सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को मध्य प्रदेश मामले को लेकर सुनवाई हुई. कांग्रेस की ओर से पेश हो रहे वकील दुष्यंत दवे ने अदालत में मुकुल रोहतगी की अनुपस्थिति पर सवाल खड़े किए. मुकुल रोहतगी इस वक्त AGR मामले में भी पेश हो रहे थे, जिसपर कांग्रेस के वकीलों की ओर से सवाल खड़े किए गए. कांग्रेस की ओर से अपील की गई है कि इस मामले को संवैधानिक पीठ के सामने भेज देना चाहिए.
जबकि अदालत में कांग्रेस के वकील की ओर से दलील दी गई है कि अभी दुनिया मानवता के सबसे बड़े संकट कोरोना से जूझ रही है, ऐसे में क्या इस वक्त बहुमत परीक्षण कराना जरूरी है? कांग्रेस की ओर से अदालत में बताया गया कि राज्यपाल सिर्फ मीडिया रिपोर्ट्स पर भरोसा कर रहे हैं और मान कर बैठे हैं कि कमलनाथ सरकार के पास बहुमत नहीं है.
दुष्यंत दवे ने अदालत में कहा कि कांग्रेस के विधायकों को किडनैप कर लिया गया है, अदालत के जरिए इस मामले में कार्रवाई होनी चाहिए. इसी बीच बागी विधायकों की ओर से पेश हुए मनिंदर सिंह ने कहा कि किसी को भी बंदी नहीं बनाया गया है.
कांग्रेस की ओर से वकील ने अदालत में कहा कि अगर ये मामला आज नहीं सुना गया तो ऐसा नहीं होगा कि आसमान फट जाएगा. हमारी राज्य सरकार के पास बहुमत था, लेकिन विधायकों को किडनैप किया गया.
जब आमने-सामने आए दोनों पक्ष के वकील
कांग्रेस विधायकों की ओर से पेश हुए वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि अदालत में दूसरे वकील पिछले 50 मिनट से इंतजार करवा रहे हैं, अगर उनके पास दूसरा केस था तो फिर ये वाला केस क्यों हुआ. जब कांग्रेस के वकील ये तर्क दे रहे थे, तभी कोर्ट रुम में मुकुल रोहतगी आए और उन्होंने अपनी बात रखनी चाही.
दुष्यंत दवे ने अदालत में बताया कि चुनावों में कांग्रेस गठबंधन को 114 सीटें मिली और बीजेपी को सिर्फ 109 सीटें मिली. ऐसे में अब सिर्फ लोकतंत्र का मजाक बनाया जा रहा है. कांग्रेस के वकील के द्वारा अपील की गई है कि इस मामले को संवैधानिक बेंच को भेजा जाना चाहिए.