जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बोले, पाकिस्तान की बर्बरता कभी नहीं भूलेंगे कश्मीरी

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गुरुवार को कहा कि हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि 22 अक्टूबर, 1947 के दिन किस तरह पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर हमला किया। पाकिस्तानी फौज और कबाइलियों ने मुजफ्फराबाद (गुलाम कश्मीर) में हजारों की तादाद में निर्दोष लोगों का कत्ल कर दिया। हमें पाकिस्तान की बर्बरता को ही नहीं, बल्कि उसके खिलाफ कश्मीर के लोगों की कुर्बानियों को भी याद रखना चाहिए। उन्होंने पाकिस्तान की नापाक साजिशों और उसके छद्म युद्ध से राज्य की वर्तमान और भावी पीढ़ी को अवगत कराने पर भी जोर दिया।
मनोज सिन्हा श्रीनगर के शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में शुरू हुई दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। मालूम हो कि देश विभाजन के बाद कश्मीर पर कब्जा करने के लिए पाकिस्तानी सेना ने कबाइलियों के साथ मिलकर 22 अक्टूबर, 1947 को हमला किया था। गुलाम कश्मीर से उजड़े लोग और राज्य की जनता उस दिन को काला दिवस के रूप में मनाती है, लेकिन खुलकर सामने नहीं आ रही थी। 73 सालों में पहली बार इस साल कबाइली हमले के सच को उजागर करने के लिए म्यूजियम ऑफ 22 अक्टूबर, 1947 प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है।
सिन्‍हा ने कहा, नेकां संस्थापक ने खुद कहा था कि पाकिस्तान कभी कश्मीरियों का हमदर्द नहीं हो सकता

उपराज्यपाल ने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री स्व. शेख मुहम्मद अब्दुल्ला ने कई बार पाकिस्तानी फौज और कबाइलियों के कश्मीर पर हमले, लूटमार और आगजनी का जिक्र करते हुए कहा था कि पाकिस्तान कभी भी कश्मीरियों का हमदर्द नहीं है।

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आदर्श कुमार

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