कोरबा-: रीढ़ की हड्डी मानव शरीर की जड़ है जिसकी देखभाल करना हमारी खुद की जिम्मेदारी

छत्तीसगढ़ कोरबा-: रीढ़ की हड्डी मानव शरीर का जड़ है ऐसा बड़े-बड़े डॉक्टर,साइंस हमें बताते हैं 16 अक्टूबर को (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन) के तरफ से पूरी दुनिया में रीढ़ की हड्डी को जागरूक करने के लिए वर्ल्ड स्पाइन डे मनाया जाता है आज के दौर में रीढ़ की हड्डी में परेशानी बढ़ना आम बात है कमर का दर्द देश दुनिया में बहुत तेजी से बढ़ने वाला समस्या है ऑफिस दफ्तर हो या कोई भी काम लगातार बैठे-बैठे यह हमारे लगातार दबाव से रीढ़ की हड्डी में समस्या आ रहा है,यह दर्द लंबे समय तक बना रहता है तो कई बार दवाओं के साथ साथ ऑपरेशन तक का भी नौबत आता है।
सेराजेम थेरेपी सेंटर कोरबा विगत 10 वर्षों से लगातार रीढ़ की हड्डी के बारे से लोगों को जागरूक कर रहा है एवं समस्या का समाधान भी कर रहा है सेराजेम प्राकृतिक चिकित्सा होने के साथ-साथ रीढ़ की हड्डी को मैनेजमेंट करने वाला मशीन है जिसका लाभ कोरबा क्षेत्र के लोग पिछले 10 वर्षों से उठा रहे हैं।
आज सेराजेम थेरेपी सेंटर कोरबा में लोगों को जागरूक करने के लिए स्पाइन डे मनाया गया जिसमें कोरबा के विभिन्न क्षेत्र से कई लोग अपने रीढ़ की हड्डी के बारे में जानने के लिए उत्साहित होकर सेराजेम पहुंचे।
सेंटर के संचालक श्री अरविंद सूर्यवंशी जी ने स्पाइन के बारे से कुछ बातें शेयर किए जो डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव जी ने बताए है जिनका यूट्यूब में रीढ़ की हड्डी के ऊपर कई वीडियो मौजूद है।
लोगों ने जानकारी के साथ-साथ सेराजेम मशीन का ट्रायल भी लिए जहां पर लोग एक्सरसाइज क्लास का भी बहुत आनंद लिए और रीढ़ की हड्डी के स्वास्थ्य के लिए सेराजेम को बेहतर मशीन बताए।
आज के प्रोग्राम में सेराजेम संचालक अरविंद सूर्यवंशी के साथ-साथ रामेश्वर सूर्यवंशी सेंटर मैनेजर मालती श्याम,प्रिया सूर्यवंशी,देशू नागेशिया सेराजेम के ग्रुप लीडर कमला साहू,साधना साहू, नीलम ठाकुर,केसर देवी कर्ष, उत्तरा बाई अहिरवार,जानकी देवी नुसरत जहां,गीता श्रीवास,लक्ष्मिन सूर्यवंशी,किरण यादव,लता सोनी एवं समस्त लाभान्वित ग्राहक मौजूद रहे।