जाने किस तरह भारत -चीन का रिश्ता हमेशा के लिए बदल सकता है

लद्दाख के गलवन क्षेत्र में सोमवार की देर रात भारत व चीन की सेनाओं के बीच जो हुआ है वह दोनों देशों के रिश्तों को हमेशा के लिए बदल सकता है। यह दोनो देशों की सरकारों के प्रमुखों के बीच अनौपचारिक वार्ता के दौर पर विराम लगा सकता है तो साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर एक दूसरे के मौजूदा समीकरण को भी पूरी तरह से बदल सकता है। संकेत इस बात का है कि दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्ते बनने के 70 वर्ष होने पर इस वर्ष जो तमाम समारोह होने वाले हैं, उन पर भी पर्दा गिर सकता है। अगले सोमवार को चीन, रूस और भारत के विदेश मंत्रियों की होने वाली त्रिपक्षीय बैठक पर इस घटना का असर होगा।

पूर्वी लद्दाख के गलवन में हुए खूनी सैन्य झड़पों का अंदेशा भारतीय कूटनीतिकारों को कतई नहीं थी। सूत्रों का कहना है कि चीनी सेना का मई, 2020 के पहले हफ्ते से जमावड़ा उम्मीद से बड़ा था लेकिन इस बात के आसार बिल्कुल नहीं थे कि दोनों सेनाओं के बीच लड़ाई की नौबत आ सकती है। बहरहाल, अब हालात वैसी ही हो गई है जैसे कारगिल युद्ध के दौरान भारत व पाकिस्तान के बीच हो गई थी। कारगिल युद्ध के बाद भारत व पाकिस्तान के बीच रिश्ते सुधारने की कोशिशें हुई हैं लेकिन रिश्ते दिनों दिन खराब ही होते गए। अगर भारत व चीन के बीच ऐसा ही कुछ हो तो आश्चर्य नहीं होनी चाहिए।