इंडियन सिनेमा के इतिहास के सबसे बेहतरीन एक्टर में से एक कमल हासन आज 69 साल के हो चुके हैं। उम्र के इस पड़ाव में भी कमल फिल्म इंडियन 2 में बतौर लीड एक्टर नजर आने वाले हैं। ये उन्हीं की ऑस्कर में नॉमिनेट हुई फिल्म इंडियन (1996) का सीक्वल है। इस फिल्म ने 3 नेशनल अवॉर्ड जीते थे।
कमल हासन भारत में सबसे ज्यादा एक्सपैरिमेंट करने वाले अपनी तरह के इकलौते एक्टर हैं, चाहे वो 4 मिनट की रिवर्स लिपसिंकिंग हो या प्रोस्थेटिक मेकअप। महज 6 साल की उम्र से एक्टिंग में अपनी छाप छोड़ रहे कमल की 7 फिल्में ऑस्कर भेजी जा चुकी हैं, जो अपने आप में भारतीय सिनेमा का एक बड़ा रिकॉर्ड है।
साउथ और हिंदी फिल्मों के लिए कमल को 19 बार बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड मिला, जिसके बाद उन्होंने खुद अपना नाम इन अवॉर्ड से विड्रो कर लिया, जिससे दूसरे कलाकारों को ये अवॉर्ड मिल सके। 60 सालों के एक्टिंग करियर में ऐसे ही कमल हासन ने न जाने कितने रिकॉर्ड बनाए, जिन्हें आज भी कोई तोड़ नहीं सका।
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साल 2000 में जब 19वीं बार कमल हासन को तमिल फिल्म हे राम के लिए बेस्ट एक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला तो उन्होंने फिल्मफेयर ऑर्गेनाइजेशन को एक लेटर लिखा कि आगे उनका नाम किसी भी केटेगरी में नॉमिनेट न किया जाए, जिससे नए और यंग सितारों को ये अवॉर्ड दिया जा सके। इसके बावजूद उन्हें नॉमिनेट किया जाता है।
स्टंट के मामले में कमल हासन जैकी चैन को कड़ी टक्कर देते हैं। वो अपनी फिल्मों में स्टंट करने के लिए बॉडी डबल का इस्तेमाल न करने की बजाए खुद स्टंट करते हैं। अब तक स्टंट करते हुए उनकी 34 हड्डियां टूटी हैं। जबकि स्टंट के लिए मशहूर जैकी चैन की अब तक स्टंट करते हुए 20 हड्डियां टूटी हैं।
साल 1997 में इंग्लैंड की क्वीन एलिजाबेथ तीसरी बार भारत आई थीं। उन्हें कमल हासन की फिल्म मरुध्यानागम के लॉन्च इवेंट में बतौर चीफ गेस्ट बुलाया गया था। क्वीन फिल्म के सेट पर पहुंचीं और उन्होंने फिल्म मरुध्यानागम की लॉन्चिंग की। उन्होंने कमल की फिल्म के सेट पर करीब 20 मिनट बिताए थे। इस फिल्म को ब्रिटिश कंपनी को-प्रोड्यूस कर रही थी, हालांकि कंपनी के बैकआउट करने से ये फिल्म कभी बन ही नहीं सकी।
कमल ने महज 4 साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट कलाथुर कनम्मा से एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म में बेहतरीन प्रदर्शन करने के लिए कमल हासन को राष्ट्रपति अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था। इसके बाद कमल ने 5 अन्य फिल्मों में बतौर चाइल्ड एक्टर काम किया
बतौर यंग कलाकार डेब्यू करने से पहले कमल कई फिल्मों में बैकग्राउंड डांसर भी रह चुके हैं। इसके अलावा उन्होंने साउथ की कई फिल्में असिस्ट की हैं। लंबे स्ट्रगल के बाद साल 1974 में उन्हें फिल्म कन्याकुमारी में पहली बार लीड रोल निभाने का मौका मिला, जिसके लिए उन्हें पहला फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था। उनकी बतौर लीड दूसरी फिल्म अपूर्वा रागंगल थी जिसके लिए उन्हें दूसरा फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला।
तमिल सिनेमा में बतौर एक्टर नाम बनाने के बाद कमल हासन ने प्रोडक्शन हाउस राजकमल फिल्म इंटरनेशनल की शुरुआत की और पहली फिल्म राजा पारवई (1981) प्रोड्यूस की। इस फिल्म में कमल हासन ने खुद लीड रोल निभाया था। विक्रम, चाची 420, थेवर मगम, हे राम और विश्वरूपम जैसी हिट फिल्में, कमल हासन के प्रोडक्शन हाउस ने ही बनाई हैं।
1997 की फिल्म चाची 420 से कमल हासन ने बतौर डायरेक्टर करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म को पहले शांतनु शोरे डायरेक्ट कर रहे थे, हालांकि उनके काम से नाखुश होकर कमल ने खुद फिल्म डायरेक्ट की। इसके बाद कमल ने हे राम, वीरूमंडी, विश्वरूपम, विश्वरूपम-2 भी खुद डायरेक्ट की है। इन सभी फिल्मों में वो खुद ही लीड रोल में थे।