लोकसभा: भारी हंगामे के बीच इन तीन विधेयकों को मिली हरी झंडी

मानसून सत्र के दूसरे हफ्ते में तीसरे आखिर लोकसभा में विधायी कामकाज को थोड़ी लय मिली। हालांकि विपक्ष के तेवर नरम नहीं पड़े। भारी हंगामे के बीच सदन ने बुधवार को तीन विधेयकों को मंजूरी दी और पहली बार प्रश्नकाल बिना किसी व्यवधान के पूरा हुआ।

विपक्ष के शोरशराबे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ठान लिया कि वह विधायी कार्य नहीं रोकेंगे। एक तरफ विपक्षी सांसदों की नारेबाजी जारी रहीं दूसरी ओर प्रश्नकाल में मंत्री सदस्यों का जवाब देते रहे। इस दौरान मंत्रियों ने दस से अधिक प्रश्नों के उत्तर दिये। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव, कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह और विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने अनेक सदस्यों के पूरक प्रश्नों के भी उत्तर दिये। प्रश्नकाल के बाद राजेंद्र अग्रवाल ने आसन संभाला और हंगामे के चलते पहली बार सदन को दोपहर 12 बजे के करीब स्थगित किया गया।

 
एक के बाद तीन बार सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद दोपहर दो बजे जब दोबारा सदन शुरू हुआ तो कॉरपोरेट मामलों के राज्यमंत्री राव इंदरजीत सिंह ने सबसे पहले आईबीसी संशोधन बिल पेश किया। अग्रवाल ने बहस करानी चाही लेकिन विपक्षी सांसद नारेबाजी में लगे रहे जिसके बाद बिना किसी बहस के बिल को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

यह बिल लघु एवं मझोले इकाई के तहत आने वाले कर्जदार कारोबारियों को एख करोड़ से कम ऋण पर पहले से तैयार व्यवस्था (प्री पैकेज्ड) के तहत दिवाला निपटान प्रक्रिया की सुविधा मिलेगी। यह विधेयक कोरोना महामारी के दौरान एमएसएमई को राहत देने के लिए  4 अप्रैल, 2021 से प्रभावी दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता संशोधन अध्यादेश, 2021 का स्थान लेगा।