कृषि कानूनों पर सुझाव देने के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी के सदस्य अनिल घनवट ने सोमवार को कहा कि देश में अगर फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लेकर कानून बनाया जाता है तो अर्थव्यवस्था को संकट का सामना करना पड़ेगा। शेतकारी संगठन के अध्यक्ष घनवट का यह बयान ऐसे समय में आया है जबकि कृषि कानूनों को वापस लेने के केंद्र सरकार की घोषणा के बाद प्रदर्शनकारियों की तरफ से एमएसपी पर कानून बनाने की मांग तेज हो गई है।
घनवट ने कहा, ‘अगर एमएसपी पर कानून बनता है तो हम संकट का सामना करेंगे। कानून बनने के बाद अगर किसी दिन खरीद प्रक्रिया नीचे जाती है तो कोई भी उत्पाद नहीं खरीद पाएगा क्योंकि एमएसपी से कम कीमत पर इसे खरीदना अवैध होगा और व्यापारियों को इसके लिए जेल में डाल दिया जाएगा।’
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और किसान नेताओं दोनों को ही कृषि से आय को बढ़ाने के लिए कुछ अन्य उपायों पर विचार करना चाहिए। एमएसपी पर कानून इसका कोई समाधान नहीं है। घनवट ने आगे कहा, ‘यह एक संकट होने जा रहा है क्योंकि न सिर्फ व्यापारियों को बल्कि स्टाकिस्टों और इससे जुड़े हर किसी को नुकसान होगा। यहां तक कि कमोडिटी बाजार भी अस्त व्यस्त हो जाएगा। यह विकृत हो जाएगा।’