जानें- क्यों कटा वाड्रा के करीबी का टिकट, क्या है प्रियंका से इसका कनेक्शन

Lok Sabha Election 2019: लोकसभा चुनाव-2019 के मद्देनजर दिल्ली से सटी हरियाणा की फरीदाबाद लोकसभा सीट पर रॉबर्ट वाड्रा के करीबी ललित नागर का टिकट कटने के पीछे बड़ी वजह सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस प्रत्याशी ललित नागर का टिकट कटवाकर पूर्व सांसद अवतार भड़ाना को दिलवाने में कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की अहम भूमिका रही। पहली सूची में ललित नागर को टिकट दिलवाने में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की रणनीति रही।

सूत्र बताते हैं कि प्रियंका वाड्रा ने ही अवतार भड़ाना को भाजपा के सारे पद छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने का न्योता दिया था, तब अवतार भड़ाना भड़ाना ने प्रियंका से फरीदाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की मंशा जाहिर की थी। यही कारण था कि उन्होंने उत्तर प्रदेश के कैराना लोकसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर भी चुनाव लड़ने से मना कर दिया था।

 

अवतार भड़ाना भाजपा से उत्तर प्रदेश के मीरापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक थे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जब यह जानकारी हो गई कि भड़ाना के टिकट की पैरवी प्रियंका कर रही हैं तो उन्होंने विधायक ललित नागर को टिकट की दौड़ में खड़ा कर दिया। ललित नागर प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा के काफी नजदीकी हैं। ललित के भाई महेश नागर ही रॉबर्ट की कंपनियों के लिए खरीद-फरोख्त करते रहे हैं। हुड्डा ने इसके लिए पार्टी के प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव गुलाम नबी आजाद को भी मना लिया था।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी 14 अप्रैल को ललित नागर को कांग्रेस का टिकट दिए जाने पर बड़ा मुद्दा बनाते हुए कहा था कि कांग्रेस ने दामाद के दलाल के भाई को टिकट दिया है। मुख्यमंत्री के इस बयान की गूंज दिल्ली तक हुई। इसके बाद से ही अवतार भड़ाना दोबारा टिकट लेने के लिए सक्रिय हो गए थे। सूत्र बताते हैं कि अवतार भड़ाना को टिकट दिलाने में कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी हाईकमान के सामने अहम भूमिका निभाई।

कट गया फरीदाबाद से ललित नागर का टिकट, अवतार भड़ाना ही होंगे योद्धा
यहां पर बता दें कि कांग्रेस ने देर रात हरियाणा राज्य के दस लोकसभा क्षेत्रों में बकाया चार सीटों के लिए अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सोनीपत से चुनाव लड़ेंगे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के बेटे दीपेंद्र रोहतक से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

 

करनाल से पार्टी ने गन्नौर के विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, हिसार से विधायक कुलदीप शर्मा के बेटे भव्य बिश्नोई को प्रत्याशी बनाया है तो कुरुक्षेत्र से पूर्व सांसद और प्रमुख उद्यमी नवीन जिंदल के मना करने पर निर्मल सिंह को प्रत्याशी बनाया गया है। सबसे अहम घटनाक्रम फरीदाबाद में हुआ है। पहली ही सूची में कांग्रेस ने इस लोकसभा क्षेत्र से तिगांव के कांग्रेस विधायक ललित नागर को प्रत्याशी बनाया था मगर अब ललित का टिकट काटकर पूर्व सांसद अवतार भड़ाना को टिकट दिया गया है। अवतार भड़ाना फरीदाबाद से 1991,2004,2009 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। भड़ाना 1999 में मेरठ लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। 2014 का चुनाव भड़ाना भाजपा के कृष्णपाल गुर्जर से 4.67 लाख के अंतर से हार गए थे।
फरीदाबाद के अलावा कांग्रेस की बकाया चार सीटों पर नेताओं में द्वंद्व चल रहा था। कुरुक्षेत्र से दो बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत चुके नवीन जिंदल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के आग्रह पर भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार नहीं हुए। पार्टी कुरुक्षेत्र से उम्मीदवार ढूंढ रही थी। ऐसे ही करनाल क्षेत्र से पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा अंतिम समय तक अपने बेटे चाणक्य पंडित के लिए टिकट लेने पर अड़े रहे मगर पार्टी ने आखिर उन्हें ही टिकट दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा किसी भी सूरत में चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे मगर पार्टी हाईकमान ने उन्हें सोनीपत से चुनाव मैदान में उतारा है। हुड्डा रोहतक से 1989 को छोड़कर 1991 से 2004 तक सांसद रहे। वे सोनीपत से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। हालांकि रोहतक, सोनीपत को हुड्डा का गढ़ माना जाता है। हिसार से पार्टी कुलदीप बिश्नोई को चुनाव लड़ाने के लिए तैयार नहीं कर पाई। इसके चलते उनके बेटे भव्य बिश्नोई को ही टिकट दिया गया। निर्मल सिंह पूर्व सीएम भृूपेंद्र सिंह हुड्डा के नजदीकी हैं। अवतार भड़ाना सहित चारों प्रत्याशी 22 अप्रैल को ही अपना नामांकन भरेंगे।