बदलापुर, जौनपुर / 02.07.2020: जब पूरे विश्व के साथ-साथ भारत में भी कोविड-19 के भयंकर प्रकोप से आम जनजीवन अस्त व्यस्त है। लोगों की नौकरी चली गई है। बेरोजगारी चरम सीमा पर है। भुखमरी की दर बढ़ती जा रही है। आवश्यक वस्तुओं के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। स्कूल कॉलेज बंद होने से छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। ऐसे में भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोलियम पदार्थों की मनमाना मूल्यवृद्धि करके एक बार फिर जनविरोधी कदम उठाया गया है। जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम की कीमत कम हो रही है, तब भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार जनता को अब तक की सबसे महंगी डीजल और पेट्रोल खरीदने के लिए मजबूर कर रही है। डीजल के दाम पेट्रोल के दाम के बराबर पहुंचा दिया गया है। जिससे खेती किसानी से लेकर माल ढुलाई तक हर वस्तु महंगी हो जाएगी। जाहिर है कि सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने हेतु आम जनता की कोरोना लाकडाऊन से भयावह आर्थिक स्थिति को नजरअंदाज कर रही है, जो सरकार की अमानवीय व जनविरोधी फैसला है।
आज प्रदेश में कानून व्यवस्था अपराधियों के आगे नतमस्तक हो चुकी है। पूरे प्रदेश में हत्या, रेप, छेड़खानी, डकैती, चोरी व महिलाओं की असुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन मौन है।कानून का भय अपराधियों में खत्म हो चुका है। दिन-रात किसी समय अप्रिय घटना घटने के डर से प्रदेशवासी सहमे रहते हैं और अपराधी बेखौफ होकर जंगलराज कायम किए हुए हैं।
उक्त बातें SUCI(Communist) पार्टी के जौनपुर जिला सचिव- कामरेड रविशंकर मौर्य ने कहा। उन्होंने आगे कहा कि, ऐसी संकट की स्थिति में मेहनतकश वर्ग की भरोसेमंद क्रांतिकारी पार्टी एस.यू.सी.आई (कम्युनिस्ट) द्वारा आज 2 जुलाई 2020 को प्रदेशव्यापी ऑनलाइन विरोध दिवस मनाने के क्रम में महामहिम राज्यपाल उत्तर प्रदेश को आनलाइन ज्ञापन के माध्यम से जनता की भावनाओं से अवगत करा रहे हैं और आशा करते हैं कि जनता की जायज़ मांगों पर विचार करते हुए अविलंब ठोस कदम उठाएंगी।
-: हमारी मांगे :-
- डीजल पेट्रोल के दामों में वृद्धि करना बंद किया जाए।
- पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें आधी किया जाए ।
- प्रदेश में बढ़ रहे अपराधों पर रोक लगाई जाए।
- सबको सुरक्षा की गारंटी की जाए।
इस अवसर पर जौनपुर जिले के विभिन्न क्षेत्रों के गांवों में लोगों ने अपने घर पर रहते हुए पोस्टर लेकर डीजल पेट्रोल के बढ़ती कीमतों व तेजी से बढ़ रही आपराधिक घटनाओं का शांतिपूर्वक विरोध किया। मौके पर का. हीरालाल गुप्ता, मिथिलेश कुमार मौर्य, दिलीप कुमार, राजेंद्र प्रसाद तिवारी, इन्दुकुमार शुक्ल, अशोक कुमार खरवार, लालता प्रसाद मौर्य, रामलाल, छोटेलाल, राजबहादुर, जयनारायण मौर्य, अलगूराम, तालुकदार, दिनेश मौर्य, प्रमोद कुमार शुक्ला, श्रीपति सिंह, विकास मौर्य, महेंद्र मौर्य, प्रवीण शुक्ला, सन्तोष प्रजापति, राजबहादुर विश्वकर्मा, रामप्यारे, आदि ने जगह जगह विरोध किया।