कुसमुण्डा – हादसे में घायल भाई ठीक होने गया था अस्पताल, घर वापस आया शव, रोते-बिलखते बहनों ने भाई के शव पर चढ़ाई राखी., त्यौहार बदला मातम में. भाई-बहन के प्रेम का पर्व,एक दूसरे की रक्षा करने का पर्व,खुशियों का पर्व क्या हो जब मातम में बदल जाये। इससे दुःखद कुछ नही।
4 दिन पहले 30 जुलाई की तड़के सुबह गेवरा खदान में कार्य के दौरान हुए हादसे में मुकेश दिवाकर गम्भीर रूप से घायल हो गए थे, उनकी गम्भीर स्थिति को देखते हुई उन्हें आनन फ़ानन में कोरबा अस्पताल से रायपुर रामकृष्ण में भर्ती कराया गया था, जिंदगी और मौत से जूझते 24 वर्षीय युवा ने वँहा दम तोड़ दिया।
रक्षाबंधन से ठीक एक दिन पहले कल उनका पार्थिव शरीर घर लाया गया, जंहा उनके ठीक होकर घर आने पर राखी बांधने का इंतजार कर रही बहनो ने कभी सपने में नही सोचा था कि यह दिन देखना पड़ेगा। मुकेश 6 भाई बहनों में सबसे छोटा था, एक बड़ा भाई और 4 बहनों का सबसे दुलारा था। उसे इस हालत में देखने की भी कल्पना सपने में भी किसी ने नही की थी, भाई के शव से लिपटकर चारो बहने बिलख बिलख कर रो रही थी ।