जानिए 4 शादियां और कई अफेयर वाली एक्ट्रेस साद होस्नी के बारे में

ठीक 22 साल पहले इंग्लैंड में ऐसा दर्दनाक हादसा हुआ कि पूरी इजिप्ट फिल्म इंडस्ट्री सहम उठी। सिंड्रेला ऑफ इजिप्ट कही जाने वाली इजिप्ट की सबसे मशहूर और खूबसूरत एक्ट्रेस साद होस्नी की खून से लथपथ लाश लंदन की सड़क पर पड़ी मिली। लाश की हालत इतनी बदतर थी कि शुरुआत में उसे पहचान पाना भी मुश्किल था। कुछ समय बाद पता चला कि सड़क से लगी बिल्डिंग की बालकनी से गिरकर उनकी मौत हुई होगी। साद की मौत किन परिस्थितियों में हुई, ये मौत हादसा थी, आत्महत्या या मर्डर, इन सवालों के जवाब उनकी मौत के 22 साल बाद भी नहीं मिल सके हैं।

इजिप्ट सिनेमा की ग्लैमरस टॉप एक्ट्रेस साद ने 4 शादियां कीं, लेकिन अफसोस कि उनकी कोई संतान नहीं थी। इन शादियों के अलावा भी खबरें रहीं कि साद ने कई लोगों से सीक्रेट शादियां की थीं। उनके बारे में एक अजीबो-गरीब बात ये भी रही कि फिल्मों में कई दफा दुल्हन बनीं साद ने कभी अपनी रियल शादी में शादी का जोड़ा नहीं पहना

साद होस्नी का जन्म 26 जनवरी 1943 को काहिरा (इजिप्ट) में हुआ। उनके पिता मोहम्मद होस्नी एक मशहूर कैलिग्राफर थे जिनकी दूसरी पत्नी से उन्हें साद हुई थीं। कुछ समय बाद साद के पेरेंट्स ने तलाक ले लिया और मां ने अब्दुल मोनेम हफीज से दूसरी शादी कर ली। दूसरी शादी से जब मां को 6 बच्चे हुए तो उन्होंने साद और उनकी दो बहनों को अपने पूर्व पति मोहम्मद होस्नी को ही सौंप दिया। पिता और मां की शादियों से साद और उनकी दो बहनों के 14 सौतेले भाई-बहन थे।
पिता मशहूर कलाकार थे तो इजिप्ट फिल्म इंडस्ट्री के लोगों का आना-जाना घर पर लगा रहता था। पिता की सिफारिश पर 3 साल की हुनर से भरपूर साद को इजिप्ट टीवी किड प्रोग्राम पापा शारो में पहली बार गाने का मौका मिला। इसके बाद से उनके गाने रेडियो शोज में पसंद किए जाने लगे। 1959 में महज 14 साल में साद ने फिल्म हसन व नैमाह से एक्टिंग डेब्यू किया। पहली फिल्म में अपने चार्म और बेहतरीन अदाकारी से साद ने इजिप्शियन सिनेमा में मजबूत पकड़ बना ली
50-70 के दशक में साद ने अपनी खूबसूरती और बेहतरीन अदाकारी से लोगों के दिलों में गहरी छाप छोड़ी थी। वो पर्दे पर इतनी ग्लैमरस और फैशनेबल दिखती थीं कि उनके पहने हुए कपड़े और हेयरस्टाइल ट्रेंड बन जाते थे।
1950 के दशक को इजिप्ट सिनेमा का गोल्डन दौर कहा गया, जहां नियम था कि सिर्फ हैप्पी एंडिंग वाली ही फिल्में बनेंगी। ये नियम लिखित नहीं था, लेकिन अगर कोई इसका पालन नहीं करता था तो उसे विश्वासघात की श्रेणी में रखा जाता था। खुशनुमा फिल्में इजिप्शियन सिनेमा की पहचान हुआ करती थीं।

उस दौर में साद ने पॉलिटिकल फिल्में कर अपनी अलग पहचान बनाईं। साद की हर फिल्म में उनके रोल खास और एक-दूजे से एकदम अलग होते थे। किसी फिल्म में वो विधवा बनीं तो किसी में सबको परेशान करने वाली कॉलेज की लड़की।

एक समय ऐसा भी था जब साद की राह पर लोगों ने हैप्पी एंडिंग वाली फिल्में बनाना छोड़कर राजनीति और सोशल इश्यू पर फिल्में बनानी शुरू कर दीं। साद 70 के दशक तक कल्चरल आइकन के साथ-साथ इजिप्ट महिला सशक्तिकरण का चेहरा भी मानी जाने लगी थीं।

1984 में एक टीवी शो को दिए इंटरव्यू में साद ने कहा था, ‘मैं अपने किसी भी रोल को रिपीट नहीं करना चाहती। मैं पॉलिटिकल फिल्में कर सकती हूं, एंटरटेनिंग फिल्में कर सकती हूं। हर फिल्म कुछ नया पेश करेगी।’
इजिप्ट सिनेमा के स्टार ओमर शरीफ, सलाह जुल्फिकार, रुश्दी अबाजा जैसे हर बड़े एक्टर के साथ उन्हें फिल्मों में लिया जाने लगा। 1960 की फिल्म मनी एंड वुमन, 1972 की फिल्म वॉच आउट फॉर जोऊ-जोऊ जैसी बेहतरीन फिल्मों ने उन्हें आला दर्जे की एक्ट्रेस में सबसे ऊंचा मुकाम दिलाया

सालों तक इजिप्शियन सिनेमा में खबरें रहीं कि साद ने 60 के दशक में सुपरस्टार अब्दुल हलीम हाफिज से पहली शादी की थी, जो उन्होंने उम्रभर सीक्रेट रखी। खबरें थीं कि दोनों की सीक्रेट शादी 6 साल तक चली थी, लेकिन दोनों ने ही कभी पब्लिकली इस बात को कबूल नहीं किय
इजिप्ट की हर मैगजीन और हर अखबार ने 1962 में साद होस्नी और एक्टर सलाह जुल्फिकार के अफेयर और सीक्रेट शादी की खबरें बढ़-चढ़कर छापीं। दोनों फिल्म वुमन एंड मनी के बाद अपॉइंटमेंट एट द टावर में साथ नजर आए थे, जिसके बाद ये खबरें आम हुईं। इस फिल्म की शूटिंग के लिए पूरी टीम ने 2 हफ्ते एक शिप में बिताए थे।
उस जमाने के मशहूर एक्टर रहे सलाह जुल्फिकार हीरो बनने से पहले पुलिस ऑफिसर हुआ करते थे। लगातार आती खबरों के बीच उन्होंने सिक्योरिटी और प्राइवेसी की चाह में जांच शुरू की और पाया कि ये अफवाहें शिप में शूटिंग के दौरान एक क्रू मेंबर ने फैलानी शुरू की थीं।

दरअसल फिल्म के लिए साद और सलाह के बीच एक किसिंग सीन फिल्माया गया था। शूटिंग के दौरान दोनों 3 मिनट तक एक-दूसरे को किस करते रहे थे। जब सलाह को एहसास हुआ कि उन्हें काफी समय हो चुका है तो उन्होंने खुद सिनेमैटोग्राफर से सीन कट करने को कहा। ये फिल्म जबरदस्त हिट रही थी, जिसके बाद दोनों कुछ और फिल्मों में भी साथ नजर आए।

पहली शादी- साद की पहली शादी 1968 में सिनेमैटोग्राफर सलाह करायेम से हुई। करीब एक साल तक चली शादी 1969 में टूट गई। हालांकि इस नाकाम शादी की वजह सामने नहीं आई।

दूसरी शादी- 1970 में साद ने डायरेक्टर अली बद्रखान से दूसरी शादी की। दोनों की शादी 11 सालों तक चली, लेकिन अफसोस कि उनकी कोई संतान नहीं हुई। अली ने साद को फिल्मों में बेहतर रोल दिलवाए थे जो उनके लिए फायदेमंद साबित हुए थे। साथ रहते हुए अली ने साद के मेंटॉर के तौर पर उन्हें हर कदम पर बेहतर बनाया था।
तीसरी शादी- 1981 में साद ने एक्टर और डायरेक्टर जकी फातिन अब्देल वाहब से तीसरी शादी की। ये इजिप्ट की स्टार सिंगर लीला मुराद और स्टार एक्टर फातीन अब्देल के बेटे थे। दोनों की शादी महज 5 महीने तक ही चल सकी।

चौथी शादी- 1981 में साद ने स्क्रीन राइटर माहेर अवद से चौथी शादी की थी। इस शादी में साद बेहद खुश थीं। ये उनकी सबसे कामयाब शादी थी, लेकिन इससे भी उन्हें कोई संतान नहीं थी।
डायरेक्टर अली बद्रखान से हुई शादी के चलते उन्होंने पति के लिए शफीक एंड मतवाली, पीपल ऑन द टॉप, द हंगर जैसी फिल्में कीं। ये फिल्में उनके करियर का बुरा दौर साबित हुईं। 1975 की फिल्म कर्णक के बाद साद को 4 सालों तक कोई फिल्म नहीं मिली। उन्होंने 1979 में शफीक एंड मतवाली से वापसी की, लेकिन ये फिल्म भी फ्लॉप रही। दो सालों तक फिर उन्हें कोई फिल्म नहीं मिली।

1988 की फिल्म द थर्ड क्लास इतनी बुरी फ्लॉप रही कि उन्होंने 3 सालों तक कोई फिल्म साइन ही नहीं की। वो 1991 की शेफर्ड एंड द वुमन में नजर आईं। वो वापसी तो करना चाहती थीं, लेकिन बिगड़ती तबीयत और बढ़ती उम्र के चलते उन्होंने रिटायरमेंट लेना ही बेहतर समझा।

फिल्मों से दूरी बनाने के बाद साद अपना इलाज करवाने विदेश गईं, हालांकि उन्होंने कभी इस बात का खुलासा नहीं किया कि उन्हें क्या बीमारी थी। कुछ खबरों के मुताबिक उन्हें स्पाइन से जुड़ी बीमारी थी। इस बीमारी के चलते उन्हें चलने-फिरने में दिक्कत आने लगी थी।
जून 2001 में साद होस्नी अपनी करीबी दोस्त नादिया योसरी के लंदन स्थित घर गई थीं। एक हफ्ते बाद साद की लाश उनके अपार्टमेंट के नीचे सड़क पर पड़ी मिली। खून से लथपथ साद मौके पर ही दम तोड़ चुकी थीं। पुलिस पहुंची और अंदाजा लगाया गया कि साद की मौत स्टुअर्ट टावर बिल्डिंग अपार्टमेंट की छठी मंजिल की बालकनी से गिरने से हुई होगी, लेकिन ये आत्महत्या थी, या हत्या या महज एक हादसा? ये गुत्थी आज भी अनसुलझी ह

जब साद के शव को काहिरा शहर लाया गया तो उन्हें आखिरी बार देखने के लिए 10 हजार चाहने वालों की भीड़ जमा हुई थी। उन्हें फैमिली प्लॉट में दफनाया गया, जो काहिरा शहर के बाहरी हिस्से में है। कुछ सालों में ही साद की मौत को एक हादसा मानकर केस बंद कर दिया गया, लेकिन घरवाले और उनके करीबी इस फैसले से संतुष्ट नहीं थे।
मौत के कुछ दिनों पहले तक साद फिल्मों में लौटने की तैयारी कर रही थीं। उन्होंने प्रोड्यूसर समीर खफागा के प्ले में काम करने के लिए 15 किलो वजन घटा लिया था। साथ ही उन्होंने फेस और डेंटल सर्जरी भी करवाई थी, जिससे उनकी अपीयरेंस बेहतर लगे। कई लोगों ने दावा किया था कि साद ने आत्महत्या की है, लेकिन उनकी सर्जरी और वापसी की कोशिश इस बात का सबूत थी कि वो अपना फ्यूचर प्लान कर रही थीं। ऐसे में वो खुदकुशी क्यों करतीं?

बहन ने लगाए थे इजिप्ट के इन्फॉर्मेशन मिनिस्टर पर आरोप

दिसंबर 2016 में ड्रीम टीवी चैनल को दिए एक इंटरव्यू में साद की बहन गंगाह अब्देल मोनेम ने इजिप्ट के इन्फॉर्मेशन मिनिस्टर शफवत एल-शेरिफ पर साद के कत्ल का आरोप लगाया था।

2010 में गंगाह ने साद के पर्सनल डॉक्यूमेंट्स खंगालने शुरू किए और उनके दोस्तों से संपर्क किया, जिससे वो सबूत इकट्ठा कर इजिप्ट में इस केस को दोबारा शुरू करवा सकें। 2010 में गंगाह ने शफवत पर मर्डर का आरोप लगाते हुए केस दर्ज करवाया, लेकिन 3 साल बाद सबूतों की कमी के चलते ये केस बंद कर दिया गया

केस बंद होने के बाद गंगाह ने इन सभी सबूतों और साद की वॉयस रिकॉर्डिंग की मदद से बुक सादः द हिडन सीक्रेट्स ऑफ द क्राइम लॉन्च की। बुक के अनुसार जब साद 20 साल की थीं तो 1962 में उन्हें इंटेलिजेंस एजेंट ममदोह कामिल ने एक फ्रेंच प्रोड्यूसर बनकर मिलने बुलाया था। जब वो मिलने पहुंचीं तो ममदोह ने उनसे कहा कि वो उनके साथ फिल्म के सिलसिले में एक कॉन्ट्रैक्ट साइन करना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें एक स्क्रीन टेस्ट देना होगा। जब वो मान गईं तो अचानक उस कमरे में इंटेलिजेंस चीफ सलाह नासिर, ऑफिसर अहमस यूसरी एल-गज्जार और कुछ नामी लोग आ गए। वो अचानक बेहोश हुईं और जब आंखें खुलीं तो वो एक दूसरी जगह पहुंच चुकी थीं।

ऑफिसर्स ने साद पर इल्जाम लगाए कि वो फ्रेंच जासूस ममदोह से मिली हुईं हैं और इजिप्ट की खुफिया जानकारी फ्रांस को भेजती हैं। उन्होंने साद को दो ऑप्शन दिए, पहला कि वो सार्वजनिक रूप से अपने गुनाह कबूल कर खुद को सरेंडर कर दें और दूसरा कि वो ठीक वैसा ही करें जैसा उनसे कहा जाए। बिना गलती के खुद पर विदेशी जासूस होने का ठप्पा लगाने से लाख बेहतर था कि ऑफिसर्स की बात मान ली जाए, क्योंकि इस दाग से उनका करियर तबाह हो सकता था। साद ने भी वही किया।

बायोग्राफी न लिखी जाए, इसलिए कर दिया कत्ल

उन ऑफिसर्स ने कुछ समय बाद साद से कहा कि उन्हें कुछ इंटेलिजेंस टार्गेट को सिड्यूस कर उनसे जानकारियां निकलवानी होंगी, लेकिन जब-जब उन्हें बुलाया गया, उन्होंने फिल्म शूटिंग और काम का बहाना बनाकर जाने से इनकार दिया।

मौत से चंद दिनों पहले ही साद ने बायोग्राफी लिखने के लिए अपनी जिंदगी की घटनाओं की वॉयस रिकॉर्डिंग करनी शुरू कर दी थी। जैसे ही ये बात अखबारों में छपी तो इन्फॉर्मेशन मिनिस्टर शफवत एल-शेरिफ डर गए और उन्होंने हत्या की साजिश रच दी।

अगले शनिवार, 24 जून को पढ़िए हॉलीवुड फिल्म बेन हर की कहानी। ये अपने जमाने की सबसे महंगी फिल्म थी। अपने कंटेंट के कारण इसे अरब देशों और चीन में बैन कर दिया गया था।