IPL के इतिहास में सबसे कामयाब 5 गेंदबाज़ों की बात की जाए तो उसमें से 3 स्पिनर हैं और इन तीनों में दो लेग स्पिनर हैं। अमित मिश्रा (Amit Mishra) और पीयूष चावला (Piyush Chawla) ने लासित मलिंगा (Lasit Malinga), हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) और ड्वेन ब्रावो के मुकाबले बहुत कम ही अंत्तरराष्ट्रीय मैच खेले हैं लेकिन बात जब टी20 फॉर्मेट की आती है और ख़ासकर आईपीएल की तो भारत के लिए ये दोनों लेग स्पिनर हर फ्रेंचाइजी के लिए बेहद अहम गेंदबाज़ माने जाते रहे हैं।आईपीएल 2020 के लिए दुबई रवाना होने से पहले मैंने दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) के अमित मिश्रा से ये सवाल पूछा था कि आखिर क्या वजह है कि लेग स्पिनर आईपीएल में छाए रहते हैं? उन्होंने जवाब देते हुए कहा, ‘वो ज़्यादा मेहनत करते हैं! और फिंगर स्पिनर के मुकाबले लेग स्पिनर के पास ज़्यादा विविधता होती है जिससे वो बेहतर आक्रामक गेंदबाज़ होते हैं।
लेग स्पिनर के पास होती हैं विविधता
कोलकाता नाइट राइडर्स को दो बार चैंपियन बनवाने में लेग स्पिनर पीयूष चावला का अहम योगदान रहा है। मिश्रा की तरह चावला भी मानते हैं कि लेग स्पिन कला की बात ही कुछ और है। उन्होंने कहा, ‘देखिये, टी20 एक आक्रामक फॉर्मेट है जहां पर हर कोई तेज़ी से रन बनाने के बारे में सोचता है। लेग स्पिन एक ऐसी कला है जहां पर आपको विकेट मिलेंगे क्योंकि इसमें विविधता ज़्यादा है। अगर आप रनों के प्रवाह को रोकना चाहते हैं तो सबसे बेहतरीन उपाय है विकेट झटकना इस फॉर्मेट में मार तो सबको पड़ती है लेकिन अगर आप विकेट लेने में कामयाब होते हैं तो टीम के लिए काफी राहत होती है।
अंतरराष्ट्रीय टी20 में भी कामयाब गेंदबाजों में शामिल है लेग स्पिनर
विराट कोहली (Virat Kohli) की रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर में एक से एक बल्लेबाज़ के नाम आपको याद रहते हैं लेकिन गेंदबाज़ के नाम पर आपको सिर्फ एक लेग स्पिनर यानि कि युजवेंद्र चहल का नाम ही ज़ेहन में आएगा जिन्होंने आईपीएल में 100 विकेट झटके हैं। आईपीएल (IPL) ही नहीं टी20 इंटरनेशनल की भी बात करे तो इतिहास के 5 सबसे कामयाब गेंदबाज़ों में से दो लेग स्पिनर ही हैं। शाहिद अफरीदी और राशिद ख़ान. 6.14 और 6.17 रन प्रति ओवर के लिहाज़ से बेहद कंजूस गेंदबाज़ों में राशिद और वेस्टइंडीज़ के सैमुअल बद्री का नाम भी शुमार है। सैमुअल बद्री पिछले सीज़न से दिल्ली टीम के साथ स्पिन सलाहकार के तौर पर जुटे हैं।’ बद्री से मेरी पिछले साल काफी बातचीत हुई थी इस मुद्दे पर अमित मिश्रा ने बद्री के बारे में बात करते हुए कहा, ‘बद्री की ख़ासियत रही है कि वो नई गेंद के साथ आक्रमण करते थे और पॉवर प्ले में गेंदबाज़ी करते थे। जो आसान बात नहीं है। क्योंकि ज़रा सी चूक और गेंद सीमा रेखा के बाहर क्योंकि उस समय चुनिंदा फील्डर ही बाउंड्री के पास होते हैं।
ताहिर ने बताई थी कामयाबी की रणनीति
आईपीएल और इंटरनेशनल क्रिकेट के साथ-साथ ओवरऑल यानि कि दुनिया में हर किस्म के टी20 फॉर्मेट में भी लेग स्पिनर का जलवा बरकरार रहता है। सबसे सफल 10 गेंदबाज़ों की सूची में इमरान ताहिर, शाहिद अफरीदी और राशिद ख़ान के नाम आपको मिलेंगे इन तीनों में भी साउथ अफ्रीका के ताहिर ने सबसे ज़्यादा 380 विकेट झटके हैं। कुछ साल पहले मैंने ताहिर से पूछा था कि आखिर क्या वजह है कि लेग स्पिनर क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में इतने प्रभावशाली साबित होते हैं तो उनका जवाब था- अगर आप रन रोकने में कामयाब होते हैं तो आपको विकेट भी मिलेंगे अगर आप हर समय विकेट लेने का प्रयास करेंगे तो आपकी पिटाई भी होगी क्योंकि आपको गेंद को फ्लाइट देनी पड़ेगी और बल्लेबाज़ों को न्यौता देना पड़ेगा कि वो आपको हिट करे. टी20 में अक्सर बल्लेबाज आपके पीछे पड़े होते है तो बेहतर रणनीति ये होती है कि पहले 2-3 ओवर में 5-6 डॉट बॉल डालकर उन पर दबाव बनाया जाए अगर ऐसा होता है तो बल्लेबाज जोखिम भरे शॉट खेलता है.’युवा लेग स्पिनर्स पर भी होगी नजर
अगर मिश्रा और पीयूष चावला के लिए प्रेरणा नब्बे के दशक में शेन वॉर्न और अनिल कुंबले जैसे दिग्गज रहे तो ताहिर (Imran Tahir) को प्रेरणा पाकिस्तान (Pakistan) के अब्दुल कादिर (Abdul Qadir) से मिली. लेकिन, नई पीढ़ी के लिए खुद ताहिर और अफरीदी रोल मॉडल लेग स्पिनर रहे हैं। अफगानिस्तान के राशिद ने तो यूट्यूब पर अफरीदी के एक्शन से प्रेरणा ली लेकिन, नई पीढ़ी के लिए टी20 फॉर्मेट में राशिद से ज़्यादा करिशमाई लेग स्पिनर कोई भी नहीं है। लेग-स्पिनर ही नहीं शायद टी20 फॉर्मेंट में कोई भी गेंदबाज़ नहीं राशिद के तरकश में वो हर तीर मौजूद है जिसकी इच्छा कोई भी लेग स्पिनर करेगा. वो नई गेंद के साथ सहज हैं, डेथ ओवर्स में भी बेहतरीन और और मिड्ल ओवर्स में भी विकेट झटक लेतें हैं और रनों के रोकने के मामले में तो उनका कोई सानी नहीं है।
अगर युवा भारतीय लेग स्पिनर की बात की जाए तो इस बार आप नज़र किंग्स इलेवन पंजाब के रवि बिशनोई पर नज़र ज़रुर रखियेगा अंडर 19 की कामयाबी से आईपीएल का सफर बिशनोई ने आसानी से पार किया है और बेहद भाग्यशाली हैं कि उनके आदर्श अनिल कुंबले उनकी ही टीम के कोच हैं। हो सकता है कि टूर्नामेंट ख़त्म होने के बाद बिशनोई लेग स्पिन कला की नए होरी बनकर उभरे।