मिडिल ईस्ट में जारी जंग और यूक्रेन-रूस के युद्ध के बीच नोबेल शांति पुरस्कार विजेता का ऐलान किया गया. जापान की संस्था निहोन हिडानक्यो को इस बार शांति का नोबेल पुरस्कार मिला है. यह संस्था ‘परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया’ की वकालत करती है. जापानी संगठन निहोन हिडानक्यो का गठन साल 1956 में हुआ. इसे हिबाकुशा के नाम से भी जाना जाता है. इसका मिशन परमाणु हथियारों से होने वाले नुकसान को लेकर दुनिया भर में जगरूकता फैलाना है.
हिबाकुशा एक जापानी शब्द है जिसका अर्थ है, ‘बम से बचने वाला’ या ‘रेडियोधर्मिता से प्रभावित व्यक्ति.’ इसका इस्तेमाल आम तौर पर द्वितीय विश्व युद्ध के अंत में संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा हिरोशिमा और नागासाकी पर किए गए परमाणु बम विस्फोटों से प्रभावित लोगों के लिए किया जाता है. साल 2023 में ईरान की पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता नरगिस मोहम्मदी को शांति के लिए नोबेल पुरस्कार दिया गया था. उनका संगठन डिफेंडर्स ऑफ ह्यूमन राइट्स सेंटर ईरान में प्रतिबंधित है.