कोरबा जिले के एक सरकारी स्कूल के दो शिक्षक बच्चों को शिक्षा की रोशनी दिखा रहे हैं। दरअसल, कोरबा जिले के विकासखंड पोड़ी उपरोड़ा के ग्राम दर्रीपारा स्थित शासकीय प्राथमिक स्कूल में दो दिव्यांग अध्यापक पदस्थ हैं। इनमें से एक रंजीत कुमार (52) का कद केवल तीन फीट चार इंच है। वे हेड मास्टर हैं। वे ठीक से खड़े नहीं हो पाते हैं। चलने के लिए दोनों पैरों पर हाथों का सहारा लेना पड़ता है। वे शरीर से दिव्यांग जरूर हैं, लेकिन उनके इरादे हिमालय से भी ऊंचे हैं।
स्कूल में गणित व अंग्रेजी खुद ही पढ़ाते हैं। पिछले 26 साल से यहां पदस्थ हैं। वहीं दूसरे शिक्षक रामकुमार देवांगन (50) हैं। वे जन्म से ही नहीं देख पाते हैं। 9 साल से यहां पदस्थ हैं। उन्हें सभी किताबों का ज्ञान है। बच्चों को ब्रेललिपि की मदद से पढ़ाते हैं। दोनों की पढ़ाई का तरीका ही अलग है। इसके कारण यहां हर साल पांचवीं बोर्ड में बच्चे 80-90% तक अंक लाते हैं।
उनकी रुचि ने विद्यालय के वातावरण को उत्तम शिक्षा के अनुकूल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। बच्चों को स्कूल आने के बाद नियमित प्रार्थना, व्यायाम आदि के साथ पढ़ाई और फिर बागवानी की शिक्षा दी जा रही है। यह स्कूल किसी निजी विद्यालय के मानिंद सुंदर और आकर्षक नजर आता है।
दर्रीपारा के रामकुमार लोधी बताते हैं कि रंजीत कुमार जब 26 साल पहले उनके गांव में आए तो स्कूल की इमारत तक नहीं थी। नाममात्र बच्चे थे पर अब यहां 66 बच्चे पढ़ते हैं।
- जिला संवाददाता
- उत्सव कुमार यादव
- कोरबा छत्तीसगढ़