25 हजार रुपए लेने के आरोप में एलडीए बाबू निलंबित, बाबू की हरकत देख आया वीसी को गुस्सा

एलडीए बाबू ने 250 रुपए की रसीद का सत्यापन करने के लिए 25 हजार रुपए फरियादी से ले लिया। मामला एलडीए के प्राधिकरण दिवस पर खुला। उसके बाद एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने मामले में सख्ती दिखाते हुए न बाबू को निलंबित किया बल्कि महज एक घंटे के अंदर काम भी कराया।
दरअसल, मोतीझील निवासी मुसीर हुसैन को साल 1982 में भवन संख्या ई1/93 आवंटित हुआ था। उन्होंने इसका पूरा भुगतान कर दिया था। लेकिन एक 250 रुपए की रसीद पर सत्यापन का काम बाकी था। अब इस काम के लिए एलडीए का भ्रष्टाचारी बाबू गिरीश शर्मा उनको सालों दौड़ाता रहा। यहां तक की 25 हजार रुपए भी ले लिए। एलडीए ने बाबू को निलंबित कर दिया।
मुसीर अहमद ने कमिश्नर रोशन जैकब और वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी के सामने बात रखी। बताया कि कैसे 250 रुपए की रसीद पर सत्यापन नहीं हो रहा। बाबू ने इसके लिए उनसे 25 हजार रुपए भी ले लिया है। वीसी ने इसके बाद बाबू को तलब कर लिया। बाबू को पूछा गया तो उसने बात को अनसुना कर दिया। बताया कि कोई पैसा नहीं लिया लेकिन फरियादी ने सबके सामने फिर से पूरी कहानी बताई। वीसी ने सत्यापन न होने की वजह पूछी तो बाबू उसका भी सही जवाब नहीं दे पाया।
बाबू की हरकत देख वीसी को गुस्सा आया। मौके पर ही लेखा विभाग के अधिकारियों को बुलाया। उनको सत्यापन करने का आदेश दिया और महज एक घंटे के अंदर काम हो गया। जबकि बाबू झूठ बोल रहा था कि इससे संबंधित कागज नहीं मिल रहे हैं।
मौके पर मौजूद अधिकारियों ने बताया कि बाबू वीसी ने भी बहस रहा रहा था। पहले तो उसने कहा कि उसने कोई पैसा नहीं लिया है। एलडीए के एक अधिकारी ने बताया कि बाबू ने पैसा लौटाने के नाम पर कहा कि अब काम हो गया पैसे का क्या करना। जिसके बाद उसको काफी फटकार लगी और उसने पैसा देने की बात स्वीकारी।
मुसीर हुसैन से जब लिखित शिकायत देने की बात कही गई तो उसने बाबू के परिवार का हवाला दिया। कहा कि चार साल से वह दौड़ लगा रहे है। काम हो गया वह इससे खुश है। इसके खिलाफ अगर लिख के देता हूं तो इसका परिवार परेशान होगा। उनकी रोजी- रोटी पर संकट आएगा। ऐसे में इसको छोड़ दीजिए। हालांकि सभी कागज सही होने के बाद भी देर तक दौड़ाने और लापरवाही के मामले में वीसी ने बाबू को सस्पेंड कर दिया।
एलडीए वीसी डॉ़ इंद्रमणि त्रिपाठी के अनुसार मौके पर 54 शिकायतें आई। इसमें 19 मामलों को मौके पर ही निस्तारण मौके पर ही कर दिया गया। सुनवाई के दौरान विशेष कार्याधिकारी राजीव कुमार, प्रिया सिंह, श्रद्धा चौधरी, देवांश त्रिवेदी, नजूल अधिकारी अरविंद त्रिपाठी, एसडीएम शशिभूषण पाठक, अधिशासी अभियंता संजीव कुमार गुप्ता, नवनीत शर्मा, उप सचिव माधवेश कुमार एवं अतुल कृष्ण मौजूद रहे।