केजरीवाल ने दिल्ली में साढ़े छह साल में दी 406 नौकरी, दूसरे राज्यों में लाखों का वादा

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल उत्तराखंड, पंजाब और गोवा के युवाओं को लाखों सरकारी नौकरियां देने का वायदा कर रहे हैं। लेकिन एक आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपने शासनकाल के कुल साढ़े छह साल में केवल 406 सरकारी नौकरियां दी हैं। पिछले दो साल में दिल्ली सरकार ने केवल 28 सरकारी नौकरियां उपलब्ध कराई हैं। दिल्ली की इस स्थिति को देखते हुए भाजपा ने केजरीवाल के दूसरे राज्यों के युवाओं को लाखों नौकरियां देने के वादे पर सवाल उठाए हैं। अरविंद केजरीवाल ने उत्तराखंड और गोवा के युवाओं से वादा किया है कि राज्य में सत्ता में आने पर यदि बेरोजगार युवाओं को नौकरी नहीं मिल पाती है तो इस दौरान उन्हें बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। यह भत्ता गोवा में तीन हजार रूपये प्रति माह तो उत्तराखंड में यह भत्ता पांच हजार रूपये प्रति माह होगा। दिल्ली सरकार के पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली में इस समय लगभग 14 लाख लोग बेरोजगार हैं। इन लोगों ने दिल्ली सरकार के रोजगार पोर्टल से नौकरियां पाने के लिए आवेदन भी किया हुआ है। दिल्ली के इन युवाओं को कोई बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया जा रहा है।

दिल्ली भाजपा नेता हरीश खुराना ने अमर उजाला से कहा कि आरटीआई से मिली यह सूचना स्वयं दिल्ली सरकार की है। इसे दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल स्वयं भी इनकार नहीं कर सकते। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में अरविंद केजरीवाल को जवाब देना चाहिए कि जब वे अपने शासन वाली दिल्ली में युवाओं को सरकारी नौकरियां नहीं दे पा रहे हैं तो वे दूसरे राज्यों के युवाओं को लाखों सरकारी नौकरियों का झूठा वादा किस आधार पर कर रहे हैं। खुराना ने कहा कि अरविंद केजरीवाल चुनाव प्रचार के दौरान उत्तराखंड और गोवा में जाकर दुष्प्रचार कर रहे हैं। अपने राज्य में बुरे हालात होने के बाद भी दूसरे राज्यों को झूठा सपना दिखाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता इन राज्यों के युवाओं को दिल्ली का यह सच दिखाएंगे और केजरीवाल के झूठ से सावधान रहने की बात कहेंगे।

भाजपा नेता खेमचंद शर्मा ने कहा कि दिल्ली सरकार अपनी स्किल यूनिवर्सिटी का खूब ढिंढोरा पीट रही है। उसका दावा है कि वह रोजगार मेले, स्किल तकनीकी से युवाओं को रोजगार मुहैया करा रही है। दिल्ली सरकार को यह बताना चाहिए कि अगर उसके अपने मंत्रालय यह कह रहे हैं कि दिल्ली में 13 लाख 97 हजार 977 युवा बेरोजगार हैं तो उनका स्किल डेवलेपमेंट का मॉडल सफल कैसे कहा जा सकता है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली सरकार ने किसी युवा को नौकरी नहीं उपलब्ध कराई है, उलटे कोरोना काल में 17 हजार शिक्षकों की नौकरी छीन ली गई है। इन शिक्षकों को कोरोना के कठिन हालात में भी बेरोजगार कर दिया गया है और इसके लिए उन्हें कोई मुआवजा या बेरोजगारी भत्ता भी नहीं दिया गया है। भाजपा नेता ने कहा कि इन आंकड़ों से ही दिल्ली सरकार की असलियत सामने आ जाती है। दिल्ली सरकार की तरफ से इस समाचार पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी है।