक इन इण्डिया’ अभियान के तहत इस फैसिलिटी की स्थापना की गयी है। उन्होंने टाइटेनियम एण्ड सुपर एलॉय मैटेरियल प्लाण्ट का उद्घाटन भी किया। इस अवसर पर स्टै्रटजिक मैटेरियल टेक्नोलॉजी कॉम्प्लेक्स की एयरोस्पेस प्रेसिसन कास्टिंग प्लाण्ट, टै्रक प्रेसिसन सॉल्यूशन यू0के0, एयरोस्पेस फोर्ज शॉप एण्ड मिल प्रोडक्ट्स प्लाण्ट, एयरोस्पेस प्रेसिसन मशीनिंग शॉप, स्टै्रटजिक पाउडर मैटलर्जी फैसिलिटी, स्ट्राइड एकेडमी तथा पी0टी0सी0 रिसर्च एण्ड डेवलपमेण्ट सेण्टर का शिलान्यास किया गया। रक्षा मंत्री जी कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जी ने ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा चयनित युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किए। रक्षा मंत्री तथा मुख्यमंत्री जी ने डी0आर0डी0ओ0 की पत्रिका वर्ल्ड डिफेंस अपडेट-2025 का विमोचन भी किया। इस अवसर पर देश के रक्षा विकास से सम्बन्धित लघु फिल्म प्रदर्शित की गयी। 

केन्द्रीय रक्षा मंत्री जी ने कहा कि आज का दिन लखनऊ, उत्तर प्रदेश और पूरे देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। आज ब्रह्मोस एयरोस्पेस इण्टीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी का उद्घाटन किया गया है। यह हमारे वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के कार्यों को मान्यता देने, उसे रिकग्नाइज करने और उनके योगदान का स्मरण करने का दिन है। आज का दिन उस शक्ति की आराधना का दिन है, जो हमारी सेनाओं को सम्बल प्रदान करती है और जो हमारी सेनाओं में निहित होकर दुश्मन पर कहर बरपाती है। 

रक्षा मंत्री जी ने कहा कि आज नेशनल टेक्नोलॉजी डे है। आज के ही दिन वर्ष 1998 में श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी के नेतृत्व में हमारे वैज्ञानिकों ने पोखरण में परमाणु परीक्षण कर दुनिया को भारत की ताकत का एहसास कराया था। वह परीक्षण हमारे वैज्ञानिकों, इंजीनियरों, डिफेंस कार्मिकों और अन्य अनेक स्टेकहोल्डर्स के अथक प्रयासों का परिणाम था। आज का दिन उनके लिए भी व्यक्तिगत रूप से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि उन्होंने अपने शहर लखनऊ के लिए एक सपना देखा था कि यह शहर भारत के डिफेंस सेक्टर को मजबूत करने में एक बड़ा योगदान दे। यह सपना आज पूरा हुआ है। 

रक्षा मंत्री जी ने कहा कि इस टेस्टिंग फैसिलिटी के शिलान्यास के समय उन्होंने मुख्यमंत्री जी से इस प्रोजेक्ट को शीघ्र पूरा करने की इच्छा जाहिर की थी। यह प्रसन्नता का विषय है कि हम इस कार्य में सफल हुए। महज 40 महीनों में ही इस प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया गया। आज हमारे आसपास जैसी परिस्थितियां हैं, उसे देखते हुए यह बेहद जरूरी है कि हम अपने लक्ष्यों को इसी प्रकार समयबद्ध तरीके से पूरा करते रहें।

रक्षा मंत्री जी ने मुख्यमंत्री जी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इतने कम समय में ब्रह्मोस एयरोस्पेस इण्टीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी सेण्टर की स्थापना हो सकी है, तो इसके पीछे मुख्यमंत्री जी का बहुत बड़ा योगदान है। डी0आर0डी0ओ0 के वैज्ञानिक, इंजीनियर और इस प्रोजेक्ट से जुड़े हर व्यक्ति का योगदान भी बहुत महत्वपूर्ण है, जिन्होंने दिन-रात मेहनत करके इस इण्टीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी का निर्माण किया है। 

रक्षा मंत्री जी ने कहा कि जब हमारी सरकार उत्तर प्रदेश में डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के विजन को लेकर आगे बढ़ी थी, उस समय हमारे सामने अनेक बड़े लक्ष्य थे। उस समय हमारा एक उद्देश्य यह भी था कि हम उत्तर प्रदेश को एक बार फिर देश के प्रोडक्शन सेण्टर के रूप में विकसित करें। यू0पी0 डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर लखनऊ सहित कानपुर, झांसी, चित्रकूट, आगरा और अलीगढ़ से होकर गुजरता है। इसके सभी नोड्स आने वाले समय में विकास के नए केन्द्र बनकर उभरेंगे।

रक्षा मंत्री जी ने कहा कि एक समय कानपुर और उसके आसपास का क्षेत्र मैन्युफैक्चरिंग के लिए जाना जाता था। आर्थिक रूप से यह क्षेत्र बहुत समृद्ध था। इसे पूर्व का मैनचेस्टर कहा जाता था। आजादी के बाद अनेक कारणों से आर्थिक प्रगति की राह में यह क्षेत्र पिछड़ गया। डिफेंस कॉरिडोर के निर्माण के बाद यह क्षेत्र फिर से अपने पुराने वैभव को प्राप्त करने की ओर आगे बढ़ चला है। कानपुर विकास की उन ऊंचाइयों को छूएगा, जो दुनिया के विकसित क्षेत्रों के लिए अनुकरणीय होगा। भविष्य में जब कभी पश्चिमी देशों में कोई क्षेत्र प्रगति करेगा, तो उसे ‘कानपुर ऑफ द वेस्ट’ कहा जाएगा। डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के सभी नोड्स का विकास करने के लिए हम पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। 

रक्षा मंत्री जी ने कहा कि उन्हें अवगत कराया गया है कि उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर में एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग, यू0ए0वी0, ड्रोन, एम्युनिशन, कम्पोजिट एण्ड क्रिटिकल मैटेरियल, स्मॉल आर्म्स, टेक्सटाइल तथा पैराशूट आदि के क्षेत्र में बड़े निवेश किए गए हैं। डिफेंस कॉरिडोर में पब्लिक और प्राइवेट दोनों सेक्टर की अहम भागीदारी है। लखनऊ में ही पी0टी0सी0 इण्डस्ट्रीज लिमिटेड द्वारा टाइटेनियम और सुपर एलॉय मैटेरियल प्लाण्ट की शुरुआत की जा रही है। इसके अलावा सात अन्य क्रिटिकल प्रोजेक्ट्स की नींव भी रखी जा रही है। यह रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता की गति को और तीव्र करेगा। 

रक्षा मंत्री जी ने कहा कि हमारा सपना है कि उत्तर प्रदेश दुनिया के टॉप डिफेंस प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन के रूप में जाना जाए। आज ब्रह्मोस एयरोस्पेस इण्टीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी का शुभारम्भ हो रहा है। यह उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर का गौरव बनेगा। यह उत्तर प्रदेश का ही नहीं बल्कि देश का सबसे बड़ा ब्रह्मोस इंटीग्रेशन एंड टेस्टिंग फैसिलिटी केंद्र है। यह रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता के प्रयास को भी मजबूती प्रदान करेगा। ब्रह्मोस दुनिया की सबसे तीव्र गति वाली सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है। ब्रह्मोस केवल एक हथियार नहीं है, बल्कि यह हमारे सशस्त्र बलों की मजबूती का संदेश भी देती है। यह मिसाइल दुश्मनों के प्रति हमारी प्रतिरोधक क्षमता की मजबूती का भी परिचायक है। यह देश की सीमाओं की रक्षा की हमारी प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।

रक्षा मंत्री जी ने कहा कि पोखरण परमाणु परीक्षण में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम ने कहा था कि दुनिया कमजोरों का नहीं, बल्कि शक्तिशाली का सम्मान करती है। डॉ0 कलाम का विजन था कि हमें अपनी ताकत को और मजबूत करना होगा। जब तक कोई देश ताकतवर नहीं होगा, दुनिया उसका सम्मान नहीं करेगी। आज भारत दुनिया के सबसे शक्तिशाली राष्ट्रों में से एक है। हम लगातार अपनी ताकत को और बढ़ा रहे हैं। आज जिस फैसिलिटी सेण्टर का शुभारम्भ हो रहा है, यह भारत की शक्ति को और मजबूत करने में सहायक होगा।

रक्षा मंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के निर्माण से राज्य के औद्योगिक विकास का एक नए सिरे से श्रीगणेश हो चुका है। डिफेंस कॉरिडोर में अब तक लगभग 180 एम0ओ0यू0 किए जा चुके हैं, जिसमें लगभग 34 हजार करोड़ रुपये का निवेश प्रस्तावित है। इस कॉरिडोर में अब तक 4,000 करोड़ रुपये का निवेश किया भी जा चुका है। नेशनल टेक्नोलॉजी डे के दिन इस हाई टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म फैसिलिटी का शुभारम्भ करना अपने आप में एक मील का पत्थर है।

रक्षा मंत्री जी ने कहा कि यह फैसिलिटी सेन्टर भारत की उस इनोवेटिव एनर्जी को दर्शाता है, जिसे हमने विगत कुछ वर्षों में गति देने का प्रयास किया है। इस समय टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में विशेषकर क्रिटिकल हाईएण्ड फ्रन्टियर टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बड़ी तेजी से बदलाव आ रहा है। चाहे सिविल सेक्टर हो या डिफेंस सेक्टर आज रोज नई-नई तकनीकी नए-नए परिवर्तन ला रही है। हमारे जीवन का कोई भी ऐसा क्षेत्र नहीं ह,ै जहां तकनीकी हमें प्रभावित न कर रही हो। दुनिया के हर क्षेत्र में तकनीकी क्रान्ति ने एक ऐसी उथल-पुथल मचा रखी है, जहां अब तक स्थापित सभी धारणाएं बहुत तेजी से बदल रही है। ऐसे अनेक नए परिवर्तनों का शुभारम्भ हो रहा है, जिसके बारे में पहले सोचा भी नहीं जा सकता था। ऐसे में ब्रह्मोस एयरोस्पेस इण्टीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी के उद्घाटन का विशेष महत्व है।

रक्षा मंत्री जी ने कहा कि ब्रह्मोस भारत और रूस की उच्चतम डिफेंस टेक्नोलॉजी का एक संगम है। जिस प्रकार उत्तर प्रदेश का प्रयागराज दुनिया में संगम के लिए विख्यात है, इसी तरह आने वाले समय में लखनऊ भी टेक्नोलॉजी के संगम के लिए जाना जाएगा। यह संगम अनेक विशेषताओं को अपने अंदर समाहित करता है। आने वाले समय में यह रोजगार के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर पैदा करेगा। आने वाले समय में यह क्षेत्र एक ग्रोथ सेंटर के रूप में उभर कर सामने आएगा। देश में जहां भी डिफेंस से जुड़ी इकाइयां स्थापित हुई है, वह अपने साथ-साथ एम0एस0एम0ई0 से जुड़ी इकाइयों का भी एक बेस विकसित करती हैं। इन सहायक एम0एस0एम0ई0 इकाइयों से पूरे क्षेत्र का स्वाभाविक रूप से विकास होता है। लखनऊ का यह ब्रह्मोस एयरोस्पेस इण्टीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटेशन सेण्टर वही भूमिका निभाएगा।

रक्षा मंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार और केन्द्र सरकार की नीयत एकदम साफ है, ‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर वर्ड’। हमारी रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के बहुत व्यापक अर्थ है। हम इस विचार के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि हमें खुद के लिए आर्म्स एण्ड इक्विपमेंट बनाने ही हैं, साथ ही, पूरी दुनिया में एक्सपोर्ट भी करने हैं। पूरी दुनिया में मिलिट्री मार्केट में अपार सम्भावनाएं हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ल्ड मिलिट्री एक्सपेंडिचर वर्ष 2024 में बढ़कर 2,718 बिलियन डॉलर हो गया है। आर्म्स एंड इक्विपमेंट का इतना बड़ा बाजार हमारी राह देख रहा है। हमें बहुत मजबूती के साथ भारत को दुनिया के लिए एक आकर्षक डिफेंस प्रोडक्ट के हब के रूप में विकसित करने की ओर आगे बढ़ना ही होगा। आज का दिन उस विचार की ओर बढ़ाया गया हमारा एक ठोस कदम है।

रक्षा मंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विकास का एक इकोसिस्टम तैयार किया गया है। आज जिस ब्रह्मोस फैसिलिटी का उद्घाटन हो रहा है, इसके माध्यम से 500 प्रत्यक्ष और 1000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित होंगे। यह कार्य उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री जी द्वारा विकसित किए गए इकोसिस्टम से ही सम्भव हो पाए हैं। डबल इंजन सरकार ने उत्तर प्रदेश में खेल से लेकर खेत तक, कल्चर से लेकर कनेक्टिविटी तक, पुलिस से लेकर पॉलिसी तक और टेक्नोलॉजी से लेकर टूरिज्म तक हर क्षेत्र में विकास किया है। उत्तर प्रदेश और भारत के विकास के लिए हमारा संकल्प, हमारा समर्पण और हमारी प्रतिबद्धता और भी मजबूत होती जा रही है। 11 मई को पोखरण से जो आत्मविश्वास प्रारम्भ हुआ था, आज लखनऊ में वह और मजबूत हो रहा है। 

रक्षा मंत्री जी ने कहा कि जिन भारत विरोधी आतंकवादी संगठनों ने भारत माता के मस्तक पर हमला करके कई परिवारों के सिंदूर मिटाए थे, उन्हें भारतीय सेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से इंसाफ दिलाने का काम किया है। इसलिए आज सारा देश भारतीय सेनाओं का अभिनन्दन कर रहा है। ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैनिक कार्यवाही ही नहीं है, बल्कि भारत की राजनीतिक सामर्थ्य और सामाजिक इच्छाशक्ति का प्रतीक भी है। यह आतंकवाद के खिलाफ भारत की दृढ़ इच्छाशक्ति, सैन्य शक्ति, क्षमता और संकल्प शक्ति का भी प्रतीक है। भारत आतंकवाद के खिलाफ जब भी कोई कार्यवाही करेगा, तो आतंकवादियों और उनके आकाओं के लिए सरहद पार की जमीन भी सुरक्षित नहीं रहेगी। 

रक्षा मंत्री जी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ढांचा नष्ट करने के लिए लांच किया गया था। हमने पाकिस्तान के आम नागरिकों को कभी भी निशाना नहीं बनाया, लेकिन पाकिस्तान ने न केवल भारत के नागरिक इलाकों को निशाना बनाया, बल्कि मन्दिर, गुरुद्वारा और गिरजाघर पर भी हमला करने का प्रयास किया है। भारतीय सेना ने शौर्य और पराक्रम के साथ-साथ संयम का भी परिचय देते हुए पाकिस्तान को करारा जवाब दिया है। भारत की सेनाओं की धमक रावलपिण्डी तक भी सुनाई दी, जहां पाकिस्तानी सेना का हेडक्वार्टर मौजूद है। 

रक्षा मंत्री जी ने कहा कि भारत में आतंकवादी घटनाएं करने का क्या अंजाम होता है, यह उरी की घटना के बाद पूरे विश्व ने देखा, जब भारत ने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की। पुलवामा की आतंकी घटना के बाद भी दुनिया ने हमारी क्षमता देखी, जब बालाकोट में घुसकर एयर स्ट्राइक की गई। अब पहलगाम की घटना के बाद दुनिया देख रही है कि भारत ने पाकिस्तान के भीतर घुसकर मल्टीपल स्ट्राइक की है। आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यह नया भारत है, जो आतंकवाद के खिलाफ सरहद के इस पार और उस पार, दोनों तरफ प्रभावी कार्रवाई करेगा।

रक्षा मंत्री जी ने कहा कि आज लखनऊ में ब्रह्मोस इण्टीग्रेशन एण्ड टेस्टिंग फैसिलिटी सेण्टर के उद्घाटन के अवसर पर उन्हें बहुत प्रसन्नता है। उनकी इच्छा थी कि इस अवसर पर वह लखनऊ में उपस्थित रहे, लेकिन अपरिहार्य कारणों से वह लखनऊ नहीं आ पाए। अभी जिन परिस्थितियों से देश गुजर रहा है, उसके दृष्टिगत अभी उनका दिल्ली में रहना आवश्यक था। इसलिए वह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी से जुड़े हैं। वह भले ही लखनऊ नहीं आ पाए, लेकिन आप सभी अपने उत्साह के माध्यम से उन तक जरूर पहुंचे हैं। यह अपने आप में एक संदेश है कि हम चाहे जिस परिस्थिति में रहें, यह देश चलता रहेगा और हमारा कार्य नहीं रुकेगा। किसी भी परिस्थिति में हमारा संवाद नहीं टूटेगा।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश की रक्षा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए स्वयं को ग्रोथ इंजन के रूप में स्थापित कर रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विजन के अनुरूप रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य प्राप्त करते हुए मेक इन इण्डिया की अवधारणा को आगे बढ़ाने के क्रम में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस इण्टीग्रेशन एवं टेस्टिंग फैसिलिटी का उद्घाटन किया जा रहा है। रक्षा सामग्री की आपूर्ति के लिए अन्य देशों पर निर्भर होने के स्थान पर स्वयं आत्मनिर्भर होना किसी भी स्वावलम्बी देश के लिए आवश्यक है। रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर देश गर्व के साथ अपनी सम्प्रभुता व सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी तथा रक्षा मंत्री जी ने उत्तर प्रदेश को डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में विकसित करने के लक्ष्य को आगे बढ़ाने का कार्य किया है। वर्ष 2018 में प्रदेश की पहली इन्वेस्टर्स समिट लखनऊ में आयोजित की गयी थी। उस समय केन्द्रीय बजट में 02 डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर के निर्माण की घोषणा की गयी थी। जिसमें से एक डिफेंस कॉरिडोर उत्तर प्रदेश में स्थापित करने का निर्णय प्रधानमंत्री जी द्वारा लिया गया था। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भारत रक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। उत्तर प्रदेश में डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर के 06 नोड तय किये गये। इनमें लखनऊ, कानपुर, आगरा, अलीगढ़, झांसी और चित्रकूट नोड सम्मिलित हैं। इन सभी नोडों पर तेजी से कार्य चल रहा है। कानपुर में रक्षा सेनाओं के लिए गोला-बारूद बनाने का केन्द्र स्थापित किया गया है। लखनऊ में पी0टी0सी0 कम्पनी द्वारा भी ब्रह्मोस तथा एयरोस्पेस से जुड़े हुए सभी कार्यां के लिए एंकर यूनिट के रूप में कार्य प्रारम्भ किया गया है। यहां पर ब्रह्मोस से जुड़ी लगभग 07 एंकर यूनिट्स स्थापित की जा रही हैं। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 06 डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर में 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इसके माध्यम से 01 लाख युवाओं को रोजगार प्राप्त होगा। इस क्षेत्र में देश तथा दुनिया के अलग-अलग भागों से प्रदेश के साथ अब तक 57 एम0ओ0यू0 किये जा चुके हैं। इनके माध्यम से प्रदेश के रक्षा क्षेत्र में 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश होने जा रहा है। डी0आर0डी0ओ0, पी0टी0सी0, एल0 एण्ड टी0, गोदरेज, बी0डी0एल0 आदि इकाइयां स्थानीय स्तर पर ट्रेनिंग देकर युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएंगी। ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा ए0के0टी0यू0 में सम्पन्न करायी गयी परीक्षा के माध्यम से प्रदेश के अनेक युवाओं को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया है। भारत डॉयनेमिक्स लि0 वर्ष 2021 से झांसी में अपना कार्य तेजी से आगे बढ़ा रहा है। वर्ष 2013-14 में भारत द्वारा किये गये रक्षा निर्यात से आज कई गुना अधिक रक्षा निर्यात किया जा रहा है। भारत द्वारा अनेक मित्र राष्ट्रों की सुरक्षा आवश्यकताओं की पूर्ति की जा रही है। 

 मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2020 में लखनऊ में डिफेंस एक्सपो का आयोजन किया गया। इस आयोजन में रक्षा मंत्री जी ने कहा था कि वह लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल बनाने के एक बड़े कार्यक्रम को आगे बढ़ाएंगे। प्रदेश सरकार ने उस समय 200 एकड़ भूमि ब्रह्मोस एयरोस्पेस के लिए उपलब्ध करायी। अब इस यूनिट के माध्यम से ब्र्रह्मोस मिसाइल के उत्पादन का कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है। विकास तथा डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग हेतु प्रधानमंत्री जी के विजन को आगे बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्री जी का यह एक महत्वाकांक्षी अभियान है। यह रक्षा उत्पादन में देश को आत्मनिर्भर बनाने के अभियान का एक हिस्सा है। इसके माध्यम से प्रदेश में अनेक एंकर यूनिट स्थापित होंगी। प्रदेश सरकार डी0आर0डी0ओ0, ब्रह्मोस एयरोस्पेस आदि इकाइयों द्वारा रक्षा उत्पादन कार्यों के लिए आवश्यक भूमि तथा सहायता उपलब्ध कराने का कार्य करेगी। क्योंकि यह कार्य देश की सुरक्षा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए है। उत्तर प्रदेश इस कार्य में बढ़चढ़ कर अपना योगदान देगा। 

मुख्यमंत्री जी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए प्रधानमंत्री जी, रक्षा मंत्री तथा तीनों सेनाओं के बहादुर जवानों को प्रदेशवासियों की ओर बधाई देते हुए कहा कि ‘ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत आपने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखी होगी। आतंकवाद के प्रति प्रधानमंत्री जी ने घोषणा की है कि किसी भी आतंकी घटना को अब युद्ध माना जाएगा। जब तक हम आतंकवाद को पूरी तरह नहीं समाप्त करेंगे, तब तक समस्या का स्थायी समाधान नहीं होगा। आतंकवाद को कुचलने के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में पूरे भारत को एकजुट होने का समय आ गया है। आतंकवाद को उसी की भाषा में जवाब देने की जरूरत है। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज व्यक्ति सुरक्षित है तथा पूंजी भी सुरक्षित है। हम सभी देश की सुरक्षा के लिए मजबूती के साथ आगे बढ़ रहे हैं। विगत 08 वर्षों में प्रदेश सरकार द्वारा 33 सेक्टोरियल पॉलिसीज के माध्यम से प्रदेश को निवेश के ड्रीम डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया गया है। अब तक 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों को जमीनी धरातल पर उतारा जा चुका है। इसके माध्यम से प्रदेश के लाखों युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने का कार्य किया गया है। उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक एम0एस0एम0ई0 इकाइयां हैं। एम0एस0एम0ई0 की परम्परागत इकाइयों को टेक्नोलॉजी तथा डिजाइन के साथ जोड़ने का कार्य किया गया है। इन इकाइयों के माध्यम से 01 करोड़ 65 लाख युवाओं को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराया गया है। 

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, देश का रेवेन्यु सरप्लस स्टेट है। यह देश की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बन रहा है। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य की कनेक्टिविटी तथा इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी को 4-लेन के साथ जोड़ा गया है। उत्तर प्रदेश सर्वाधिक एयरपोर्ट वाला राज्य है। वर्तमान में यहां 04 इण्टरनेशनल एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। इस वर्ष 5वां इण्टरनेशनल एयरपोर्ट क्रियाशील होने जा रहा है। यह एशिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। राज्य में सर्वाधिक एक्सप्रेस-वे तथा रेलवे का नेटवर्क है। सर्वाधिक मेट्रो संचालित हो रही हैं। देश की पहली रैपिड रेल उत्तर प्रदेश में है। राज्य में वाराणसी से हल्दिया के बीच स्थित देश का पहला इनलैण्ड वॉटर-वे स्थित है।

उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य व श्री ब्रजेश पाठक ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। 

इस अवसर पर औद्योगिक विकास मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’, सांसद श्री ब्रजलाल, विधायक डॉ0 राजेश्वर सिंह, मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, सचिव डी0आर0डी0ओ0 डॉ0 समिर वी कामत, डी0जी0 ब्रह्मोस एयरोस्पेस डॉ0 जयतीर्थ आर0 जोशी सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।  

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