सेना ने LAC पर इन्फैंट्री बटालियन, आर्टिलरी रेजिमेंट, स्पेशल फोर्स के साथ ही ड्रोन की एक बड़ी रेंज को तैनात करना भी शुरू कर दिया है. उदाहरण के लिए ड्रोन के चार सेटों की डिलीवरी मार्च-अप्रैल में होगी. हर सेट में 50 ड्रोन होंगे और ये अधिकतम 50 किलोमीटर की रेंज तक मार सकते हैं. ये ड्रोन 1 से 5 किलोग्राम उच्च विस्फोटक पेलोड ले जा सकते हैं
सेना ने दुश्मन के ठिकानों पर सटीक स्ट्राइक करने के लिए कम से कम सात सेट ऐसे ड्रोन खरीदने की तैयारी की है. जिनकी रेंज करीब 15 से 100 किलोमीटर तक है. इनमें से कुछ की डिलीवरी अगस्त से पहले शुरू हो जाएगी
पूर्वी लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैली 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के निगरानी करने के लिए आधुनिक टेक्नोलॉजी और नए-नए जासूसी उपकरणों को भी शामिल करने पर भी विशेष ध्यान दिया गया है.
तोपों का आधुनिकीकरण करने के साथ मिसाइलों, रॉकेटों और स्मार्ट वॉर से जुड़े हर साजो-सामान को LAC पर तैनात किया जा रहा है. जिसमें के-9 वज्र से लेकर मल्टी-लॉन्च आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम पिनाका तक शामिल है.
आर्मी एयर डिफेंस के लिए कम दूरी की और मध्यम दूरी की सतह से हवा में वार करने वाली मिसाइल सिस्टम को LAC पर तैनात कर रही है. बेहतर ढंग से हवाई टारगेट की पहचान करने के लिए आधुनिक अग्नि रडार और काउंटर-ड्रोन उपकरण भी LAC पर लगाए जाने का काम तेजी से चल रहा है.