कोरबा: मल्टी एक्टिविटी सेंटर महोरा गौठान का किया औचक निरीक्षण,महिला सशक्तिकरण महत्वपूर्ण-रानू साहू

छत्तीसगढ़ /कोरबा -:कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने मल्टी एक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित आदर्श गौठान महोरा का आकस्मिक निरीक्षण किया। कलेक्टर ने गौठान में महिला स्वसहायता समूह के महिलाओं से उनके द्वारा किए जा रहे आर्थिक गतिविधियों की जानकारी ली। कलेक्टर श्रीमती साहू ने गौठान में आजीविका संवर्धन के लिए किए जा रहे विभिन्न कार्यों का निरीक्षण किया। गौठान में महिलाओ द्वारा किए जा रहे मुर्गी पालन, अगरबत्ती निर्माण, दीया-बाती निर्माण, गोबर से लकड़ी निर्माण, गोबर के गमले एवं टिकिया निर्माण का अवलोकन किया। कलेक्टर श्रीमती साहू ने कहा कि गौठान में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न आर्थिक गतिविधियों में अधिक से अधिक संख्या में महिलाओं को जोड़ा जाए। उन्होंने सभी गौठानों में मुर्गी पालन करने के लिए बड़े शेड बनाने और उसमें गांव की महिलाओं को जोड़ने के निर्देश मौके पर मौजूद एसडीएम को दिए। कलेक्टर ने महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे अगरबत्ती को जाकर देखा और उनको स्थानीय बाजारों में बेचने के लिए भी कहा। कलेक्टर ने गौठान में लगे दोना-पत्तल मशीन के खराब होने की जानकारी मिलने पर तत्काल मशीन को सुधरवाने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर श्रीमती साहू ने गौठान में समूहो द्वारा किसानों को कृषि यंत्रों को किराये पर देने के लिए संचालित किए जा रहे कृषि सेवा यंत्र केन्द्र का भी निरीक्षण किया। कलेक्टर ने समूह के सदस्यों से कृषि यंत्रों को किराये पर देने से होने वाली आय के बारे में भी जानकारी ली। समूह के सदस्यों ने बताया कि कृषि के लिए उपयोगी विभिन्न मशीनों को 600 से 900 रूपए प्रतिघंटे किराये पर दिए जाते हैं। महोरा गौठान निरीक्षण के दौरान एसडीएम, जनपद सीईओ सहित विभागीय अधिकारी मौजूद रहे।कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने महोरा गौठान निरीक्षण के दौरान सात एकड़ क्षेत्र में विकसित चारागाह का भी अवलोकन किया। कलेक्टर ने चारागाह में महिला समूहों द्वारा किए जा रहे सब्जी उत्पादन की जानकारी मौके पर मौजूद महिला समूह के सदस्यों से ली। कलेक्टर श्रीमती साहू ने कहा कि सात एकड़ क्षेत्र के चारागाह को और अच्छे से विकसित करके सब्जी उत्पादन को बढ़ावा दी जाए। चारागाह में उग आए खरपतवारों को नष्ट करके फसल उत्पादन के लिए विकसित किया जाए। चारागाह के अधिक क्षेत्र में सब्जी उत्पादन करने से महिला समूहों की आय बढ़ेगी और ज्यादा संख्या में महिलाओं को रोजगार भी मिलेगा।