जानें-किन हालातों में म्‍यांमार में लगाया गया आपातकाल

 म्‍यांमार में देश की सर्वोच्‍च नेता आंग सान सू की के हिरासत में लिए जाने के बाद वहां के राजनीतिक हालात लगातार बदल रहे हैं। सेना ने इंटरनेट समेत कई चीजों पर रोक लगा दी है। वहां की सेना के के हवाले से बताया है कि अब सत्‍ता कमांडर इन चीफ ऑफ द डिफेंस सर्विस मिन ऑन्‍ग ह्लेनिंग के हाथों में आ गई है। उन्‍होंने देश में एक साल के लिए इमरजेंसी घोषित कर दी है। उप-राष्‍ट्रपति यू-मिंट-सुई फिलहाल कार्यकारी राष्‍ट्रपति के तौर पर काम कर रहे हैं।

ने नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के प्रवक्‍ता यू-मायो-मिंट के हवाले से बताया है कि स्‍टेट काउंसलर ऑन्‍ग सू की समेत उप-राष्‍ट्रपति मिंट और नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के अधिकतर अधिकारियों को देर रात ही सेना ने हिरासत में ले लिया था। ये सब कुछ ऐसे समय में हुआ जब देश की संसद में पहला सत्र शुरू होने वाला था। आपको बता दें कि एनएलडी ने नवंबर 2020 के चुनाव में जीत हासिल की थी। हालांकि इस चुनाव को लेकर काफी विवाद भी हुआ था और आरोप लगाया गया था कि इसमें करीब एक करोड़ मतदाता के नाम पर अनियमितता बरती गई थी। कई ऐसे थे जिनके एड्रेस को लेकर गड़बड़ी थी। हालांकि चुनाव आयोग ने इन आरोपों को नजरअंदाज कर दिया था। चुनाव का विरोध करने वालों ने संसद का सत्र सस्‍पेंड करने की भी अपील की थी, जिसको ठुकरा दिया गया

तातमदेव का कहना है कि देश के संविधान के मुताबिक अनुच्‍छेद 417 इस बात की इजाजत देता है कि यदि देश पर किसी भी तरह का संकट पैदा होता है या उसके बिखराव की आशंका होती है, उसकी संप्रभुता पर हमला होता है, देशव्‍यापी हिंसा होती है, तो ऐसे में राष्‍ट्रपति नेशनल डिफेंस सिक्‍योरिटी काउंसिल के साथ मिलकर देश में आपातकाल की घोषणा कर सकता है। वहीं अनुच्‍छेद 418 के मुताबिक ऐसे समय में राष्‍ट्रपति अपनी सभी शक्तियों को यदि उनके पास ऐसा करने का उचित कारण हो तो, देश के कमांडर इन चीफ ऑफ डिफेंस सर्विस को सौंप सकता है। देश में आपातकाल की घोषणा के साथ ही संसद स्‍वत: ही निलंबित हो जाती है। आपको बता दें कि म्‍यांमार तातमदेव वहां की सेना का आधिकारिक नाम है।

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आदर्श कुमार

संस्थापक और एडिटर-इन-चीफ