प्रमुख इराकी शिया धर्मगुरु मुकतदा अल-सईद मुहम्मद अल-सदर ने ईरान और अमेरिका को अपने संघर्षो में बगदाद को शामिल करने के खिलाफ दी चेतावनी

प्रमुख इराकी शिया धर्मगुरु मुकतदा अल-सईद मुहम्मद अल-सदर ने ईरान और अमेरिका को अपने संघर्षो में बगदाद को शामिल करने के खिलाफ चेतावनी दी है।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने शुक्रवार को ट्विटर पर पोस्ट अल-सदर के एक बयान के हवाले से कहा, अमेरिका-ईरान संघर्ष का इराक शिकार हो गया है और यह बहुत प्रभावित हुआ है जैसे कि यह उनके संघर्षो का अखाड़ा हो।

उन्होंने कहा, इसलिए, मैं ईरान से अपने संघर्ष से इराक को दूर रखने के लिए कहता हूं और मैं (अमेरिका) को भी चेतावनी देता हूं।

उन्होंने कहा, इराक और इराकी नागरिक दोनों के बीच संघर्ष का हिस्सा नहीं हैं।

बगदाद-वाशिंगटन संबंध में इस साल 3 जनवरी से थोड़ा तनाव है, क्योंकि एक अमेरिकी ड्रोन ने बगदाद हवाईअड्डे पर एक काफिले पर हमला किया, जिसमें ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशन गार्डस कोर के कुद्स फोर्स के कमांडर कासिम सुलेमानी और इराक के अर्धसैनिक बल के हशद शाबी के उपप्रमुख अबू महदी अल-मुहांदिस मारे गए थे।

ड्रोन हमले के दो दिन बाद, इराकी संसद ने एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें सरकार को देश में विदेशी ताकतों की मौजूदगी खत्म करने की जरूरत है।

प्रस्ताव के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने, शुरू में इनकार करने के बाद, मार्च से सैनिकों को हटाना शुरू कर दिया।

सितंबर में, अमेरिकी सेना ने घोषणा की थी कि वह इराक में अपने सैनिकों की संख्या 5,200 से घटाकर 3,000 कर देगा।

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

-क्यों न्यूज़ मीडिया संकट में है और कैसे आप इसे संभाल सकते हैं
-आप ये इसलिए पढ़ रहे हैं क्योंकि आप अच्छी, समझदार और निष्पक्ष पत्रकारिता की कद्र करते हैं. इस विश्वास के लिए हमारा शुक्रिया.

-आप ये भी जानते हैं कि न्यूज़ मीडिया के सामने एक अभूतपूर्व संकट आ खड़ा हुआ है. आप मीडिया में भारी सैलेरी कट और छटनी की खबरों से भी वाकिफ होंगे. मीडिया के चरमराने के पीछे कई कारण हैं. पर एक बड़ा कारण ये है कि अच्छे पाठक बढ़िया पत्रकारिता की ठीक कीमत नहीं समझ रहे हैं.

-द दस्तक 24 अच्छे पत्रकारों में विश्वास करता है. उनकी मेहनत का सही मान भी रखता है. और आपने देखा होगा कि हम अपने पत्रकारों को कहानी तक पहुंचाने में जितना बन पड़े खर्च करने से नहीं हिचकते. इस सब पर बड़ा खर्च आता है. हमारे लिए इस अच्छी क्वॉलिटी की पत्रकारिता को जारी रखने का एक ही ज़रिया है– आप जैसे प्रबुद्ध पाठक इसे पढ़ने के लिए थोड़ा सा दिल खोलें और मामूली सा बटुआ भी.

अगर आपको लगता है कि एक निष्पक्ष, स्वतंत्र, साहसी और सवाल पूछती पत्रकारिता के लिए हम आपके सहयोग के हकदार हैं तो नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें . आपका प्यार द दस्तक 24 के भविष्य को तय करेगा.
https://www.youtube.com/channel/UC4xxebvaN1ctk4KYJQVUL8g

आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ