विधानसभा में लैंड म्यूटेशन बिल को लेकर पीछे हटी राज्य सरकार ने इसे गलत और सही का आकलन करने की प्रक्रिया से जोड़ा है। शुक्रवार को इस बाबत सत्तारूढ़ दलों की बैठक के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार सही और गलत का आकलन करने के बाद ही कोई विधेयक लाएगी। लोगों के सुझाव पर विचार करना आवश्यक है। सरकार सभी सुझावों पर गंभीरता से विचार करेगी।
जानकारी के मुताबिक विधानसभा स्थित मुख्यमंत्री के कार्यालय कक्ष में सत्तारूढ़ दलों की बैठक में विधायकों ने भी एक स्वर में लैंड म्यूटेशन बिल के मौजूदा स्वरूप का विरोध किया। बैठक के बाद राज्य सरकार के मंत्रियों और सत्तापक्ष के विधायकों ने खुलकर अपना पक्ष रखा। संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर ने कहा कि जो त्रुटियां बताई गई है, सरकार उसे दूर करने के बाद ही बिल पर कोई निर्णय लेगी।
उधर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि हमलोग बिल के मौजूदा स्वरूप के पक्ष में नहीं हैं। इसे लागू करने से पहले से मौजूद जमीन संबंधित दिक्कतें और बढ़ जाएंगी। ऐसे में इसमें संशोधन कर फिर से प्रारूप तैयार करने की जरूरत है। झामुमो के विधायक विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि लोगों की सरकार ने अपेक्षाएं बढ़ी है। इसे पूरा नहीं किया गया तो खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।