कर्नाटक: विधानसभा में पोर्न देखने वाले नेता को इस लिए बनाया गया डिप्टी सीएम

पहली बार कर्नाटक  में तीन उपमुख्यमंत्री  होंगे. मुख्यमंत्री बीएस येडियुरप्पा ने इन मंत्रियों को करीब एक हफ्ते पहले कैबिनेट में शामिल किया था. लक्ष्मण सावदी, गोविंद एम करजोल और अश्वथ नारायण को डिप्टी सीएम बनाया गया है. इन तीनों में लक्ष्मण सावदी एक ऐसा नाम है, जिसने सभी को हैरान कर दिया. 2012 में इनका नाम पोर्न वीडियो कांड में आया था. इन्हें जिम्मेदारी देने से बीजेपी के कई नेता भी हैरान हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर क्या वजह है कि बीजेपी ने उन्हें तरजीह दी है.

पोर्न वीडियो कांड
कर्नाटक के विधानसभा में पोर्न वीडियो देखने का मामला 2012 का है. उस वक्त वहां बीजेपी की सरकार थी और डीवी सदानंद गौड़ा वहां के मुख्यमंत्री थे. सरकार के तीन मंत्री लक्ष्मण सवादी, सीसी पाटिल और कृष्णा पालेमार विधानसभा में मोबाइल पर अश्लील वीडियो देखते पकड़े गए थे. इस कांड ने कर्नाटक विधानसभा को हिलाकर रख दिया था. विपक्षी कांग्रेस और जनता दल (एस) के सदस्यों ने इस घटना में शामिल तीनों मंत्रियों को सदन से निलंबित करने और अयोग्य घोषित किए जाने की मांग की थी. ये तीनों इस्तीफा देने के लिए तैयार नहीं थे. बाद में सीएम गौड़ा ने कहा था कि या तो वो तीनों इस्तीफा देंगे या फिर वो खुद सीएम की कुर्सी छोड़ देंगे. आखिरकार इन तीनों को इस्तीफा देना पड़ा था.


सावदी का बचाव
अब बीजेपी के कई नेता लक्ष्मण सावदी का बचाव कर रहे हैं. उनका कहना है कि ये अब पुरानी बात हो गई. कुछ विधायकों का कहना है कि इसके लिए वो सजा भुगत चुके हैं. लिहाजा उन्हें डिप्टी सीएम बनने पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए.

सावदी के खिलाफ

हालांकि बीजेपी के कई नेता सावदी को नई जिम्मेदारी देने से बेहद नाराज हैं. सादवी फिलहाल विधायक नहीं हैं. वो पिछले साल चुनाव हार गए थे. साल 2018 के चुनाव में उन्हें महेश कुमाथली ने हरा दिया था. बता दें कि इस वक्त कुमारथली का नाम डिसक्वालिफाई विधायकों में शामिल हैं.

क्यों मिली सावदी को बड़ी जिम्मेदारी
सादवी लिंगायत समुदाय से आते हैं. मौजूदा सीएम बीएस येडियुरप्पा भी लिंगायत समुदाय के सबसे बड़े नेता हैं, लेकिन वो अब 76 साल के हो गए हैं. ऐसे में ये मुश्किल लग रहा है कि दूसरी बार वो सीएम बनेंगे. बता दें कि फिलहाल 105 विधायकों में 38 लिंगायत समुदाय से हैं. इसमें से एक पहले मुख्यमंत्री भी रहे हैं.

मुंबई कर्नाटक क्षेत्र के एमएलए का कहना है कि सावदी का सगंठन पर काफी मजबूत पकड़ है. वो महाराष्ट्र में बीजेपी के अध्यक्ष के काफी करीबी माने जाते हैं. इतना ही नहीं मुंबई कर्नाटक क्षेत्र में वो आरएसएस के नेताओं के भी काफी करीब हैं.