प्रेमी प्रेमिका के संबंध सिर्फ सेक्स तक ही सीमित नहीं होने चाहिए. सेक्स के अलावा भी दुनिया में बहुतकुछ ऐंजौय करने को है. संबंधों में प्रगाढ़ता और केयरिंग होना भी जरूरी है.आज प्रेम के मापदंड तेजी से बदल रहे हैं. युवावस्था में विपरीतलिंग के प्रति आकर्षण युवकयुवती को एकदूसरे के प्रति प्रेम के बंधन में बांधता है और फिर बातें, मुलाकातें और एकदूसरे के प्रति समर्पित होने तक का रिश्ता बनता है. प्रेमसंबंधों के चलते युवकयुवतियां एकांत मिलते ही संबंध बनाने से भी गुरेज नहीं करते. प्रेमी जहां सेक्स के लिए जल्दी तैयार हो जाते हैं और सेक्स करने को तत्पर रहते हैं वहीं प्रेमिका का रुझान सिर्फ दैहिक सुख तक नहीं रहता बल्कि उन पलों के रोमांच को समेट लेने का भी करता है.
ऐसे में जहां प्रेमी सिर्फ संबंध बना कर अपने प्यार के इजहार की इतिश्री समझ लेते हैं वहीं प्रेमिका दिलोजान से एकदूसरे को चाहने, मीठी बातें, छेड़छाड़ और सेक्स के बाद भी प्रेमी की बांहों में खुद को महफूज समझने जैसी भावनाओं को प्यार की अभिव्यक्ति समझती है. साथ ही यह भी चाहती है कि उस का प्रेमी उस की सैक्सुअली इच्छाओं को खुद ब खुद समझे व जाने. कुछ समाजशास्त्रियों का कहना है कि युवतियां अपनी जिंदगी के हर पहलू को एकदूसरे से जोड़ कर देखती हैं, जबकि युवक समझते हैं कि स्ट्रैस और झगड़े को सेक्स के वक्त एकतरफ रख देना चाहिए. इन चीजों या अन्य समस्याओं को सेक्स से नहीं जोड़ना चाहिए.
सच यह है कि सेक्स का असली मजा अफैक्शन के कारण ही आता है. मानसिक रूप से अपनापन, प्यार और नजदीकियां होती हैं तभी सेक्स संबंध सही माने में उत्तेजनापूर्ण होते हैं. जब कोई प्रेमी अपनी प्रेमिका को समयसमय पर छोटेमोटे उपहार देता है, उसे कौफी हाउस ले जाना, लंचडिनर करवाना और सिनेमा दिखाना आदि ऐसी बातें हैं जो दर्शाती हैं कि प्रेमी अपनी प्रेमिका को महत्त्व देता है और अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा मानता है. ऐसे में सेक्स का मजा भी कई गुणा बढ़ जाता है.
प्रेमिका में भी पूर्ण समर्पण की चाह
कई अध्ययनों से स्पष्ट हुआ है कि सिर्फ 60% प्रेमिकाएं ही ऐसी हैं जिन्होंने जितनी बार अपने प्रेमी से संभोग किया, उस से कम से कम आधी बार ही चरम आनंद का अनुभव किया. लेकिन उन्हें प्रेमी की खुशी के लिए सेक्स के दौरान चरम आनंद का दिखावा करना पड़ा. ऐसे में कई बार तो उन के मन में अपराधबोध आ जाता है कि कहीं उन्हीं में तो कोई कमी नहीं.
चाहिए नौन सैक्सुअल टच
युवतियों को यह बात बिलकुल अच्छी नहीं लगती कि मिलने पर उन का प्रेमी उन्हें एक बार भी छुए या चूमे नहीं और बस एकांत पा कर फोरप्ले के लिए ही बढ़े बल्कि प्रेमिका चाहती है कि जब प्रेमी उस से मिले तो उसे छुए, चूमे लेकिन यह टच नौन सैक्सुअल हो. वह छेड़छाड़ या हंसीमजाक के लिए या अपनापन जताने के लिए छुए. कभी उस के बालों को सहलाए, उस की पीठ पर हाथ फेरे, उस के गालों को चूमे, थपथपाए, होंठों को चूमे.
अत: रिश्ते में मजबूती के लिए ये बातें बेहद जरूरी हैं. प्रेमिका को जताएं कि आप उसे सिर्फ सेक्स के लिए नहीं चाहते बल्कि सेक्स से भी अहम है आप का उस के प्रति प्रेम व लगाव.
उत्तेजना के लिए रोमांटिक बातें जरूरी
एकांत पाते ही प्रेमिका को जकड़ लेना और उत्तेजित हुए बिना ही सेक्स करना प्रेमिका को बिलकुल नहीं भाता. इस के विपरीत वह अपने प्रेमी से एकांत के समय मीठी छेड़छाड़, रोमांटिक बातें और गुदगुदाने वाले सैक्सी किस्से सुनना पसंद करती है जो उसे भीतर तक भनभना दें. इस से उस का मूड बनता है.
इसी प्रकार सेक्स के दौरान प्रेमिका की प्रशंसा, उस के साथ प्यार का इजहार और उस का नाम ले कर आहें भरना, गरम सांसें लेना प्रेमिका को उत्तेजना से भर देता है. सेक्स थेरैपिस्ट लिन एटवाटर का कहना है, ‘‘युवतियों को शारीरिक संबंधों से ज्यादा दिलचस्पी मानसिक उत्तेजना और मानसिक संबंधों में नजर आती है.’’
यूनिवर्सिटी औफ कैलिफोर्निया मैडिकल स्कूल की साइकोलौजिस्ट लोनी बारबच कहती हैं, ‘‘अकसर पढ़ाई और अगर जौब है तो औफिस वर्क के दबाव के बीच किसी युवती को सब से ज्यादा जरूरत सहानुभूति और प्रेमपूर्ण बातों की ही होती है. उसे शरीर सहलाने से जितना मजा मिलता है उस से कई गुणा ज्यादा मजा उस का मन सहलाने से मिलता है. हर प्रेमिका चाहती है कि उस का प्रेमी उस के साथ रोमांटिक बातें करें.
झूठी प्रशंसा की जरूरत नहीं
समझदार प्रेमी वही है जो अपनी प्रेमिका की त्वचा की कोमलता, आंखों की खूबसूरती, होंठों, लंबे घने बालों, उस की मांसल टांगों, वक्ष, नितंब आदि की खूबसूरती व सैक्सुअली अट्रैक्शन की प्रशंसा कर प्रेमिका का आत्मविश्वास बढ़ाए और हंसीठिठोली करे ताकि प्रेमिका पूर्ण समर्पण व सहयोग करे.
सेक्स के बाद भी चाहिए अटैंशन
कई बार प्रेमी प्रेमिका के साथ एकांत पाते ही अंतरंग क्षणों का जम कर आनंद उठाते हैं और फिर चरम पर पहुंच कर स्खलित होते ही मुंह फेर कर प्रेमिका को घरहोस्टल छोड़ने या फिर जाने को कहते हैं, मानो उन्हें अब प्रेमिका से कोई मतलब ही नहीं. उन्हें मतलब तो उस से सिर्फ सेक्स की दरकार थी.
ऐसे में प्रेमिका खुद को बेहद अकेली, उपेक्षित और यूज ऐंड थ्रो वाली वस्तु समझती है. उसे लगता है कि बस सेक्स प्रेमी का अंतिम उद्देश्य था. प्रेमिका चाहती है कि सेक्स और स्खलन के बाद भी प्रेमी उसे चूमे, उस के अंगों को सहलाए ऐसा करतेकरते प्रेमिका को बांहों में भरते हुए उसे वापसी के लिए कहे या छोड़ कर आए. इस से प्रेमिका को आत्मसंतोष महसूस होता है.