झारखंडः सरकार गिराने का माजरा क्या है, सब्जी बेचने और मजदूरी करने वालों पर राजद्रोह का लगाया मुकदमा

हेमन्‍त सरकार को गिराने की साजिश का माजरा स्‍पष्‍ट नहीं हो रहा है। पुलिस का हाई वोल्‍टेज ड्रामा चलता रहा। गोपनीयता इतनी बरती गई कि पहले दिन तो मीडिया को कोई पुष्‍ट करने को तैयार नहीं था कि सरकार की गिराने की साजिश या इस तरह के मामले में तीन लोग पकड़े गये हैं। अब इसमें नया नाटकीय मोड़ आ गया है। गिरफ्तार लोगों में निवारण प्रसाद महतो सब्‍जी-फल बिक्रेता, अमित सिंह दिहाड़ी मजदूर तो अभिषेक दुबे किराना दुकानदार हैं। इधर राजनीति भी शुरू हो गई है। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने साजिश को लेकर भाजपा पर गंभीर आरोप लगाया है। कहा कि यह साधारण घटना नहीं है। कर्नाटक, मध्‍य प्रदेश मॉडल के बाद भाजपा का अगला निशाना झारखण्‍ड ही था। सीपी सिंह की ओर इशारा करते हुए कहा कि भाजपा के सबसे सीनियर विधायक, विधानसभा अध्‍यक्ष भी रहे हैं, पूर्व मंत्री का बयान आया कि हम खरीदेंगे तो पकड़े थोड़े ही जायेंगे। यानी वे कितने पारंगत हैं। कोई अलोकतांत्रिक कदम उठा तो झारखण्‍ड चुप नहीं बैठेगा। वहीं भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने ट्वीट कर अंधेर नगरी चौपट राजा लिखा है। पकड़े गये निवारण और अमित बोकारो के रहने वाले हैं। इनके परिजनों का कहना है कि दो दिन पहले 22 जुलाई की आधी रात इन्‍हें घर से उठाया गया जबकि पुलिस रांची के होटल से गिरफ्तारी बता रही है। यह भी अजीब संयोग है कि जिस कांग्रेस विधायक अनूप कुमार सिंह ने रांची कोतबाली पुलिस को 22 जुलाई को आवेदन देकर सरकार गिराने की साजिश की बात कही थी वे भी बोकारो जिला के बेरमो विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। लोकल न्‍यूज पोर्टल के अनुसार रांची के कोतबाली थाना में मौजूद निवारण प्रसाद महतो के बहनोई सोनू कुमार ने कहा कि पुलिस ने दोनों को दो दिन पहले बोकारो से यह कहकर उठाया कि एक मामले में पूछताछ करनी है। एक-डेढ़ घंटे में छोड़ दिया जायेगा। उसके बाद स्‍कॉर्पियो में बैठाकर दोनों को ले गये। शुक्रवार की शाम तक दोनों को बोकारो के सिटी थाना में रखा गया और शुक्रवार की देर रात रांची भेज दिया। तब शनिवार को वे भागे हुए रांची पहुंचे। निवारण सब्‍जी और फल की रेहड़ी लगाता है जबकि अमित देहाड़ी मजदूर है। कोतबाली थाना में अमित सिंह के पिता भरत सिंह ने कहा कि उनका बेटा बोकारो स्‍टील प्‍लांट में ठेका मजदूर है। जब काम मिलता है तो एवज में दैनिक चार सौ रुपये मिलते हैं। परिजन रांची आये तो मीडिया की खबरों से पता चला कि सरकार गिराने की साजिश में दोनों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों रोज कमाने-खाने वाले हैं, राजनीति से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है।