फरवरी, 1994 का प्रस्ताव है कि पाकिस्तान के साथ भारत का अगर कोई मसला है तो वह पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) का है। केंद्र सरकार से पाकिस्तान की यदि कोई बातचीत होगी तो पीओके पर ही होगी। केंद्र में सशक्त और निर्णय लेने वाली सरकार है। यह बातें विधानसभा स्पीकर डॉ. निर्मल सिंह ने कठुआ दौरे के दौरान प्रेसवार्ता में कहीं।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद वह खुद दो बार कश्मीर गए हैं। जो लोग कहते थे कि कश्मीर पर फैसला लेने वालों के हाथ जल जाएंगे व तिरंगा उठाने वाला कोई नहीं होगा के नाम पर क्षेत्रवासियों को करते रहे। कश्मीर में हालात नियंत्रण में हैं और आने वाले समय में सब ठीक हो जाएगा।
बाजार खुल रहे हैं, लोग खरीदारी कर रहे हैं, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सशक्त गृहमंत्री और राज्यपाल की नीतियां हैं। इसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। पाकिस्तान लगातार हालात खराब करने की कोशिश कर रहा है, मगर जम्मू कश्मीर में सीमा से लेकर भीतर तक हालात नियंत्रण में हैं।
राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर लागू प्रतिबंध के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि इसे बहाल करने से ज्यादा कीमती जिंदगियों को बचाना ज्यादा जरूरी है। जम्मू में 2जी इंटरनेट सेवाएं शुरू की गई थीं, लेकिन कुछ शरारती तत्वों ने इसका गलत इस्तेमाल किया। सरकार नहीं चाहती कि सोशल मीडिया का गलत इस्तेमाल करते हुए अफवाहें फैलाई जाएं। इससे हालात खराब होने और जान माल का नुकसान हो सकता है।
उन्होंने कहा कि एक ओर पाकिस्तान के साथ प्रॉक्सी वार जारी है, तो वहीं ऐसी आजादी के क्या मायने जिसने 70 साल में 42 हजार लोगों की राज्य में जान ले ली। कश्मीर में हालात सामान्य हैं और जब तक हालात और बेहतर नहीं होते मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद रहेंगी। जम्मू-कश्मीर विधानसभा स्पीकर डॉ. निर्मल ने कहा- पाकिस्तान के साथ कोई मसला है तो वह पीओके का है
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