राजस्थान में ओबीसी आरक्षण के मामले पर गहलोत कैंप के मंत्री और विधायक भिड़ गए है। दोनों नेता एक-दूसरे पर जमकर जुबानी तीर चला रहे हैं। पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने इशारों में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास पर निशाना साधा है। हरीश चौधरी का आरोप है कि एक वर्ग विशेष की विचारधारा के लोगों ने कैबिनेट की मीटिंग में ओबीसी आरक्षण पर अड़ंगा लगा दिया। जवाब में मंत्री खाचरियावास ने कहा- उन्हें बेवजह बदनाम करने की साजिश रची जा रही है। जाति के नाम पर को राजनीति नहीं करता है। जिन नेताओं द्वारा ट्रेंड कराया गया है, वे सुन ले किसी से डरता नहीं। कैबिनेट की बैठक में यह कहा गया था कि सभी जाति के लोगों और डिफेंस के लोगों को बुलाकर उनसे राय लेकर निर्णय लेना चाहिए।
ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दूर नहीं करने पर ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति के सदस्य रामसिंह सामोता ने विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में जब EWS औऱ MBC आरक्षण लाया गया, तब किसी ने विरोध नहीं किया। अब सरकार और इसका विरोध करने वाले खामियाजा भुगतने के लिए तैयार रहे। राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव ने कहा कि कैबिनेट की मीटिंग में ड्राफ्ट पर मुहर नहीं लगी है। इस वजह से ओबीसी के युवा हताश है। उपेन यादव ने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर फैसला होना था, लेकिन मंत्री खाचरियावास से विरोध के चलते नहीं हो पाया।
बता दें, पूर्व राजस्व मंत्री और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश चौधरी ओबीसी आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं। कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी का कहना है कि 2018 में पूर्व सैनिकों के संबंध में जारी गलत सर्कुलर के कारण ओबीसी युवाओं को 21% आरक्षण होने के बावजूद भर्ती में एक भी पद नहीं मिल रहा है। बीजेपी सरकार के गलत आदेश से ओबीसी वर्ग के युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है।ओबीसी आरक्षण संघर्ष समिति की मांग है कि सरकार राज्य में भर्तियों के लिये जारी 2018 के परिपत्र में संशोधन करे और सही रोस्टर बनाया जाए। जिससे ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को राहत मिले सके।