फिल्म एमएस धोनी में धोनी के कोच केशव रंजन बनर्जी, पाताल लोक के ग्वाला गुर्जर, तनु वेड्स मनु रिटर्न्स में कंगना के भाई… ये सारे कैरेक्टर्स निभाने वाले एक्टर हैं राजेश शर्मा। लगभग 103 फिल्मों का हिस्सा रहे राजेश ने सलमान खान, अक्षय कुमार, अनिल कपूर और विद्या बालन जैसे सुपरस्टार के साथ काम किया है। आने वाले दिनों में वो अनिल कपूर के प्रोडक्शन में बनी फिल्म में तब्बू के साथ काम कर रहे हैं।
राजेश शर्मा की पर्सनल लाइफ की बात करें तो उन्होंने दो शादियां की थीं। उन्होंने पहली शादी सुदीप्त चक्रवर्ती से 2005 में की थी, लेकिन दोनों का साथ लंबे समय तक नहीं चला। 2009 में दोनों अलग हो गए। फिर 2011 में राजेश शर्मा ने एक्ट्रेस संगीता शर्मा से शादी की।
वो कहते हैं, ‘मेरा जन्म पटियाला में हुआ था। पिता जी का मोटर स्पेयर पार्ट का बिजनेस था। मेरी बड़ी बहन भी है। मैं लगभग 2 साल का था। उस दौरान पिता जी का बिजनेस ठीक नहीं चल रहा था। उसके अलावा कमाई का दूसरा कोई जरिया भी नहीं था। हालात बुरी तरह बिगड़ ना जाएं इसलिए किसी की सलाह पर पिताजी पूरे परिवार को लेकर कोलकाता शिफ्ट हो गए।
फिर कोलकाता में ही मेरा पूरा बचपन बीता। स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई भी वहीं पूरी हुई। यही वजह है कि मुझे बंगाली भाषा बहुत अच्छे से आती है।’
2020 में आई फिल्म लक्ष्मी के एक सीन में राजेश शर्मा को थप्पड़ मारते अक्षय कुमार। इस फिल्म में राजेश शर्मा ने सचिन नाम के शख्स का रोल प्ले किया था।
उन्होंने बताया, ‘मुझे बचपन से ही एक्टिंग की दुनिया अलग लगती थी। नाटकों में लोगों के काम को देखकर मुझे भी उन्हीं की तरह काम करने का मन करता था। यही कारण था कि स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद मैं कोलकाता के एक थिएटर से जुड़ गया और जगह-जगह जाकर प्ले करने लगा।
जब मैं 20 साल का था, तब पिताजी का निधन हो गया। परिवार की सभी जिम्मेदारियां मेरे कंधे पर आ गईं। घर के खर्च से लेकर बहन की शादी का इंतजाम भी मुझे ही करना था। पर बड़ा सवाल यह था कि इन जिम्मेदारियों को पूरा कैसे करूं? कभी भी पिताजी के काम में हाथ बटाया ही नहीं था। दरअसल ये सब काम मुझे पसंद ही नहीं था। एक्टिंग का कीड़ा ऐसा लगा था कि इसके अलावा कुछ सूझता ही नहीं था। दूसरी वजह ये भी थी कि उस दौरान IT सेक्टर में नौकरी मिलना आसान नहीं था।
हालांकि इन जिम्मेदारियों को मैं दरकिनार भी नहीं कर सकता था। ख्याल आया कि क्यों ना टैक्सी चलाने का काम कर लूं। मुझे गाड़ी चलाना आता भी था, पर गाड़ी तो थी नहीं और इतने पैसे भी नहीं थे कि खरीद सकूं। उन दिनों मेरा एक दोस्त था जिसका बच्चन सिंह ढाबा है, ये ढाबा आज भी कोलकाता में मशहूर है। दोस्त के पास 2-3 टैक्सी थी, तो उसने मेरी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया और अपनी एक टैक्सी मुझे चलाने के लिए दे दी। दोस्त की मदद से घर की स्थिति थोड़ी सामान्य हुई। थोड़े-बहुत पैसे घर में आने लगे।’
राजेश आगे बताते हैं, ‘परिवार की परवरिश के लिए मैंने टैक्सी चलानी तो शुरू कर दी थी, लेकिन थिएटर से खुद को कभी दूर नहीं किया। मैं हर रोज सुबह ही टैक्सी लेकर काम पर चला जाता था। शाम को काम से लौटने के बाद 5:30 बजे नाटक की रिहर्सल के लिए चला जाता। हर दिन ऐसे ही बीतता था। क्या करता, दूसरा कोई ऑप्शन मेरे पास नहीं था। इसी कारण मुझे ये काम करना पड़ता था।’
राजेश कहते हैं, ‘शायद मैंने अच्छा किया था इतने संघर्ष के बाद भी खुद को थिएटर से अलग नहीं किया। थिएटर करने से मेरी एक्टिंग निखर गई और लोगों के बीच पॉपुलैरिटी भी बढ़ी। लंबे संघर्ष के बाद मुझे 1996 में फिल्म माचिस में काम करने का मौका मिला। रोल बहुत छोटा सा था, लेकिन उन दिनों मुझे पैसे की इतनी जरूरत थी कि मैंने फिल्म में काम करने के लिए हां कर दिया।
आगे बढ़ने से पहले मैं ये जरूर कहना चाहूंगा कि मैंने फीस को काम से बढ़कर कभी नहीं रखा। जो भी अच्छा मौका मिला, भले ही फीस कम रही हो, मैंने उसमें अपना बेस्ट देने की कोशिश की है।
इस फिल्म में काम करने के बाद मैं मुंबई में रहकर ही दूसरी फिल्म में काम के लिए भटकता रहा। कई प्रोड्यूसर और डायरेक्टर के ऑफिस के चक्कर लगाए, लेकिन हर जगह से निराशा ही हाथ लगती। मैं इन सब चीजों से बहुत थक गया था। कभी-कभार एक दो फिल्मों में छोटा सा रोल मिल जाता था। तंगी ज्यादा थी तो छोटे-मोटे दूसरे काम भी कर लिया करता था। ये सिलसिला लगभग 4 साल तक चलता रहा। जब फिल्मों में बड़ा काम नहीं मिला तो मैं थक हारकर कोलकाता वापस चला गया।
कोलकाता में आगे के सफर के बारे में वो कहते हैं, मुंबई से लौटने के बाद बेहतरीन एक्टिंग के दम पर मुझे बंगाली सिनेमा में काम मिलने लगा। हालात ऐसे थे कि एक साल में मुझे 3-4 फिल्में ऑफर होने लगी थीं। हालांकि ज्यादातर रोल निगेटिव और विलेन वाले होते थे। इसी जाॅनर में मुझे इतनी पॉपुलैरिटी मिली कि वहां के लोग मुझे टीनू गुंडा कहने लगे थे।
मैं कहना चाहूंगा कि थिएटर में काम करने के बाद मैं फिल्मों में काम नहीं करना चाहता था। फिल्मों में एक्टिंग की क्रिएटिविटी खत्म हो जाती है। थिएटर में जो बात है वो फिल्मों में कहां।’
9 साल बाद ही सही, लेकिन फिर से सपनों की नगरी मुंबई ने राजेश को वापस बुला लिया। मुंबई में इस दौर के बारे में वो बताते हैं, 9 साल के संघर्ष के बाद मुझे फिल्म परिणीता में काम करने का मौका मिला। फिल्म में मेरे काम को लोगों ने बहुत पसंद किया जिसके बाद काम मिलता गया। इसी फिल्म से विद्या बालन ने डेब्यू किया था।
वो ऑफ स्क्रीन भी बहुत अच्छी महिला हैं। काम को लेकर वो इतनी जुनूनी हैं कि क्या बताऊं। मैंने उनके साथ 5 फिल्मों में काम किया। उनसे मैंने कहा कि 10 फिल्में तो साथ में करनी ही है।
2006 में फिल्म खोसला का घोसला आई थी। फिल्म में अनुपम खेर, बोमन ईरानी, विनय पाठक जैसे बड़े कलाकार नजर आए थे। ये डायरेक्टर दिबाकर बनर्जी की पहली फिल्म थी। फिल्म में मुंजाल नाम के एक शख्स का किरदार राजेश शर्मा ने निभाया था। कम स्क्रीन टाइम में ही उन्होंने अपनी एक अलग छाप छोड़ दी थी।
जब मैंने उनसे सवाल किया कि उन्हें इस फिल्म का ऑफर कैसे मिला तो उन्होंने बताया, ‘मैं किसी कार्यक्रम के लिए दिल्ली गया था। वहां पर मेरी मुलाकात डायरेक्टर दिबाकर बनर्जी से हुई। उन्होंने मेरे काम की कुछ क्लिप देखीं, जिससे वो काफी इंप्रेस हुए और तुरंत ही फिल्म में काम करने का ऑफर दे दिया। ये फिल्म मेरे करियर में टर्निंग पॉइंट रही।’
राजेश शर्मा ने सलमान खान और अक्षय कुमार जैसे सुपरस्टार के साथ काम किया है। उनके साथ काम करने के अपने एक्सपीरियंस शेयर करते हुए वो कहते हैं, ‘सलमान खान की क्या बात करूं। वो इंसान ही बेहतरीन है। फिल्म बजरंगी भाईजान मेरी उनके साथ पहली फिल्म थी। लंच के दौरान हमारा खाना टीम की तरफ से अलग लगता था, पर वो मुझे बुलाकर अपने साथ ही खाना खिलाते थे।
सलमान खान की तरह अक्षय कुमार भी फूड प्रेमी हैं। फिल्म लक्ष्मी में मैंने उनके साथ काम किया था। मुंबई में फिल्म की शूटिंग हो रही थी। एक दिन मैं उनसे दूर बैठकर खाना खा रहा था, तभी मेरे पास एक लड़का आया और कहा कि वो मुझे बुला रहे हैं।
फिल्म बजरंगी भाईजान के एक सीन में सलमान खान के साथ राजेश शर्मा। फिल्म में उन्होंने पाकिस्तानी पुलिस इंस्पेक्टर का रोल प्ले किया था।
फिल्म बजरंगी भाईजान के एक सीन में सलमान खान के साथ राजेश शर्मा। फिल्म में उन्होंने पाकिस्तानी पुलिस इंस्पेक्टर का रोल प्ले किया था।
मैं उनके पास यही सोचते हुए गया कि ऐसा क्या हो गया कि अक्षय कुमार मुझे बुला रहे हैं। जब उनके पास पहुंचा तो उन्होंने मुझे खाना ऑफर किया। शूटिंग मुंबई में हो रही थी, तो खाना उनके घर से ही आता था। जब उन्होंने मुझे खाने का ऑफर दिया तो मैं थोड़ी देर के लिए ठहर सा गया। वो इतने बड़े सुपरस्टार हैं, फिर भी मुझे खाना ऑफर कर रहे थे। इस बात से आंसू भी आ गए।
फिल्म एमएस धोनी में मैंने सुशांत सिंह राजपूत के साथ काम किया था। सुशांत बेहतरीन इंसान थे। हां, थोड़ा खुद में रिजर्व रहते थे। रांची में फिल्म के कुछ सीन्स की शूटिंग होनी थी। मैं सुशांत के साथ एक ही होटल में रुका था। लंच, डिनर हम सब एक साथ ही करते थे। कभी सोचा नहीं था कि वो ऐसा कदम उठाएंगे। उनके यूं चले जाने से मुझे बहुत गहरा सदमा लगा था।
मैंने इतने सितारों के साथ काम कर लिया है, फिर भी आज अकेला ही हूं। जो इंसान मेरी ये स्टोरी देखेगा और उसने भी मेरी तरह ही स्ट्रगल किया होगा, तो वो बिल्कुल निराश ना हो। वो आज कामयाब ना हो कर शायद अकेला ना हो, लेकिन आज मैं कामयाब होकर भी कहीं ना कहीं अकेला ही हूं।’