लखनऊ में पुलिस ने महिलाओं सहित 7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरोह आयकर विभाग की कैंटीन में बैठकर लोगों को फर्जी नियुक्ति पत्र बांट रहा था। इनके पास से आयकर विभाग की फर्जी मोहरें और कई कागजात बरामद भी बरामद हुए है। दोपहर के वक्त गिरोह के सदस्य आयकर विभाग के दफ्तर की कैंटीन में बैठकर कुछ बाहरी लोगों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे। अज्ञात लोगों को कैंटीन में देखकर वहां मौजूद लोगों ने पूछताछ शुरू की, जिसके बाद मामले का भंडाफोड़ हो गया।
इस कारनामे में एक महिला भी गिरफ्तार हुई है। जिसका नाम प्रियंका मिश्रा है। शुरुआती विभागीय जांच में पता चला है कि प्रियंका मिश्रा वर्ष 2016-17 में संविदा पर नोएडा आयकर विभाग में डाटा आपरेटर का काम करती थी। 2017 में उसने खुद को आइएएस क्वालीफाई बताया था। नोएडा कार्यालय में भी शातिर महिला कुछ युवकों को नियुक्ति कराने के नाम पर चुना लगा चुकी है। कार्यालय में भनक होने के बाद महिला नोएडा से भागकर लखनऊ आ गई। यहां पर यह किराए के मकान पर रहने लगी। यहां पर भी महिला ने लोगों को ठग ना शुरू कर दिया। आयकर कार्यालय के गेट पर वह गार्ड को टैक्स प्रैक्टिशनर बताती थी।
आयकर विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने के मामले में गिरफ्तार प्रियंका मिश्रा के तार लखनऊ से लेकर दिल्ली, नोएडा और हरियाणा तक जुड़े हैं। प्रियंका और उसके गिरोह से जुड़े लोग, हजारों बेरोजगारों को गुमराह करके आयकर समेत अन्य विभागों ने नौकरी लगवाने के नाम पर 300 करोड़ से अधिक की ठगी कर चुके हैं। प्रियंका छह साल पहले नोएडा में भी फर्जी तरीके से नौकरी दिलाने का झांसा देकर कई लोगों को शिकार बनाकर फरार हुई थी। इसके साथ एक बड़े गिरोह के शामिल होने की बात भी सामने आ रही है। फिलहाल महिला को जेल भेज दिया गया है।
दरअसल, जालसाजों के साथ मौजूद प्रियंका मिश्रा अधिकारियों के सवालों पर इधर-उधर के बयान देने लगी, जिसके बाद आयकर विभाग के अधिकारियों को शक हुआ। विभाग के अधिकारियों ने महिला और उसकी निशानदेही पर छह लोगों को पकड़ लिया। इसके बाद मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने आरोपितों से दो घंटे तक पूछताछ की। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये लोग आयकर विभाग में नौकरी के फर्जी नियुक्ति पत्र बांट रहे थे। सूचना के बाद आयकर विभाग की टीम ने महिला से पूछताछ की। साथ ही गिरोह में कुछ विभागीय लोग के जुड़े होने की बात सामने आ रही है। वहीं, पुलिस ने गिरफ्तार प्रियंका को बुधवार को जेल भेज दिया। महिला के पास से कई डेबिट कार्ड, आयकर के मोहर, दस्तावेज मिले थे। जिनकी जांच की जा रही है।
डीसीपी सेंट्रल अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि प्रियंका खुद को आयकर विभाग का अधिकारी और लखनऊ में तैनाती बताती थी। उसने अपने कुछ रिश्तेदारों को भी यही बता रखा था। रिश्तेदारों और परिचितों के माध्यम से बेरोजगारों से संपर्क करती थी। कई खातों में रुपये भी ट्रांसफर हुए हैं। जिनकी जांच की जा रही है। सबका ब्योरा खंगाला जा रहा है। आयकर इंस्पेक्टर की नियुक्ति पत्र जारी करने वाली महिला शाहजहांपुर की रहने वाली है। हरदोई में उसकी ससुराल है।