क्रिकेट की ऐसी ललक की नौ साल से घर नहीं गए, तीन राज्य भटके और आखिरकार चौथे राज्य की टीम में करियर का सबसे बड़ा मुकाम हासिल किया। यह कहानी है बायें हाथ के स्पिनर कुमार कार्तिकेय सिंह की, जिन्हें मुश्किल दौर से गुजर रही मुंबई इंडियंस ने आइपीएल के शेष सत्र के लिए अपनी टीम में शामिल किया है। वे टीम में मप्र के मोहम्मद अर्शद खान की जगह लेंगे, जो चोटिल होकर लीग से बाहर हो गए हैं।
कार्तिकेय मूलत: उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं। कानपुर में अन्ना चौराहा, सनगंवा रोड़ पर कार्तिकेय का परिवार रहता है। पापा श्यामनाथ सिंह पुलिस में सिपाही हैं। मम्मी सुनीता सिंह गृहणी हैं। उन्होंने क्रिकेट की शुरुआत उप्र से की, लेकिन बात नहीं बनी। छोटा भाई भी क्रिकेट खेलता है और उप्र टीम का ही जूनियर वर्ग में प्रतिनिधित्व भी किया, लेकिन ऐसी किस्मत कुमार कार्तिकेय की नहीं थी। कुमार कार्तिकेय ने इसके बाद पड़ोसी राज्य दिल्ली का रुख किया। किसी ने बताया था दिल्ली में कोच संजय भारद्वाज से मिलो। इन्होंने गौतम गंभीर, उन्मुक्त चंद, अमित मिश्रा, जोिंगदर शर्मा जैसे कई खिलाड़ी तैयार किए हैं। यहां भी मेहनत की, लेकिन कुमार कार्तिकेय के लिए ‘दिल्ली दूर ही रही”। जब दिल्ली में भी खेलने का मौका नहीं मिला तो कोच की सलाह पर मध्य प्रदेश की ट्रेन पकड़ ली।
कार्तिक बताते हैं, ‘मैं नौ साल से घर नहीं गया हूं। मैंने सोचा था जब कुछ बन जाऊंगा तभी घर जाऊंगा। मेरे मम्मी-पापा बार-बार बुलाते थे, खासकर मेरी मम्मी बहुत बुलाती थी। मगर मैं लगन का पक्का था। अब आइपीएल खेलने के बाद घर लौटूंगा।” एक नदी की तरह कई राज्यों से होते हुए क्रिकेट का सफर तय करने को लेकर उन्होंने कहा-
मेरे कोच संजय सर ने मप्र में मेरे लिए चर्चा की थी। उनकी सलाह पर शहडोल संभाग खेलने गया। यहां पहले साल मप्र अंडर-23 टीम के स्टैंडबाई में मेरा चयन हुआ तो लगा कि चलो कहीं तो चुने गए।”
कुमार कार्तिकेय को रणजी टीम के चयन ट्रायल्स में खिलाया तो उन्होंने पांच विकेट लिए। फिर मप्र टीम के साथ मैसूर में अभ्यास टूर्नामेंट खेलने गए। यहां एक ही मैच खेलने को मिला, लेकिन प्रदर्शन अच्छा था तो वन-डे टीम में चयन हो गया। मुश्किल विकेट पर चार वन-डे मैचों आठ विकेट लिए। इसके बाद रणजी टीम में चयन हो गया। वर्ष 2018-19 सत्र में रणजी पदार्पण किया और तीसरे ही मैच में हिमाचल प्रदेश के खिलाफ पारी में पांच विकेट सहित कुल नौ विकेट चटकाए
वर्तमान सत्र में भी कुमार कार्तिकेय ने मप्र की ओर से गुजरात के खिलाफ पांच विकेट चटकाए, जिससे मप्र टीम ने क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई है। पहले कुमार कार्तिकेय दिल्ली से मप्र खेलने आते थे, लेकिन अब भोपाल में रहने लगे हैं। पूरा खर्च कोच संजय भारद्वाज उठाते हैं। क्रिकेट खेलने की चाह में पढ़ाई पीछे छूट गई, लेकिन फिर भी 12वीं तक की पढ़ाई उत्तराखंड से डिस्टेंस एजुकेशन से की है। कुमार कार्तिकेय को आइपीएल से पहले ही मुंबई इंडियंस ने ट्रायल्स के लिए बुलाया था और सपोर्ट टीम में चुना था। अब अर्शद के चोटिल होने से उन्हें मुख्य टीम में अवसर मिला है।