एसईसीएल की कंपनी संचालन समिति की बैठक आयोजित हुई। इसमें ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। बैठक की अध्यक्षता एसईसीएल के सीएमडी एपी पंडा ने की। बैठक में कोविड से जान गंवाने वाले कर्मियों का मुद्दा भी उठा। देश की ऊर्जा जरुरताें काे पूरा करने के लिए काेयला कर्मचारी जान जाेखिम में डालकर काम करते रहे। संचालन समिति के सदस्य एसईकेएमसी के अध्यक्ष गाेपाल नारायण सिंह ने कहा कि पूरे एसईसीएल में काेराेना के कारण 194 कर्मियों की मौत हुई है।
इसमें से अब तक करीब 101 मृत कर्मचारियाें के आश्रिताें काे एक्सग्रेशिया के ताैर पर 15-15 लाख रुपए का भुगतान प्रबंधन की ओर से किया गया है। अन्य कर्मचारियाें के मामले में प्रक्रिया जारी है। इसके लिए कंपनी के तय गाइडलाइन के अनुसार मृत कर्मचारियाें के आश्रिताें काे एक्सग्रेशिया के अलावा ग्रेच्युटी, पीएफ, पेंशन भुगतान व अनुकंपा नियुक्ति का लाभ देने प्रबंधन से कहा गया है। बैठक में एसईसीएल कार्यकारी निदेशक मंडल, एचएमएस से नाथूलाल पाण्डेय, एटक से हरिद्वार सिंह, सीटू से जेएस सोढ़ी, सीटू, बीएमएस से मजरुल हक अंसारी, एसईकेएमएस गोपाल नारायण सिंह, सीएमओएआई के पांडेय एसईसीएल प्रबंधन के अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में कामगारों के आवासों के सिविल वर्क के मुद्दे भी उठाए गए। जिसमे बताया गया कि प्रबंधन की ओर से अब छाेटे-छाेटे काम की जगह इसके लिए 150 कराेड़ का सेंट्रलाइज टेंडर किया जाएगा, ताकि कार्य की सीधे निगरानी हाे सके। कर्मचारियाें के लिए काॅल सेंटर बनाया जाएगा। जिसके माध्यम से कर्मचारी अपनी बात प्रबंधन तक पहुंचा सकेंगे। बैठक में हैवी मशीनरी की कार्यक्षमता में और वृद्धि करने को लेकर चर्चा की गई। वहीं एसईसीएल स्तर पर सर्वसुविधायुक्त अस्पताल बनाने की मांग भी की गई है। जिस पर विचार के लिए प्रबंधन की ओर से आश्वस्त किया गया है।
बैठक में काेयला उत्पादन व उत्पादकता पर जोर दिया गया। सुरक्षा काे लेकर भी चर्चा की गई। इस वित्तीय वर्ष में 172 मिलियन टन के काेयला उत्पादन का टारगेट मिला है। इस लक्ष्य अनुसार उत्पादन के लिए भी श्रमिक प्रतिनिधियाें से वार्ता की गई है। ट्रेड यूनियनाें की ओर से कहा गया कि नए खदानाें के चालू हाेने काेयला उत्पादन बढेगा। इस पर प्रबंधन की अाेर से भी जानकारी दी गई है।