संसद का हंगामेदार मानसून सत्र बुधवार को खत्म हो गया। इस दौरान विपक्ष ने सरकार को संसद में रोकने की हरसंभव कोशिश की जो कि कामयाब होती भी दिखी। वहीं इस बीच जानकारी आ रही है कि विपक्ष की एकता को और मजबूत बनाए रखने के लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी खुद सियासी मैदान में उतरेंगी। इसके लिए सोनिया विपक्ष के कई बड़े नेताओं के संग बैठक भी करेंगी। इनमें शरद पवार, उद्धव ठाकरे, एमके स्टालिन समेत कई अन्य वरिष्ठ नेताओं का नाम शामिल है। हालांकि अभी तक कोई तारीख तय नहीं हुई है। दावा किया जा रहा है कि लंच या डिनर, नेताओं की उपलब्धता पर निर्भर है।
सबसे खास बात यह है कि सोनिया के मीटिंग बुलाने की खबरें ऐसे वक्त में आई हैं, जब हाल ही में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने अपने जन्मदिन के मौके पर दी गई डिनर पार्टी में कई विपक्षी नेताओं को आमंत्रित किया था। इस दौरान विपक्षी एकता और संयुक्त मोर्चा को लेकर चर्चा हुई थी। लेकिन उससे भी अधिक दिलचस्प यह था कि इस बैठक में कांग्रेस नेतृत्व से असंतोष जताने वाले नेता मौजूद थे जिसने सोनिया और राहुल गांधी की चिंता बढ़ा दी।
सोनिया गांधी जो संसद से दूर थीं और सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होने से परहेज कर रही थीं, मंगलवार और बुधवार को सदन की कार्यवाही में शामिल हुईं। बुधवार को, वह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा आयोजित पारंपरिक चाय सभा में भी शामिल हुईं, साथ ही लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी के साथ बैठी थीं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद थे।
संसद में एकता दिखाने के बाद अब विपक्षी दल इसे बरकरार रखने पर काम कर रहे हैं। सभी विपक्षी नेता गुरुवार को राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद कक्ष में मिलने के लिए तैयार हैं और फिर संसद भवन परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने एक प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने विजय चौक तक मार्च करने की भी योजना बनाई है।