कोरबा : ‘सूचना का अधिकार संवेदनशील और महत्वपूर्ण अधिनियम, पूरी जानकारी रखें अधिकारी-कर्मचारी’- कलेक्टर किरण कौशल.

छत्तीसगढ़/कोरबा : सूचना का अधिकार अधिनियम के अद्यतन प्रावधानों और मामलों को निपटाने की प्रक्रियाओं की जानकारी आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में दी गई। कार्यशाला में उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कलेक्टर किरण कौशल ने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम अत्यंत संवेदनशील और महत्वपूर्ण अधिनियम है जिसमें समय सीमा में आवेदक को जानकारी नहीं देने पर दंड का भी प्रावधान किया गया है। इसलिए सभी अधिकारी-कर्मचारियों को इस अधिनियम के सभी प्रावधानों की पूरी जानकारी रखना चाहिए। एक दिवसीय कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर एवं विधि विशेषज्ञ डा. सतीश अग्रवाल ने प्रतिभागियों को सूचना का अधिकार अधिनियम की बारिकियां समझाई। मास्टर ट्रेनर ने केंद्र एवं राज्य शासन द्वारा लागू किये गये प्रावधानों की भी विस्तार से जानकारी दी और प्रश्नोत्तर काल में प्रतिभागियों की शंकाओं का समाधान भी किया। कार्यशाला में एडीएम संजय अग्रवाल, अपर कलेक्टर प्रियंका महोबिया, डिप्टी कलेक्टर अजय उरांव, मास्टर ट्रेनर प्रो. एम.एम.जोशी सहित कलेक्टर कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी भी शामिल हुए।
कार्यशाला में कलेक्टर श्रीमती कौशल ने कहा कि विभागीय अधिकारी सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की प्रत्येक धारा और प्रावधानों का गहन अध्ययन करें। कार्यालय की सभी फाईल और नस्तियां अद्यतन रखें। उन्होंने कहा कि अधिनियम के तहत जो भी जानकारी मांगी जाये उसे बेहिचक दें। कलेक्टर ने कहा कि सभी अधिकारी अपनी कार्य प्रणाली में निष्पक्षता, पारदर्शिता और समदर्शिता के भावों का समावेश करें। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी जो भी कार्य कर रहे हैं, आदेश पारित कर रहे हैं, वे सूचना के अधिकार के तहत मांगी जा सकती है। अतः सभी अधिकारी नियमों का कठोरता से पालन कर बिना राग द्वेष से कार्य संपादित करें। कलेक्टर ने यह भी कहा कि सूचना के अधिकार का प्रभावी क्रियान्वयन करने इसके विभिन्न प्रावधानों के प्रति लोगों को जागरूक करना जरूरी है। अधिनियम की सफलता के लिए यह आवश्यक है कि जनता अपने इस महत्वपूर्ण अधिकार के प्रति जागरूक एवं सजग रहे।
एकदिनी कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर डा. अग्रवाल ने सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 अंतर्गत लोक प्राधिकारियों की बाध्यताएं, सूचना अभिप्राप्त करने के लिए अनुरोध, अनुरोध का निपटारा, सूचना के प्रकट किये जाने से छुट, अस्वीकृति के आधार, राज्य सूचना आयोग के गठन, सूचना आयोग की शक्तियां और कार्य, अपील, शस्ति, सद्भावना पूर्ण की गई कार्यवाही के लिए संरक्षण आदि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि लोक सूचना अधिकारी द्वारा अनुरोध की प्राप्ति के 30 दिन के भीतर ऐसी फीस की संदाय पर जो विहित की जाए या तो सूचना उपलब्ध करायेगा या विनिर्दिष्ट कारणों में से किसी कारण से अनुरोध को अस्वीकार करेगा। परंतु जहां मांगी गई जानकारी का संबंध किसी व्यक्ति के जीवन या स्वतंत्रता से हो वहां वह अनुरोध प्राप्त होने के 48 घंटे के भीतर उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने सूचना के प्रकट किये जाने से छुट के संबंध में भी विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने सूचना के अधिकार अंतर्गत प्रथम अपील, द्वितीय अपील से संबंधित प्रावधानों की जानकारी दी।

(ज़िला संवाददाता उत्सव यादव कोरबा छत्तीसगढ़)