कोरबा : बालकों में भी बना हुआ है राखड़ डैम टूटने का खतरा, पिछले दिनों एसीबी पावर प्लांट में सामने आई थी घटना

कोरबा का बालको प्रबंधन आए दिन अपनी कार्यशैली को लेकर सुर्खियों में बना रहता है । स्थानीय बेरोजगारों की उपेक्षा सरकारी जमीन पर कब्जा और आश्रित ग्रामो को सुविधा नहीं देने को लेकर आए दिन ग्रामीण बालकों की शिकायत करते हैं रही सही कसर बालकों के राखड डेम पूरा कर रहे है। लेकिन पिछले दिनों हुई बारिश के कारण एसीबी पावर प्लांट का राखल डेम फुट गया था, जिससे ग्रामीणों को काफी नुकसान उठाना पड़ा , इसी बात को ध्यान में रखते हुए बालकों के लोग भी बालको प्रबंधन से राखल डैम की उचित रखरखाव की मांग कर रही हैं साथ ही उन्होंने बालको प्रबंधन पर आरोपी लगाए जो इस प्रकार है,

1) राखड़ डैम के दूषित पानी से नदियों के जल को दूषित करना।2) राखड़ परिवहन के नाम पर ट्रकों में राखड भर कर सड़कों पर परिवहन की जाती है परंतु उन्हें कई गाड़ियों द्वारा बिना ढके ही ले जाया जाता है।तथा रात में तो गिनी चुनी गाड़ियों द्वारा ही राखड़ को ढक कर ले जाया जाता है जिससे कि संपूर्ण क्षेत्र राखड मय हो जाता है।3) राखड डेम की ऊंचाई इतनी अत्यधिक की जा चुकी है एवं उसमें क्वालिटी के नाम रत्ती बराबर भी भरोसा नहीं क्योंकि सिर्फ राखड़ से ही डैम की ऊंचाई बढ़ाई गई है एवं 1 इंच- 2 इंच मिट्टी ऊपर से डाला गया है जो कि कभी भी दबाव पड़ने पर टूट सकता है एवं इसी प्रकार ACB पावर प्लांट कि टूटे हुए डैम की तरह पूर्ण रूप से स्थानीय जन जीवन को नष्ट कर सकता है।अतः संबंधित अधिकारियों से निवेदन है कि और ध्यान केंद्रित करें एवं स्थानीय जन जीवन को आने वाली बहुत बड़ी घटना से बचाने हेतु कार्य करें।4) बालको प्रबंधन द्वारा राखड खाली करने के नाम पर पूरे जिले को भरपूर मात्रा में राखड से भर दिया गया है जिस तरफ चले जाएं सिर्फ राखड़ ही राखड़ नजर आता है तथा आम जन जीवन के सामने इस राखड़ की वजह से अनेकों प्रकार की बीमारियां एवं सांस लेने संबंधित बीमारियों की समस्या उत्पन्न हो गई है।5) बालको प्रबंधन संयंत्र से उत्सर्जित विषैले केमिकल को नियंत्रित नहीं कर पाने के कारण राखड डैम के माध्यम से नदी एवं नालों में छोड़ उन्हें संपूर्ण रुप से दूषित करने पर उतारू है।6) बालको प्रबंधन की बड़ी-बड़ी गाड़ियां सड़कों पर इस प्रकार से दौड़ती हैं मानो वह गाड़ियां मौत की रफ्तार से चल रही हो।परंतु उन्हीं गाड़ियों ने सड़कों का वो हाल कर दिया है जैसे सड़क नहीं तालाब हो परंतु किसी की नजर उस ओर जाती नहीं दिखती।उन सड़कों पर से आमजन का आवागमन करना नामुमकिन हो चुका है गाड़ियां इस तरह से गड्ढे में फस जा रही हैं जैसे किसी खाई में जाकर फस गई हो।अतः प्रशासन से विनती है कि इन पॉइंट्स पर ध्यान पूर्वक विचार करें एवं प्रबंधन को स्ट्रिक्टली इन सब चीजों को सुधार करने हेतु आदेशित करें।(ज़िला संवाददाता उत्सव कुमार यादव कोरबा छत्तीसगढ़)