केशव प्रसाद मौर्य के…जालीदार टोपी पहनने वाले नाराज हैं:बोले- टोपी तो आपके RSS वाले भी पहनते हैं

उत्तर प्रदेश के डिप्टी CM केशव प्रसाद मौर्य के जालीदार टोपी वाले बयान से एक तबका काफी नाराज है। दरअसल, शुक्रवार को प्रयागराज में केशव ने कहा था कि 2017 से पहले यूपी में लुंगी छाप और जालीदार टोपी पहने गुंडे ही घूमते थे। इन गुंडों से सबसे ज्यादा त्रस्त व्यापारी थे। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद इन सब से भाजपा सरकार ने ही निजात दिलाई। अब अब यह गुंडे ढूंढने से भी नहीं मिल रहे। 2022 का चुनाव आने वाला है। इसलिए हमें ध्यान रखना होगा कि प्रदेश में 2017 से पहले वाला माहौल फिर न बने।

डिप्टी CM के इस बयान के बाद भास्कर रिपोर्टर विनोद मिश्रा लखनऊ के ईदगाह के इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया पहुंचे। यहां लोगों से बातचीत कर समझने की कोशिश की। लोगों से पूछा- केशव ने जो बोला है, उसके मायने क्या हैं? यहां के लोगों का कहना है कि बयानों से टारगेट करने का यह सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। पिछले कुछ चुनावों में मिली हार से भाजपा के लोग घबराए हुए हैं। इसलिए ये लोग ऐसा मुद्दा क्रिएट करना चाहते हैं, जिससे दोनों समुदायों में दरार पैदा हो। लेकिन, यह लोग कामयाब नहीं होंगे। लोग अब इन्हें जान चुके हैं। इनके मकसद को पहचान गए हैं। यह एक तरह से एक समुदाय विशेष में असुरक्षा का भाव पैदा करना चाहते हैं। अब यह कामयाब नहीं होने वाला है। हमें इससे आगे बढ़ कर आने वाली नस्लों की तरक्की के बारे में सोचना है।

यहां के लोगों का कहना है कि हर मजहब का एक कल्चर होता है। एक निशानी होती है। हमारे मुल्क की खूबसूरती रही है कि यहां हर धर्म का सम्मान होता रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने-अपने धर्म के अनुसार खाने और पहनने का अधिकार दिया है। ऐसे में इस तरह के बयान सही नहीं हैं।

इस समय यह बयान सियासी माहौल को गरमाने और उससे फायदे के लिए दिए जा रहे हैं। सरकार को इस समय अपने विकास के काम, लोगों के रोजगार, गरीबी और महंगाई पर बात करनी चाहिए। लेकिन इन मुद्दों से ध्यान हटाकर बांटने की सियासत हो रही है। एक मौलाना ने कहा कि यह टोपी हमारी पहचान है। देश का संविधान हमें अधिकार देता है। टोपी हर तरह की होती है। गांधीजी भी टोपी लगाते थे। RSS के लोग भी टोपी लगाते हैं। टोपी के लिए टारगेट करना अच्छा नहीं है।

वोट के लालच में केशव प्रसाद मौर्य जैसी शख्सियत को ऐसा कहना ठीक नहीं है। अब देश की जनता टोपी और तिलक की राजनीति से तंग आ चुकी है। लोग मानते हैं कि अब इन बयानों का कोई असर नहीं पड़ता। हालांकि पहले जरूर पड़ता था। लेकिन अब सब समझ गए हैं कि यह अपनी सियासत चमकाने के लिए सिर्फ डराने की राजनीति है।

Source: Danik Bhaskar