कोरबा। कोरबा में एस ई सी एल की कुसमुंडा खदान के 28 नंबर नए कोल स्टॉक में आग लगी हुई है। बीते डेढ़ माह से लगी यह आग अब स्टॉक के चारो तरफ फैल चुकी है। 15 हज़ार टन कोयला जल कर खाक हो चुका है। स्पान्टेनियस हीटिंग बना कारण। आग बुझाने प्रबंधन के तमाम प्रयास विफल हो रहे हैैं। प्रबंधन को एक करोड़ 42 लाख रूपये के नुकसान का अनुमान है।
कुसमुंडा खदान के पुराने बरपाली डंपिंग में झाड़ियों को काट कर मिट्टी लेबल किया गया था। जंहा पर लाखो टन कोल स्टॉक किया गया था। जिसका बीते माह से उठाव (डिस्पेच) किया जा रहा है। शुरुवात से ही प्रबन्धन के द्वारा आग बुझाने के लिए कोल स्टॉक के ऊपर से ही पानी की पाइप लाइन बिछा दी गयी थी। जिससे आग बुझाया भी जा रहा है, साथ ही बड़ी-बड़ी पानी की टेंकरो का भी सहारा लिया जा रहा है। जिनसे फायर ब्रिगेड की तरह ही आग बुझाने पानी का छिड़काव किया जा रहा है। इसके अलावा प्रतिदिन करीब 4 डोजरो से जले हुए कोयले को अलग करने का भी प्रयास किया जा रहा है। बरसात के मौसम में भी भारी बारिश भी यह आग बुझा नही पा रही है। अंदर ही अंदर धधक कर और फैल रही है।
तमाम प्रयासों के बावजूद कोयले के इस विशाल भंडारण में लगी आग पर काबू नही पाया जा सका है। कोल स्टॉक अत्यधिक ऊंचाई होना भी आग बढ़ने की बड़ी वजह है। क्षेत्र में 4 से 5 किलोमीटर दूर तक इस स्टॉक की आग को देखा जा सकता है। आग से सम्भवना जताई जा रही है की हजारो टन कोयला जलकर राख हो चुका है।
आपको बता दें बीते माह सीएचपी की कन्वेयर बेल्ट में भी जो आग लगी थी वह संभवता इसी कोल स्टॉक के जले हुए कोयले को भेजने की वजह से हुई थी। कोल स्टॉक में लगी आग के धुंए की वजह से खदान अंदर कर्मचारियो को काम करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
खदान के 3 नम्बर वर्कशॉप, रोड सेल कांटा और एमटिके ऑफिस इस कोल स्टॉक के नजदीक है। जंहा जले हुए कोयले का धुआँ हवा के साथ इस दिशा में आ जाता है। जिससे कर्मचारियो को सांस में दिक्क्क्त की भी शिकायत है। वही दुसरीं तरफ़ इस आग से निकल रही धुंए से वातावरण भी बेहद प्रदूषित हो रहा है। एस ई सी एल कुसमुंडा के जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं।(ज़िला संवाददाता उत्सव यादव कोरबा छत्तीसगढ़)