कोरोना ने चीन के बड़े शहरों और कस्बों के साथ-साथ गांवों में भी भयंकर तबाही मचानी शुरू कर दी है। BBC ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि चीन के गांवों में कोरोना से काफी लोगों की जान गई है। कुछ ही दिनों में इतने लोगों का अंतिम संस्कार हुआ है कि उत्तरी शांक्सी प्रोविंस में लोगों को दफनाने के लिए ताबूतों की भी कमी हो गई है।
भारत में शुक्रवार को कोरोना के 47 नए मामले सामने आए। हेल्थ मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, देश में अभी 879 एक्टिव केस हैं। महामारी की शुरुआत से अब तक देश में 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही 4 करोड़ से ज्यादा लोग वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। इसी बीच आज भारत में आज स्वदेशी फार्मा कंपनी भारत बायोटेक दुनिया की पहली इंट्रानेजल कोविड-19 वैक्सीन लॉन्च की। इसका नाम iNCOVACC है।
जापान में शुक्रवार को कोरोना के 53911 कोरोना के केस दर्ज किए गए हैं। राजधानी टोक्यो में ही कुल 5061 केस दर्ज किए गए, जबकि एक दिन में 410 लोगों की मौत हुई है। जापान में गुरुवार को कोरोना के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले लोगों की संख्या में भी कमी आई है।
गुरुवार को 585 लोग अस्पताल में भर्ती हुए। इसी बीच जापान ने तय किया है कि वो 8 मई से कोरोना को नॉर्मल फ्लू की कैटेगरी में शामिल करेंगे। जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा का कहना है कि इससे जनता कोरोना को नॉर्मल मानेगी और वायरस के साथ जीना सीखेगी।
चीन के सेंटर फॉर डिसिज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (CDC) के मुताबिक, लूनर न्यू ईयर के मौके पर कोरोना से हुई मौतों में 80% कमी आई है। दरअसल, एक्स्पर्ट्स का कहना था कि 21 जनवरी के बाद यानी लूनर न्यू ईयर के समय लोगों का घर आना-जाना लगा रहेगा, जिसके चलते संक्रमण बढ़ेगा और कई मौतें होंगी
हांग कांग यूनिवर्सिटी की एक रिसर्च के मुताबिक, चीन की राजधानी बीजिंग की 92% आबादी जनवरी के आखिर तक कोरोना से संक्रमित हो जाएगी। यहां की जनसंख्या 2 करोड़ 20 लाख है। बीजिंग समेत चीन के कई बड़े शहरों में कई बार कोरोना का पीक आ सकता है। यह लूनर न्यू ईयर के दौरान बड़ी संख्या में हो रही आवाजाही के कारण हो रहा है।कोरोना worldometer के मुताबिक, दुनिया में अब तक 67 करोड़ 41 लाख 39 हजार 160 मामले सामने आ चुके हैं। 11 जनवरी 2020 को चीन के वुहान में 61 साल के बुजुर्ग की मौत हुई थी। ये दुनिया में कोरोना से होने वाली पहली मौत थी। इसके बाद मौत का सिलसिला बढ़ने लगा। अब तक 67 लाख 52 हजार 854 मौतें हो चुकी हैं।