एरिका फर्नांडिस ने ‘कुछ रंग प्यार के ऐसे भी 3’ (Kuch Rang Pyar Ke Aise Bhi 3) को छोड़ने के बारे में एक नोट लिखा है. इस नोट में उन्होंने बताया कि वह शो में अपने किरदार की शेप्ड से खुश नहीं थी. वह फरवरी 2016 में इस शो के पहले सीजन से जुड़ी हुई थीं. दूसरे सीजन में भी उन्हें ऑडियंस से काफी प्यार मिला. तीसरे में उन्हें काफी प्यार मिल रहा था लेकिन वह अपने किरदार से खुश नहीं थीं. इस नोट में उन्होंने फैंस को उनके लगातार प्यार और समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. इस शो में एरिका ने शाहीर शेख और सुप्रिया पिलगांवकर के साथ काम किया है.
एरिका (Erica Fernandes) ने नोट की शुरुआत में और ‘कुछ रंग प्यार के ऐसे भी 3’ को इतना प्यार देने के लिए अपने फैंस का आभार जताया. उन्होंने लिखा, “शुरुआत में मैं उन सभी का शुक्रिया अदा करना चाहूंगी जिन्होंने ‘कुछ रंग’ को इसके कंसेप्शन से ही पसंद किया था. हम पर जो अपार प्यार बरसाया था, वह दिल को छू लेने वाला है. कई वजहों से जब शो को पहली बार ऑफ एयर करना पड़ा था, उसी कुछ रंग परिवार से शक्ति और प्यार ने हमें एक बार फिर से पर्दे पर वापस खींच लिया था.”
एरिका ने आगे लिखा,”इसके ऑफ-एयर होने के लगभग एक महीने बाद, उसी कुछ रंग फैमिली की वजह से हम एक बार फिर इतने एक्साइटमेंट के साथ वापस आने के लिए रोमांचित थे. सोनाक्षी का किरदार मुझे और आपको पसंद था, ये किरदार कई लोगों को प्रेरित करता था, एक किरदार जो स्ट्रॉन्ग, स्मार्ट, बैलेंस्ड था… सोनाक्षी पहले और दूसरे सीजन में थी और इस सीजन में भी उसके होने की इच्छा थी.”
एरिका खान ने आगे लिखा,”लेकिन दुर्भाग्य से इस सीजन में हमने सोनाक्षी को बिल्कुल अपॉजिट देखा. उम्मीद करती हूं कि सोनाक्षी को पहले दो सीजन के लिए याद किया जाएगा और इस सीजन के लिए नहीं जिसमें वह कमजोर और कन्फ्यूज्ड दिखाई दे रही है. पहले दो सीजन में उसके पास एक नौकरी और ऑफिस था और इस सीजन में घर में बैठी है और कुछ नहीं कर रही हैं.”
एरिका ने इस पोस्ट के जरिए बताया कि उन्होंने अपने स्वाभिमान और शो के बीच किसी एक को चुना है. उन्होंने आगे लिखा, “कभी-कभी जब आपको अपने स्वाभिमान और इतने प्यारे शो के बीच चुनना पड़ता है.. आपको कड़े फैसले लेने पड़ते हैं. जिनके बारे में बता नहीं सकते. और आप हमेशा दूसरों की जिम्मेदारियां अपने कंधों पर नहीं ले सकते हैं, आपको अपना ध्यान रखना होगा और उसके आधार पर चुनाव करना होगा. मैं हमेशा यह देखने के लिए समय देती हूं कि क्या चीजें बदलती हैं लेकिन जब वे नहीं बदलती हैं, तो आप जानते हैं कि आप किसी को आपको महत्व देने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं और आगे बेहतर चीजों की ओर बढ़ सकते हैं.”