प्लेऑफ की राह में कोलकाता के सामने अब चेन्नई की चुनौती, ईडन गार्डेंस में आज होगा मुकाबला

‘करो या मरो’ के दौर से गुजर रही कोलकाता को प्लेऑफ में जगह बनाने के लिए अब चेन्नई को नाकों चने चबवाने होंगे। दूसरी ओर चेन्नई के पास खोने के लिए अब कुछ नहीं है, लेकिन टूर्नामेंट से पहले ही बाहर हो चुकी है और सम्मान रक्षा के लिए मैदान में उतरेगी, लेकिन कोलकाता का खेल बिगाड़ने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेगी। दोनों टीमें बुधवार को ईडन गार्डेंस स्टेडियम में भिड़ेंगी। कोलकाता-चेन्नई के बीच अब तक 31 मैच हुए हैं, जिनमें चेन्नई ने 19 तो कोलकाता ने 11 जीते हैं। एक मैच बेनतीजा रहा है।

लीग राउंड के अंतिम दौर में कोलकाता के प्रदर्शन में काफी सुधार देखने को मिल रहा है। टीम पिछले दो मैच जीतकर जीत की राह पर लौटी है। उससे पहले पंजाब के विरुद्ध मैच बारिश के कारण बेनतीजा रहा था। कोलकाता अगर बाकी तीनों मैच जीत ले तो अभी भी उसके लिए उम्मीदें हैं, हालांकि बाकी टीमों के मैचों के नतीजे भी मायने रखेंगे।

कोलकाता के लिए आंद्रे रसेल का फार्म में लौटना बड़ी राहत है। रसेल ने राजस्थान के विरुद्ध 25 गेंदों पर 57 रनों की धुआंधार पारी खेली थी। रिंकू सिंह के बल्ले से भी रन निकलने लगे हैं। कप्तान अजिंक्य रहाणे व अंगकृष रघुवंशी मध्यक्रम को संभालने की भूमिका बखूबी निभा रहे हैं। टीम प्रबंधन को इंतजार है तो 23.75 करोड़ की भारी-भरकम कीमत वाले उपकप्तान वेंकटेश अय्यर के फॉर्म में लौटने का, जो इस मुश्किल घड़ी में बहुत जरूरी भी है। इसी तरह टीम प्रबंधन को आरंभिक जोड़ी से भी शुभारंभ की आस है, जो इस सत्र के अधिकांश मैचों में देखने को नहीं मिली है। कोलकाता के लिए एक अच्छी बात यह भी है कि ईडन गार्डेंस की पिच पर अब उसके स्पिनर चलने लगे हैं। पिछले मैच में वरुण चक्रवर्ती व मोईन अली ने दो-दो विकेट चटकाए थे।

कप्तान महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में पांच-पांच बार ट्रॉफी जीत चुकी चेन्नई अंक तालिका में सबसे निचले पायदान पर टूर्नामेंट खत्म नही करना चाहेगी, इसलिए बचे मैच जीतने के लिए पूरा जोर लगाएगी। चेन्नई अब तक 11 मैचों में मात्र दो जीत पाई है और इस समय अंतिम यानी दसवें पायदान पर है। उसने पिछले चार मैच हारे हैं। इस सत्र में उसके सारे बल्लेबाज पूरी तरफ फ्लॉप रहे हैं। रवींद्र जडेजा (11 मैचों में 260 रन) ने सबसे ज्यादा रन बनाए हैं। गेंदबाजी में नूर अहमद (16 विकेट) व खलील अहमद (14 विकेट) ने जरूर चमक बिखेरी है, लेकिन वे अपने बूते चेन्नई की किस्मत नहीं बदल पाए।

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