सिराथू विधानसभा का पारा बढ़ाएंगे केशव प्रसाद मौर्य, टेंशन में आया विपक्ष

यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी जिले के सिराथू विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. ऐसी अटकलें इसलिए लगायी जा रही है क्यों कि वह सिराथू के ही रहने वाले हैं. यहां उन्हें जनता का बेशुमार प्यार मिला है. साल 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में यहां की जनता ने उन्हें पहली बार विधायक बनाया था और बीजेपी को पहली बार इस सीट पर जीत मिली थी. इस समय डिप्टी सीएम उच्च सदन यानी विधान परिषद के सदस्य हैं. दरअसल, अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसे लेकर बीजेपी ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. दिल्ली से लेकर लखनऊ तक लगातार बैठकें हो रही हैं. ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि बीजेपी इस बार सीएम योगी, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा व भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को विधानसभा चुनाव में उतार सकती है.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को सिराथू से विधानसभा चुनाव लड़ाया जा सकता है. उन्होंने यहां का दौरा भी तेज कर दिया है. उनका सिराथू से लगाव लोगों को अच्छे से पता है. उन्होंने सिराथू को विकास की कई योजनाओं का सौगात दिया है. उनसे पहले किसी भी सरकार ने सिराथू के विकास पर ध्यान नहीं दिया. जब बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी तो उस समय विधायक इंद्रजीत सरोज ने सिर्फ अपने विधानसभा क्षेत्र मंझनपुर में विकास कार्य कराये. अन्य क्षेत्र विकास से अछूते रह गए.बता दें, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद ने सिराथू विधानसभा क्षेत्र के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए जो काम किये हैं, उसके विपक्षी दल भी कायल हैं. उनके सिराथू से विधानसभा चुनाव लड़ने का संकेत मिलते ही विपक्षी दलों में हड़कंप मच गया है. वे डिप्टी सीएम का मुकाबला करने के लिए किसी मजबूत चेहरे की तलाश में जुट गए हैं.

केशव प्रसाद मौर्य 2012 में सिराथू विधानसभा सीट पर जीत दर्ज करने के पहले दो बार इलाहाबाद पश्चिमी सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन दोनों बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. 2014 में वे फूलपुर से सांसद चुने गए और सिराथू विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में बसपा का साथ छोड़ सपा का दामन थामने वाले वाचस्पति विधायक चुने गए.

सिराथू सीट से साल 1977 में जनता पार्टी से फरीदुल हसन उस्मानी, 1980 में कांग्रेस से जगदीश प्रसाद, 1985 में कांंग्रेस के पुरुषोत्तम लाल, 1989 में ज्वाला दल के राधेश्याम भारतीय, 1991 में ज्वाला दल के भागीरथी, 1993 में बहुजन समाज पार्टी के रामसजीवन निर्मल और 1996 में बसपा के ही मतेश चंद्र सोनकर विधायक निर्वाचित हुए.

इसके बाद साल 2002 में हुए 14वें विधानसभा चुनाव में सिराथू से बहुजन समाज पार्टी के मतेश चंद्र सोनकर को जीत मिली. उन्होंने समाजवादी पार्टी के शैलेंद्र कुमार को हराया. 2007 में 15वें विधानसभा चुनाव में बीएसपी के वाचस्पति ने सपा के शैलेंद्र कुमार को हराया. इसके बाद 2012 में मौजूदा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य विधायक निर्वाचित हुए. केशव प्रसाद मौर्य सिराथू के कसया गांव के रहने वाले हैं. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के साल 2014 में फूलपुर से लोकसभा सांसद चुने जाने के बाद हुए उपचुनाव में वाचस्पति फिर से विधायक निर्वाचित हुए. वहीं 2017 में सिराथू में दोबारा कमल खिला और भाजपा के शीतला प्रसाद विधायक चुने गए. उन्होंने सपा के वाचस्पति को हराया.