कर्नाटक की सत्ता संभाल रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को उपचुनाव वाले कुछ क्षेत्रों में बगावत का सामना करना पड़ सकता है. यही नहीं, ऐसे संकेत हैं कि कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर (जेडीएस) के अयोग्य ठहराए गए 17 विधायक पार्टी में शामिल हो सकते हैं. उनमें से कुछ को पांच दिसंबर के उपचुनाव में टिकट मिल सकता है.
भाजपा सांसद बीएन बचे गौड़ा के पुत्र शरत बचे गौड़ा और राजू केगे ने खुलेआम पार्टी के खिलाफ विद्रोह कर दिया है. वे 15 निर्वाचन क्षेत्रों में उपचुनाव में टिकट नहीं मिलने के संकेत से नाराज हैं. दोनों नेता 2018 के विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरे थे और कांग्रेस उम्मीदवारों से पराजित हो गए थे. दोनों विजयी उम्मीदवार अयोग्य विधायकों में शामिल हैं.
केगे ने भाजपा छोड़ने और कांग्रेस में शामिल होने के अपने फैसले की घोषणा पहले ही कर दी थी जबकि शरत ने बुधवार को कहा कि वह होसकोटे से निर्दलीय के रूप में नामांकन दाखिल करेंगे. शरत की घोषणा ऐसे दिन हुई जब सुप्रीम कोर्ट ने अयोग्य ठहराए गए विधायकों को उपचुनाव लड़ने की अनुमति दे दी. अब सभी की निगाहें भाजपा के अगले कदम पर हैं कि वह उन्हें टिकट देगी या नहीं. मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि अयोग्य ठहराए गए विधायक गुरुवार को भाजपा में शामिल होंगे.