कोरबा –रक्षाबंधन का पर्व आने वाला है। ऐसे में बाजार रंग-बिरंगी राखियों से सज रहा है। भाई-बहनों के प्यार का पवित्र त्यौहार रक्षाबंधन में इस बार बाल गृह की बालिकाएं अपने हाथों से भाईयों के लिए नए डिजाइन की देशी राखियां तैयार कर रही हैं। बालिकाएं रक्षाबंधन पर ऊन,मोती,सरसों दाने, चावल, गेहूं, रुद्राक्ष आदि चीजों से आकर्षक राखियां बना रही है। बालिका गृह की बारह-तेरह बालिकाओं का समूह नये-नये डिजाइन में कलात्मक राखियां बनाने में लगा है। बालिकाओं ने अभी तक लगभग पांच हजार आकर्षक राखियां तैयार कर ली हैं। इन राखियों को बेचने के लिए बालिका गृह सुमति सामुदायिक विकास संस्था बालाजी मंदिर ओम फ्लैट के पीछे कोरबा में राखियों का स्टॉल लगाया गया है। इन डिजाईनर और हैंडमेड राखियों का दाम 10 रूपए से 30 रूपए है।
संचालिका श्रीमती रुखमणी नायर ने बताया कि बालिकाओं ने राखी बनाने के लिए कोई विशेष प्रकार की ट्रेनिंग नहीं ली है। संस्था में ही बालिकाओं को सामान्य ट्रेनिंग दी गयी है। बालिकाएं ऑनलाइन माध्यम और यूट्यूब से देखकर सुंदर और आकर्षक राखियंा बना रही हैं। इन बालिकाओं को राखी बनाने के लिए कच्चे माल और धन की आपूर्ति महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से राज्य शासन द्वारा प्रदान की गई है। श्रीमती नायर ने बताया कि बालिका गृह में निवासरत बालिकाओं को सिलाई, कंप्यूटर, वेस्ट मटेरियल से क्राफ्ट बनाने का भी प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे बालिकाओं का कौशल विकास हो रहा है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्री एपी किस्पोट्टा ने बताया कि एकीकृत बाल संरक्षण योजना अंतर्गत कोरबा जिले में बच्चों के देखरेख एवं संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए बालक- बालिका गृह संस्थाएं संचालित है। संस्थाओं में निवासरत बालक -बालिकाओं की हुनर प्रतिभा को निखारने का भी कार्य किया जाता है। (जिला संवाददाता उत्सव कुमार यादव कोरबा छत्तीसगढ़)